सांकेतिक तस्वीर। - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us झांसा देकर दुराचार कर युवती को गर्भवती कर दिया, फिर उसका गर्भपात करवाया और दूसरी लड़की से शादी कर ली। इन सबसे दुखी युवती ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सुसाइड लेटर भी लिखा था। जिला कोर्ट ने आरोपी को दोषमुक्त कर दिया था। जिस फैसले को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में अपील की गई थी। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रविविजय कुमार मलिमथ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने अपील की सुनवाई करते हुए रिकॉर्ड व केस डायरी प्रस्तुत करने के आदेश जारी किए हैं। मृतका के पिता की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि उसकी बेटी ने अक्टूबर 2017 में फांसी लगाकर आत्महत्या की थी। उसके सुसाइड नोट में लिखा था कि गांव में रहने वाले विजय बहेलिया ने उसे प्यार किया था। गर्भवती होने के उसके द्वारा गर्भपात करवाया गया। परिवार वालों के साथ मिलकर उसने धोखा किया और मुझे ठुकराकर दूसरी लड़की से शादी कर ली। युवक के परिजनों द्वारा उसके साथ मारपीट भी की गई थी। युवती ने सभी के लिए फांसी की सजा मांगी थी। सुसाइट नोट के आधार पर सीधी जिले के अमलिया थाने में युवक के खिलाफ धारा 376 तथा 306 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया।  सुसाइड नोट में जहर खाकर आत्महत्या का उल्लेख था और तारीख नहीं लिखी थी। इसके कारण न्यायालय ने सुसाइड नोट को संदेह की परिधि में मान लिया। ये भी माना गया कि दोनों के बीच शारीरिक संबंध थे। शारीरिक संबंध स्वैच्छा से स्थापित हुए थे, जिसके कारण युवती गर्भवती हुई थी। न्यायालय ने अपने आदेश में माना है कि आत्महत्या के लिए मानसिक प्रताड़ना करने का तथ्य आवश्यक है, जो प्रकरण में नहीं है। इस आधार पर न्यायालय ने आरोपी को दोषमुक्त करार कर दिया। न्यायालय द्वारा दोषमुक्त किए जाने के खिलाफ अपील दायर की गई है। अपील की सुनवाई करते हुए युगलपीठ ने उक्त आदेष जारी किए।

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सांकेतिक तस्वीर। – फोटो : अमर उजाला

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झांसा देकर दुराचार कर युवती को गर्भवती कर दिया, फिर उसका गर्भपात करवाया और दूसरी लड़की से शादी कर ली। इन सबसे दुखी युवती ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सुसाइड लेटर भी लिखा था। जिला कोर्ट ने आरोपी को दोषमुक्त कर दिया था। जिस फैसले को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में अपील की गई थी। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रविविजय कुमार मलिमथ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने अपील की सुनवाई करते हुए रिकॉर्ड व केस डायरी प्रस्तुत करने के आदेश जारी किए हैं।

मृतका के पिता की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि उसकी बेटी ने अक्टूबर 2017 में फांसी लगाकर आत्महत्या की थी। उसके सुसाइड नोट में लिखा था कि गांव में रहने वाले विजय बहेलिया ने उसे प्यार किया था। गर्भवती होने के उसके द्वारा गर्भपात करवाया गया। परिवार वालों के साथ मिलकर उसने धोखा किया और मुझे ठुकराकर दूसरी लड़की से शादी कर ली। युवक के परिजनों द्वारा उसके साथ मारपीट भी की गई थी। युवती ने सभी के लिए फांसी की सजा मांगी थी।

सुसाइट नोट के आधार पर सीधी जिले के अमलिया थाने में युवक के खिलाफ धारा 376 तथा 306 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया। 

सुसाइड नोट में जहर खाकर आत्महत्या का उल्लेख था और तारीख नहीं लिखी थी। इसके कारण न्यायालय ने सुसाइड नोट को संदेह की परिधि में मान लिया। ये भी माना गया कि दोनों के बीच शारीरिक संबंध थे। शारीरिक संबंध स्वैच्छा से स्थापित हुए थे, जिसके कारण युवती गर्भवती हुई थी। न्यायालय ने अपने आदेश में माना है कि आत्महत्या के लिए मानसिक प्रताड़ना करने का तथ्य आवश्यक है, जो प्रकरण में नहीं है। इस आधार पर न्यायालय ने आरोपी को दोषमुक्त करार कर दिया। न्यायालय द्वारा दोषमुक्त किए जाने के खिलाफ अपील दायर की गई है। अपील की सुनवाई करते हुए युगलपीठ ने उक्त आदेष जारी किए।

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