न्यूज डेस्क, अमर उजाला, दमोह Published by: अरविंद कुमार Updated Wed, 30 Aug 2023 02: 42 PM IST लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें Damoh Hijab Case: दमोह जिले में गंगा जमना स्कूल के हिजाब मामले में कोर्ट ने कहा, हिंदू और जैन बच्चियों को हिजाब पहनने के लिए मजबूर न किया जाए। गंगा जमना स्कूल मामले में महिला प्राचार्या सहित अन्य को जमानत मिल गई है।   मध्य प्रदेश हाईकोर्ट, जबलपुर - फोटो : Social Media विस्तार Follow Us दमोह में स्थित गंगा जमना स्कूल के हिजाब मामले में महिला प्राचार्या सहित तीन अन्य आरोपियों को जमानत का लाभ मिला है। हाईकोर्ट जस्टिस डीके पालीवाल की एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि हिूंद और जैन समुदाय की बच्चियों को हिजाब पहनने के लिए मजबूर न किया जाए। धार्मिक अनिवार्यता तिलक, कलावा और जनेऊ पहनने से किसी को रोका नहीं जाएगा। गंगा जमना स्कूल की प्रचार्या असफा शेख, शिक्षक अनस अथर और चपरासी रूस्तम अली की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि उन्हें धारा-295 ए, 506, 120 बी, जुबेनाइल एक्ट तथा धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम में 11 जून को गिरफ्तार किया गया था। तभी से वह न्यायिक अभिरक्षा में है। पुलिस ने प्रकरण में चालान भी न्यायालय के समक्ष पेश कर दिया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने कक्षा नर्सरी से कक्षा 12 तक छात्राओं को सलवार सूट तथा स्कार्फ पहनने के लिए मजबूर किया। स्कूल में मुस्लिम धर्म की प्रार्थना तथा उर्दू भाषा सभी के लिए अनिर्वाय थी। छात्रों को तिलक लगाना तथा कलावा और जनेउ पहनना प्रतिबंधित था। याचिकाकर्ताओं की तरफ से पैरवी करते वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष दत्त ने एकलपीठ को बताया कि ड्रेस कोड का निर्धारण स्कूल कमेटी द्वारा किया गया था। कर्मचारी होने के कारण उसका पालन करना याचिकाकर्ताओं द्वारा किया गया। स्कूल एक अल्पसंख्यक संस्था का है। परंतु धर्मान्तरण की कोई शिकायत सामने नहीं आई है। तीनों याचिकाकर्ता लगभग ढाई महीने से जेल में निरूध्द हैं। संबंधित न्यायालय के समक्ष पुलिस ने प्रकरण में चालान भी पेश कर दिया है। एकलपीठ ने पांच शर्ते निर्धारत करते हुए आरोपियों को जमानत का लाभ प्रदान किया है। एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि चालान पेश हो गया है और ट्रायल में समय लगेगा। मुख्य रूप से स्कूल प्रबंधन पर आरोप है कि छात्राओं को हिजाब पहनने मजबूर किया गया। याचिकाकर्ता भविष्य में से कृत्य न करें, स्कूल परिसर में हिजाब पहनने छात्राओं को मजबूर नहीं किया जाये। माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम अनुसार शिक्षा प्रदान की जाये, छात्रों को धार्मिक शिक्षा नहीं, बल्कि आधुनिक शिक्षा दी जाये। शर्तों का उल्लंघन करने पर जमानत समाप्त हो जायेगी। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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Damoh Hijab Case: दमोह जिले में गंगा जमना स्कूल के हिजाब मामले में कोर्ट ने कहा, हिंदू और जैन बच्चियों को हिजाब पहनने के लिए मजबूर न किया जाए। गंगा जमना स्कूल मामले में महिला प्राचार्या सहित अन्य को जमानत मिल गई है।
  मध्य प्रदेश हाईकोर्ट, जबलपुर – फोटो : Social Media

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दमोह में स्थित गंगा जमना स्कूल के हिजाब मामले में महिला प्राचार्या सहित तीन अन्य आरोपियों को जमानत का लाभ मिला है। हाईकोर्ट जस्टिस डीके पालीवाल की एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि हिूंद और जैन समुदाय की बच्चियों को हिजाब पहनने के लिए मजबूर न किया जाए। धार्मिक अनिवार्यता तिलक, कलावा और जनेऊ पहनने से किसी को रोका नहीं जाएगा।

गंगा जमना स्कूल की प्रचार्या असफा शेख, शिक्षक अनस अथर और चपरासी रूस्तम अली की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि उन्हें धारा-295 ए, 506, 120 बी, जुबेनाइल एक्ट तथा धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम में 11 जून को गिरफ्तार किया गया था। तभी से वह न्यायिक अभिरक्षा में है। पुलिस ने प्रकरण में चालान भी न्यायालय के समक्ष पेश कर दिया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने कक्षा नर्सरी से कक्षा 12 तक छात्राओं को सलवार सूट तथा स्कार्फ पहनने के लिए मजबूर किया। स्कूल में मुस्लिम धर्म की प्रार्थना तथा उर्दू भाषा सभी के लिए अनिर्वाय थी। छात्रों को तिलक लगाना तथा कलावा और जनेउ पहनना प्रतिबंधित था।

याचिकाकर्ताओं की तरफ से पैरवी करते वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष दत्त ने एकलपीठ को बताया कि ड्रेस कोड का निर्धारण स्कूल कमेटी द्वारा किया गया था। कर्मचारी होने के कारण उसका पालन करना याचिकाकर्ताओं द्वारा किया गया। स्कूल एक अल्पसंख्यक संस्था का है। परंतु धर्मान्तरण की कोई शिकायत सामने नहीं आई है। तीनों याचिकाकर्ता लगभग ढाई महीने से जेल में निरूध्द हैं। संबंधित न्यायालय के समक्ष पुलिस ने प्रकरण में चालान भी पेश कर दिया है।

एकलपीठ ने पांच शर्ते निर्धारत करते हुए आरोपियों को जमानत का लाभ प्रदान किया है। एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि चालान पेश हो गया है और ट्रायल में समय लगेगा। मुख्य रूप से स्कूल प्रबंधन पर आरोप है कि छात्राओं को हिजाब पहनने मजबूर किया गया। याचिकाकर्ता भविष्य में से कृत्य न करें, स्कूल परिसर में हिजाब पहनने छात्राओं को मजबूर नहीं किया जाये। माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम अनुसार शिक्षा प्रदान की जाये, छात्रों को धार्मिक शिक्षा नहीं, बल्कि आधुनिक शिक्षा दी जाये। शर्तों का उल्लंघन करने पर जमानत समाप्त हो जायेगी।

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