लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ – फोटो : अमर उजाला, इंदौर
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राजनीति में जाने का निर्णय मैं बंद कमरे में नहीं लूंगा। यह एक बड़ा फैसला है और जब भी मैं राजनीति में जाऊंगा तो आप सभी के साथ वह निर्णय साझा करूंगा, फिलहाल राजनीति में जाने का निर्णय मैंने नहीं लिया है। मैं समाजसेवा और अपने अन्य कार्यों में खुश हूं। पूरी दुनिया आज भारत की तरक्की को देख रही है और इस तरक्की का मुख्य आधार हमारे युवा और हमारे बुजुर्गों के संस्कार हैं। इन दोनों चीजों का मेल ही हमें आगे ले जा रहा है। यह बातें इंदौर में लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने अमर उजाला से चर्चा के दौरान कहीं।
लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ महाराणा प्रताप के वंशज हैं और एक सफल बिजनेसमैन, समाजसेवी और मोटिवेशनल स्पीकर के रूप में अपनी पहचान बन चुके हैं। वह उदयपुर के पूर्व राजघराने के सदस्य हैं। लक्ष्यराज हाल ही में अयोध्या में रामलला के दर्शन करके लौटे हैं और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात के बाद लोकसभा चुनाव लड़ने की उनकी अटकलें तेज हो गई हैं। इन सब के बीच उन्होंने साफ कर दिया कि वह चुनाव नहीं लड़ रहे हैं।
अमर उजाला से चर्चा में उन्होंने कहा कि बड़े घराने में जन्म लेने के बाद भी सब कुछ आसान नहीं होता। आपको खुद अपनी काबिलियत साबित करना होती है। आपसे अधिक अपेक्षाएं होती हैं जिन्हें पूरा करने का आपके ऊपर अतिरिक्त दबाव होता है।
मैंने भी बचपन में बहुत से लोगों से यह सुना कि तुम यह काम नहीं कर पाओगे या काबिल नहीं बन पाओगे लेकिन उनकी बातों को मैंने नकारात्मक तरीके से लेने के बजाय अपनी ताकत बनाया। आपकी सफलता को रोकने वाले लोग आपको मजबूत ही बनाते हैं। यह बात हमें हमेशा ध्यान रखना चाहिए।
आज पूरी दुनिया भारत की तरक्की को देख रही है और हमारे युवा दिन-रात मेहनत करके हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर रहे हैं। भारत का भविष्य बेहद उज्जवल है। मैं यह जरूर कहना चाहूंगा की सफलता की सीढ़ियां चढ़ते वक्त अपने बुजुर्गों के संस्कारों को हमेशा याद रखें क्योंकि यही वह नींव है जो आपको सफलता की ऊंचाइयों पर भी जमीन से जोड़े रखती है।
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