अमर उजाला, न्यूज डेस्क, उज्जैन Published by: दिनेश शर्मा Updated Fri, 02 Feb 2024 10: 39 PM IST
प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल शुक्रवार को उज्जैन में थे। उन्होंने विक्रम विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की समीक्षा और चुनौतियां कार्यक्रम में शिरकत की। उन्होंने नई शिक्षा नीति पर भी छात्रों से संवाद किया।
इसके पहले राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने यूजीसी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सौजन्य से आयोजित राष्ट्रीय कांफ्रेंस का दीप प्रज्वलन शुभारंभ किया। राज्यपाल पटेल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का निर्धारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विद्यार्थियों का हौसला बढ़ाने के साथ बंधन मुक्त शिक्षा का अवसर देने के संकल्प के साथ नई शिक्षा नीति का निर्माण कराया है। नई शिक्षा नीति में कला और विज्ञान व्यावसायिक और शैक्षणिक योग्यता पठन और गैर पठनकर गतिविधियों के बीच विभाजन को खत्म करने का अवसर उपलब्ध कराया है। इसमें विद्यार्थी को पसंद के क्षेत्र में ज्ञान प्राप्ति का अवसर और प्रेरणा मिलेगी। नई शिक्षा नीति के लागू होने से शिक्षण में बहुमुखी माहौल को बढ़ावा मिलेगा।
विश्वविद्यालय के स्वर्ण जंयती सभागृह में एक दिवसीय आयोजन में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के 270 से अधिक शासकीय, अशासकीय विश्वविद्यालयों के कुलपति शामिल हुए हैं। कार्यक्रम के प्रारंभ में स्वागत भाषण विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय ने दिया। कांफ्रेस के शुभारंभ के बाद सुबह से लेकर शाम तक 10 सत्र आयोजित किए गए। यह सत्र विश्वविद्यालय के शलाका दीर्घा, विधि अध्ययनशाला के कक्षों में कार्यक्रम में शामिल होने वाले कुलपति अलग-अलग चर्चा कर नई शिक्षा नीति को लागू करने पर आ रही परेशानी को लेकर भी सुझाव दिए।
यूजीसी के चेयरमैन ने बताया- क्या है राष्ट्रीय शिक्षा नीति
यूजीसी के चेयरमैन प्रो. एम. जगदीश ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के संदर्भ में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यूजीसी, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विजन को पूरा करने के लिए सतत प्रयास कर रहा है। आयोग यह सुनिश्चित करता है कि उपरोक्त पहल के लाभ महत्वाकांक्षी युवाओं के एक बड़े वर्ग मिल सकें। महत्वपूर्ण पहल के प्रभावी कार्यान्वयन और एक रोड मैप विकसित करने में विश्वविद्यालयों को सुविधा प्रदान करने के लिए यूजीसी ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों, राज्य विश्वविद्यालयों, निजी विश्वविद्यालयों और मानित विश्वविद्यालयो के कुलपतियों सहित पांच क्षेत्रीय समितियो का गठन किया है।
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