ppf-vs-mutual-fund:-म्यूचुअल-फंड-निवेश-पर-टैक्स-छूट-के-साथ-मिलेगा-तगड़ा-रिटर्न,-पानी-भरते-रह-जाएंगे-fd-और-ppf
PPF vs Mutual Fund: कभी भी निवेश करते वक्त सही प्लानिंग बेहद जरूरी है. आपने कई लोगों से ये शिकायत सुनी होगी कि पूरी जिंदगी प्लान करके निवेश करते रहे. मगर, वक्त के समय हाथ खाली रह गया या मुट्ठी भर भी रिटर्न हासिल नहीं कर सके. ऐसे में कई लोगों को कंफ्यूजन है कि पीपीएफ में निवेश करना बेहत है या म्यूचुअल फंड में एसआईपी करना बेहतर है. ऐसे में हम आपकी मदद कर सकते हैं. पीपीएफ अपने गारंटीड रिटर्न और कर-मुक्त भविष्य मूल्य के कारण हमेशा एक लोकप्रिय निवेश विकल्प रहा है. लेकिन कई मामलों में म्यूचुअल फंड बेहतर है. हालिया आंकड़ों से पता चलता है कि लंबी अवधि में म्यूचुअल फंड बेहतर विकल्प हो सकते हैं. हालांकि, इसके लिए आपको सही प्लानिंग और एक वित्तीय सलाहकार के मदद की जरूरत होगी. PPF vs Mutual FundSocial Media. कैसे बेहतर है म्यूचुअल फंड पीपीएफ में निवेश किसी भी ऐसे आम निवेशक के लिए बेहत है जो बहुत ज्यादा रिस्क उठाना नहीं चाहते हैं. हालांकि, चार सिनारियो में म्यूचुअल फंड के साथ पीपीएफ की तुलना करने पर, 10% दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर काटने के बाद भी म्यूचुअल फंड आगे निकलते हैं. जबकि पीपीएफ में प्रति वर्ष 1.5 लाख की सीमा है, म्यूचुअल फंड में ऐसी कोई सीमा नहीं है. कई म्यूचुअल फंड निवेश ऐसे हैं जिसमें निवेशक को आयकर की धारा 80सी के तहत छूट दी जा सकती है. इसके अलावा, स्मार्ट निवेशक म्यूचुअल फंड निवेश द्वारा प्रदान की जाने वाली हर साल 1 लाख की कर छूट प्राप्त करने के लिए रिडीम और पुनर्निवेश जारी रख सकते हैं. हालांकि, लंबे समय में की अवधि में निवेश की अस्थिरता कोई मायने नहीं रखती, खासकर अगर निवेश 10 साल से अधिक समय तक रहता है. चूंकि पीपीएफ एक दीर्घकालिक निवेश है इसलिए रिटर्न को अधिकतम करने के लिए अन्य विकल्पों पर विचार करना उचित है. हमेशा की तरह, अपना शोध करना और वह निवेश विकल्प चुनना महत्वपूर्ण है जो आपके वित्तीय लक्ष्यों के लिए सबसे अच्छा काम करता है. क्या है पीपीएफ प्रोविडेंट फंड (Provident Fund) यानी पीपीएफ एक बचत योजना है जो भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए बनाई गई है. यह योजना कर्मचारियों को उनकी निवृत्ति के बाद के जीवन के लिए बचत करने का एक सुरक्षित और विशेष तरीका प्रदान करती है. पीपीएफ उन श्रमिकों के लिए है जो संगठित रूप से किसी संस्था या कंपनी में काम करते हैं. योजना के तहत प्रति महीने, कर्मचारी और कंपनी दोनों द्वारा निर्धारित राशि पीपीएफ खाते में जमा की जाती है. इसके बाद, कर्मचारी या उनके निर्धारित पर्यायों को निवृत्ति के बाद इस राशि को प्राप्त कर सकते हैं. इसमें जमा की गई राशि पर ब्याज दर सरकार द्वारा निर्धारित की जाती है, जिससे जमा की गई राशि समय के साथ बढ़ती है. निवेशक को रिटार्मेंट के समय एक बड़ी राशि की राशि मिलती है. पीपीएफ में जमा की गई राशि पर सरकार के द्वारा टैक्स छूट भी प्रदान की जाती है. म्यूचुअल फंड क्या है म्यूचुअल फंड एक वित्तीय योजना है जिसमें एक समूह के विभिन्न निवेशकों द्वारा संग्रहित धन को एकत्र किया जाता है और इसे एक प्रोफेशनल निवेश प्रबंधक द्वारा विभिन्न निवेश साधारित किए जाते हैं. इसमें निवेशकों को इकट्ठा करके उनके लिए एक सामान्य निवेश पोर्टफोलियो बनाया जाता है, जिसका लाभ उन्हें आपसी रूप से बांटा जाता है. म्यूचुअल फंड विभिन्न निवेश विकल्पों का समर्थन करते हैं, जैसे कि शेयरों, बॉन्ड्स, और अन्य संपत्तियाँ, जिससे निवेशकों को विविधता का लाभ होता है. इसकी लिक्विडिटी अच्छी होती है, क्योंकि निवेशक अपने इंवेस्टमेंट को निकालने के लिए निवेश प्रबंधक को इक्विटी या डेबेंचर के लिए अनुरोध कर सकते हैं. इसमें छोटे निवेशक भी बड़े निवेशों में हिस्सा ले सकते हैं, जिससे उन्हें वित्तीय बाजार में शामिल होने का मौका मिलता है. म्यूचुअल फंड्स में निवेश के लिए न्यूनतम निवेश राशि होती है, जिससे छोटे निवेशक भी इसमें शामिल हो सकते हैं. (Disclaimer: कृपया ध्यान दें कि म्यूचुअल फंड में निवेश करने से बाजार जोखिम जुड़ा है. निवेश से पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह कर लें.) Provident FundMutual fundPublished Date Fri, Feb 2, 2024, 7: 57 AM IST

You can share this post!

Related News

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

PPF vs Mutual Fund: कभी भी निवेश करते वक्त सही प्लानिंग बेहद जरूरी है. आपने कई लोगों से ये शिकायत सुनी होगी कि पूरी जिंदगी प्लान करके निवेश करते रहे. मगर, वक्त के समय हाथ खाली रह गया या मुट्ठी भर भी रिटर्न हासिल नहीं कर सके. ऐसे में कई लोगों को कंफ्यूजन है कि पीपीएफ में निवेश करना बेहत है या म्यूचुअल फंड में एसआईपी करना बेहतर है. ऐसे में हम आपकी मदद कर सकते हैं. पीपीएफ अपने गारंटीड रिटर्न और कर-मुक्त भविष्य मूल्य के कारण हमेशा एक लोकप्रिय निवेश विकल्प रहा है. लेकिन कई मामलों में म्यूचुअल फंड बेहतर है. हालिया आंकड़ों से पता चलता है कि लंबी अवधि में म्यूचुअल फंड बेहतर विकल्प हो सकते हैं. हालांकि, इसके लिए आपको सही प्लानिंग और एक वित्तीय सलाहकार के मदद की जरूरत होगी.

PPF vs Mutual FundSocial Media.

कैसे बेहतर है म्यूचुअल फंड

पीपीएफ में निवेश किसी भी ऐसे आम निवेशक के लिए बेहत है जो बहुत ज्यादा रिस्क उठाना नहीं चाहते हैं. हालांकि, चार सिनारियो में म्यूचुअल फंड के साथ पीपीएफ की तुलना करने पर, 10% दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर काटने के बाद भी म्यूचुअल फंड आगे निकलते हैं. जबकि पीपीएफ में प्रति वर्ष 1.5 लाख की सीमा है, म्यूचुअल फंड में ऐसी कोई सीमा नहीं है. कई म्यूचुअल फंड निवेश ऐसे हैं जिसमें निवेशक को आयकर की धारा 80सी के तहत छूट दी जा सकती है. इसके अलावा, स्मार्ट निवेशक म्यूचुअल फंड निवेश द्वारा प्रदान की जाने वाली हर साल 1 लाख की कर छूट प्राप्त करने के लिए रिडीम और पुनर्निवेश जारी रख सकते हैं. हालांकि, लंबे समय में की अवधि में निवेश की अस्थिरता कोई मायने नहीं रखती, खासकर अगर निवेश 10 साल से अधिक समय तक रहता है. चूंकि पीपीएफ एक दीर्घकालिक निवेश है इसलिए रिटर्न को अधिकतम करने के लिए अन्य विकल्पों पर विचार करना उचित है. हमेशा की तरह, अपना शोध करना और वह निवेश विकल्प चुनना महत्वपूर्ण है जो आपके वित्तीय लक्ष्यों के लिए सबसे अच्छा काम करता है.

क्या है पीपीएफ

प्रोविडेंट फंड (Provident Fund) यानी पीपीएफ एक बचत योजना है जो भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए बनाई गई है. यह योजना कर्मचारियों को उनकी निवृत्ति के बाद के जीवन के लिए बचत करने का एक सुरक्षित और विशेष तरीका प्रदान करती है. पीपीएफ उन श्रमिकों के लिए है जो संगठित रूप से किसी संस्था या कंपनी में काम करते हैं. योजना के तहत प्रति महीने, कर्मचारी और कंपनी दोनों द्वारा निर्धारित राशि पीपीएफ खाते में जमा की जाती है. इसके बाद, कर्मचारी या उनके निर्धारित पर्यायों को निवृत्ति के बाद इस राशि को प्राप्त कर सकते हैं. इसमें जमा की गई राशि पर ब्याज दर सरकार द्वारा निर्धारित की जाती है, जिससे जमा की गई राशि समय के साथ बढ़ती है. निवेशक को रिटार्मेंट के समय एक बड़ी राशि की राशि मिलती है. पीपीएफ में जमा की गई राशि पर सरकार के द्वारा टैक्स छूट भी प्रदान की जाती है.

म्यूचुअल फंड क्या है

म्यूचुअल फंड एक वित्तीय योजना है जिसमें एक समूह के विभिन्न निवेशकों द्वारा संग्रहित धन को एकत्र किया जाता है और इसे एक प्रोफेशनल निवेश प्रबंधक द्वारा विभिन्न निवेश साधारित किए जाते हैं. इसमें निवेशकों को इकट्ठा करके उनके लिए एक सामान्य निवेश पोर्टफोलियो बनाया जाता है, जिसका लाभ उन्हें आपसी रूप से बांटा जाता है. म्यूचुअल फंड विभिन्न निवेश विकल्पों का समर्थन करते हैं, जैसे कि शेयरों, बॉन्ड्स, और अन्य संपत्तियाँ, जिससे निवेशकों को विविधता का लाभ होता है. इसकी लिक्विडिटी अच्छी होती है, क्योंकि निवेशक अपने इंवेस्टमेंट को निकालने के लिए निवेश प्रबंधक को इक्विटी या डेबेंचर के लिए अनुरोध कर सकते हैं. इसमें छोटे निवेशक भी बड़े निवेशों में हिस्सा ले सकते हैं, जिससे उन्हें वित्तीय बाजार में शामिल होने का मौका मिलता है. म्यूचुअल फंड्स में निवेश के लिए न्यूनतम निवेश राशि होती है, जिससे छोटे निवेशक भी इसमें शामिल हो सकते हैं.

(Disclaimer: कृपया ध्यान दें कि म्यूचुअल फंड में निवेश करने से बाजार जोखिम जुड़ा है. निवेश से पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह कर लें.)

Provident FundMutual fundPublished Date

Fri, Feb 2, 2024, 7: 57 AM IST