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महाकाल के दर्शन करने आए विक्रम मस्ताल - फोटो : अमर उजाला विस्तार वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें उज्जैन में बाबा महाकाल के दर्शन करने के बाद विक्रम मस्ताल ने पत्रकारों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि बुधनी में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान शिवराज सिंह के पुत्र को नाराज लोगों ने इलाके से भगा दिया था। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि शिवराज सिंह सरकार ने अपने इलाके में ही काम नहीं किया है तो प्रदेश के बाकी इलाकों की क्या स्थिति रही है। उन्होंने कहा कि आम आदमी महंगाई से परेशान था। परन्तु सरकार और उससे जुड़े लोग मजे कर रहे थे। उन्होंने जनता की कोई चिंता नहीं थी। महाकाल लोक में भारी भ्रष्टाचार किया गया। आवाज उठाने पर बेतुके बयान देकर लोगों को भ्रमित करने की कोशिश की जाती है। मस्ताल का कहना है कि एग्जिट पोल नहीं यह तो ओपिनियन पोल है। यह भी कुछ लोगों के बीच किया गया है। इससे प्रदेश की जनता की राय का नाम दिया जा रहा है। विक्रम मस्ताल ने कहा, प्रदेश की जनता ने कमलनाथ को फिर से मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय सुना दिया है। अब तीन दिसंबर को फैसला आएगा और छह दिसंबर को कमलनाथ फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। इससे पहले मस्ताल ने महाकाल के दर्शन किए। उनके साथ शहर कांग्रेस अध्यक्ष रवि भदौरिया, जिलाध्यक्ष कमल पटेल और पंडित राजेश त्रिवेदी आदि मौजूद रहे।

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महाकाल के दर्शन करने आए विक्रम मस्ताल – फोटो : अमर उजाला

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उज्जैन में बाबा महाकाल के दर्शन करने के बाद विक्रम मस्ताल ने पत्रकारों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि बुधनी में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान शिवराज सिंह के पुत्र को नाराज लोगों ने इलाके से भगा दिया था। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि शिवराज सिंह सरकार ने अपने इलाके में ही काम नहीं किया है तो प्रदेश के बाकी इलाकों की क्या स्थिति रही है।

उन्होंने कहा कि आम आदमी महंगाई से परेशान था। परन्तु सरकार और उससे जुड़े लोग मजे कर रहे थे। उन्होंने जनता की कोई चिंता नहीं थी। महाकाल लोक में भारी भ्रष्टाचार किया गया। आवाज उठाने पर बेतुके बयान देकर लोगों को भ्रमित करने की कोशिश की जाती है। मस्ताल का कहना है कि एग्जिट पोल नहीं यह तो ओपिनियन पोल है। यह भी कुछ लोगों के बीच किया गया है। इससे प्रदेश की जनता की राय का नाम दिया जा रहा है।

विक्रम मस्ताल ने कहा, प्रदेश की जनता ने कमलनाथ को फिर से मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय सुना दिया है। अब तीन दिसंबर को फैसला आएगा और छह दिसंबर को कमलनाथ फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। इससे पहले मस्ताल ने महाकाल के दर्शन किए। उनके साथ शहर कांग्रेस अध्यक्ष रवि भदौरिया, जिलाध्यक्ष कमल पटेल और पंडित राजेश त्रिवेदी आदि मौजूद रहे।

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