indore-news:-हत्या-के-प्रयास-के-मामले-में-अक्षय-बम-को-जमानत-नहीं-मिली,-कोर्ट-ने-कहा-गिरफ्तारी-की-आशंका-नहीं
akshay kanti bam - फोटो : अमर उजाला, इंदौर विस्तार Follow Us इंदौर लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी रहे अक्षय कांति बम को हत्या के प्रयास के मामले में सत्र न्यायालय से अग्रिम जमानत नहीं दी गई है। सात पेज के आदेश में कोर्ट ने यह जरूर कहा है कि प्रकरण के तथ्य देखते हुए आरोपितों की गिरफ्तारी की आशंका दिखाई नहीं पड़ती, इसलिए अग्रिम जमानत के प्रावधान लागू नहीं किए जा सकते। गौरतलब है कि अक्षय ने इंदौर लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी बनने के बाद नामांकन वापस ले लिया है। अब वे भाजपा में शामिल हो चुके हैं।  क्या है मामला अक्षय और उनके पिता कांति बम पर 17 साल पुराने एक मामले में हाल ही में प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी ने हत्या के प्रयास की धारा 307 बढ़ाई है। खजराना पुलिस ने इस प्रकरण में आरोपितों पर धारा 147, 148, 149, 323, 294 और 336 के तहत प्रकरण दर्ज किया था। प्रकरण में वर्ष 2014 में चालान भी पेश हो चुका है। चुनाव के ठीक पहले बढ़ाई धारा पांच अप्रैल 2024 को फरियादी की तरफ से एक आवेदन प्रस्तुत हुआ था। इसमें अक्षय और अन्य पर हत्या की धारा बढ़ाने की मांग की गई थी। इसे स्वीकार करते हुए कोर्ट ने धारा बढ़ा दी थी। इसके बाद अक्षय ने वरिष्ठ अधिवक्ता अविनाश सिरपुरकर और अजय मिश्रा के माध्यम से अग्रिम जमानत के लिए आवेदन प्रस्तुत किया था। अभियोजन की तरफ से लोक अभियोजक अभिजीतसिंह राठौर ने पैरवी की। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने अग्रिम जमानत आवेदन निरस्त कर दिया। धारा बढ़ने के बाद अक्षय ने वापस लिया नामांकन अक्षय ने धारा 307 बढ़ने के बाद अपना नामांकन वापस ले लिया था। उन पर यह भी आरोप लगे थे कि वे डरकर भाजपा में शामिल हो गए हैं। हालांकि अक्षय ने बाद में इन सभी बातों का खंडन किया था। 

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इंदौर लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी रहे अक्षय कांति बम को हत्या के प्रयास के मामले में सत्र न्यायालय से अग्रिम जमानत नहीं दी गई है। सात पेज के आदेश में कोर्ट ने यह जरूर कहा है कि प्रकरण के तथ्य देखते हुए आरोपितों की गिरफ्तारी की आशंका दिखाई नहीं पड़ती, इसलिए अग्रिम जमानत के प्रावधान लागू नहीं किए जा सकते। गौरतलब है कि अक्षय ने इंदौर लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी बनने के बाद नामांकन वापस ले लिया है। अब वे भाजपा में शामिल हो चुके हैं। 

क्या है मामला
अक्षय और उनके पिता कांति बम पर 17 साल पुराने एक मामले में हाल ही में प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी ने हत्या के प्रयास की धारा 307 बढ़ाई है। खजराना पुलिस ने इस प्रकरण में आरोपितों पर धारा 147, 148, 149, 323, 294 और 336 के तहत प्रकरण दर्ज किया था। प्रकरण में वर्ष 2014 में चालान भी पेश हो चुका है।

चुनाव के ठीक पहले बढ़ाई धारा
पांच अप्रैल 2024 को फरियादी की तरफ से एक आवेदन प्रस्तुत हुआ था। इसमें अक्षय और अन्य पर हत्या की धारा बढ़ाने की मांग की गई थी। इसे स्वीकार करते हुए कोर्ट ने धारा बढ़ा दी थी। इसके बाद अक्षय ने वरिष्ठ अधिवक्ता अविनाश सिरपुरकर और अजय मिश्रा के माध्यम से अग्रिम जमानत के लिए आवेदन प्रस्तुत किया था। अभियोजन की तरफ से लोक अभियोजक अभिजीतसिंह राठौर ने पैरवी की। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने अग्रिम जमानत आवेदन निरस्त कर दिया।

धारा बढ़ने के बाद अक्षय ने वापस लिया नामांकन
अक्षय ने धारा 307 बढ़ने के बाद अपना नामांकन वापस ले लिया था। उन पर यह भी आरोप लगे थे कि वे डरकर भाजपा में शामिल हो गए हैं। हालांकि अक्षय ने बाद में इन सभी बातों का खंडन किया था। 

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