अजय बोकिल
Updated Sat, 07 Oct 2023 11: 52 AM IST
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MP Election 2023: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीहोर की जनसभा में संकेत दिए कि मुख्यमंत्री की कुर्सी उनसे छिटक सकती है। वह कह रहे हैं कि मैं चला जाऊंगा तो खूब याद आऊंगा। इसे उनका विदाई भाषण भी कहा जा रहा है। अमर उजाला ग्राफिक्स – फोटो : अमर उजाला
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को खां, अपने एमपी में 18 साल से जमे मुखमंतरी शिवराजसिंह चोहान को एहसास हो गया हे के ये उनकी आखिरी पारी हेगी। लिहाजा उन्होंने तकरीबन हर पोरोगराम में केना शुरू कर दिया हे के मियां, में तो जा रिया हूं। कल को याद रखना। अपने होम डिस्ट्रिक्ट सीहोर में भेनो के पोरोगराम में तो उन्होंने दर्दभरे अंदाज में बोला के एसा भइया तुम्हे फिर कभी नई मिलेगा, जो अपनी भेनो का इत्ता खयाल रखता हो। भांजियों को एसा मामा नई मिलेगा, जो भांजियों की इत्ती चिंता करता हो।
मियां, सियासी जानकार इसे मेराथन पारी खेलने वाले शिवराज का विदाई गीत करार दे रिए हें तो कुछ लोगों का मानना हेगा के ये भी एक नई सियासी चाल हे। जिसकी बुनियाद में पब्लिक से सिम्पेथी हासिल करना हे। लेकिन इसकी सबसे बड़ी वजह ये हेगी कि इस चुनाव में पिरचार से लेके टिकट बांटने तक का सारा तामझाम भाजपा आला कमान ने अपने हाथों में ले लिया हे। इसके पेले ये तमाम फेसले अमूमन भोपाल में ओर पिरदेश भाजपा की सतह पे लिए जाते थे। टिकट बांटने में सबसे ज्यादा मुखमंतरी की चलती थी। इसका नतीजा ये रिया शिवराज की रहनुमाई में बीजेपी दो बार मेजारिटी से चुनाव जीत गई। मगर 2018 में ये फार्मूला नाकामयाब रिया। आला कमान की नजरों में शिवराज के नंबर कम हो गए।
सो, इस विधानसभा चुनाव में भाजपा का चेहरा खुद पिरधानमंतरी मोदी हें तो बाकी सब लोगों का काम उनका झंडा उठाके विपक्ष के बंकरो पे हमला बोलना हे। इसमें भी सीएम शिवराज ने इत्ती गुंजाइश निकाली हुई हे के आए दिन रेवडि़यों ओर रियायतों का एलान बिना थके करते जा रिए हें। शायद मोसम कुछ बदल जाए। ये तब जारी रेगा जब तलक चुनाव का ऐलान चुनाव आयोग नई कर देता।
मियां, आलम ये हेगा के पीएम एमपी के हालिया दोरों में मंच से शिवराज के काम की तारीफ करना तो दूर उनका नाम लेने से भी परहेज कर रिए हें। आला कमान के इस रूख से शिवराज भी भीतर से कहीं आहत हैं। लगभग तभी से शिवराज की मुद्रा ‘अलविदा’ की शक्ल में सरे आम दिखाई देने लगी है। अपनी केबिनेट की पिछली बेठक में उन्होंने आला अफसरों को ‘अब तक के सहयोग’ के लिए शुक्रिया बोला। सीहोर के एक पोरोगराम में तो मौजूद ओरतों से खिताब करते हुए शिवराज भइया बोले के देखो, जब में नई रहूंगा, तब आपको मेरी भोत याद आएगी, ऐसा भाई आपको फिर नहीं मिलेगा। उन्होंने ये भी बोला के में सूबे में सरकार नई पूरा परिवार चला रिया हूं। उन्होंने दावे के साथ बोला के मेंने इन 18 सालों में पिरदेश की सियासत बदल दी हेगी। कभी आपने सोचा था क्या के भेनो के खाते में हर महीने इत्ते पेसे आएंगे। ये तो एक इंकलाब हेगा। उम्र के इशारों को समझते हुए शिवराज ये भी बोले के में अब 64 साल का हो गया हूं। और कित्ता जीऊंगा। हम अपनी जिंदगी में क्या बेहतर कर सकते हैं। आप जब एक बड़े मिशन से जुड़ गए तो वो मिशन या पार्टी ते करती हे कि आपका अगला रोल क्या होगा? शिवराज आजकल पब्लिक मीटिंगों में ये भी पूछ रिए हें के में इस दफे चुनाव लड़ूं या नईं। पब्लिक का जवाब आता हे के हां। मगर इस सवाल का असली जवाब तो आला कमान के पास हेगा। मगर वो पत्ते कब ओर केसे खोलेगा। इसका इंतजार सभी को हेगा। मियां, लग रिया हे के शिवराज ने वक्त की परछाइयों को चीन्ह लिया हे। आगे क्या होगा, ये मोदी शाह के अलावा कोई नई बता सकता। शिवराज के ‘अलविदा गीत’ से पब्लिक में कित्ती सहानुभूति जगेगी, ये देखने की बात हे। मगर चुनाव जीतने चक्कर में परदेश का सरकारी खजाना रीता जा रिया हे। इसका खमियाजा तो भुगतना ई पड़ेगा।
बतोलेबाज डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यह लेखक के निजी विचार हैं। आलेख में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है। अपने विचार हमें blog@auw।co।in पर भेज सकते हैं। लेख के साथ संक्षिप्त परिचय और फोटो भी संलग्न करें।
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