गैस एजेंसी के बाहर बैठी महिलाएं – फोटो : अमर उजाला
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लाडली बहनों को उज्जवला योजना के तहत मिले गैस सिलेंडर को 450 रुपये में देने की घोषणा मुख्यमंत्री के द्वारा की गई है और उन महिलाओं को भी इसका लाभ देने के लिए कहा है जिनके पति के नाम से गैस कनेक्शन है। इसके बाद से लगातार महिलाएं गैस एजेंसी के चक्कर लगा रही हैं और अपने पति के नाम का गैस कनेक्शन अपने नाम कराना चाह रही हैं, लेकिन वह उनके नाम पर नहीं हो रहा है। इसलिए सभी गैस एजेंसियों में महिलाओं का मेला लगा हुआ है।
दरअसल गैस एजेंसी के कर्मचारी कह रहे हैं कि नगर पालिका के कर्मचारी जो लाडली बहना योजना पोर्टल पर आवेदन कर रहे हैं वहीं पति के नाम का गैस कनेक्शन भी पत्नी के नाम करेंगे, जबकि नगर पालिका के कर्मचारी कह रहे हैं कि यह काम उनका नहीं है। यह काम गैस एजेंसी वाले ही कर सकते हैं वह तो केवल महिला के नाम से गैस कनेक्शन का आवेदन भर सकते हैं। शनिवार को गुप्ता गैस एजेंसी के बाहर बड़ी संख्या में महिलाएं खड़ी थी। कई महिलाएं उज्जवला योजना के तहत मिले गैस कनेक्शन की किताब बनवाने लाइन में लगी थी, लेकिन उससे ज्यादा महिलाएं अपने पति के नाम से बने गैस कनेक्शन का कार्ड लेकर पहुंची थी। उनका कहना था कि मुख्यमंत्री ने कहा कि अब पति के नाम का गैस कनेक्शन महिलाओं के नाम हो सकेगा ताकि सभी को 450 रुपये में गैस सिलेंडर मिल सकेगा।
एजेंसी के मैनेजर बसंत पांडे ने बताया कि जहां लाडली बहना के उज्वला योजना के गैस कनेक्शन के आवेदन भरे जा रहे हैं वहां नगर पालिका के कर्मचारी पति के नाम वाले गैस कनेक्शन को भी पत्नी के नाम से करेंगे। इसके बाद एक महिला रीता विश्वकर्मा जब नगर पालिका के कर्मचारियों के पास पहुंची तो उसे बताया गया कि यह कनेक्शन पत्नी के नाम से नहीं हो सकता क्योंकि यह काम गैस एजेंसी वालों का है।इसके बाद कई महिलाएं वापस अपने घर लौट आईं।
इस संबंध में नोडल अधिकारी नगर पालिका के अरशद खान सिटी मैनेजर से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि यदि पति के नाम से गैस कनेक्शन तो है उसे पत्नी के नाम से ट्रांसफर करने का काम गैस एजेंसी का है उनके विभाग के पास यह काम नहीं है। वह केवल इतना कर सकते हैं कि यदि किसी उज्जवला योजना के कनेक्शन वाली महिला के नाम में कहीं कुछ गलती है तो वह उसे सुधार सकते हैं।
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