न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उज्जैन Published by: अंकिता विश्वकर्मा Updated Wed, 30 Aug 2023 08: 24 AM IST ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में श्रावणी पूर्णिमा पर यानी आज सुबह 30 अगस्त को रक्षाबंधन का पर्व मनाया गया। तड़के 3: 00 बजे भद्रा काल शुरू होने से पहले भस्म आरती में सबसे पहले पुजारी परिवार की महिलाओं ने भगवान महाकाल को राखी बांधी। इसके बाद भगवान महाकाल को सवा लाख लड्डुओं का भोग लगाकर आरती की गई। आरती के बाद भक्तों को दिनभर महाप्रसादी का वितरण किया जाएगा।  पुजारियों का कहना है कि महाकाल ज्योतिर्लिंग की पूजन परंपरा में श्रावणी पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस दिन पुण्य पवित्र श्रावण मास का समापन होता है और भगवान महाकाल को सवा लाख लड्डुओं का महाभोग लगाया जाता है। इस बार भी श्रावणी पूर्णिमा मनाई गई। भस्म आरती में भगवान महाकाल को सबसे पहले राखी बांधकर महाभोग लगाया गया। श्रावण का उपवास खोलते हैं पंडितों का कहना है कि जो भक्त सावन के पूरे महीने में उपवास रखते हैं, वे रक्षाबंधन के दिन भगवान महाकाल की लड्डू प्रसादी ग्रहण करके उपवास खोलते हैं। इसलिए भक्तों को पूरे दिन महाप्रसादी का वितरण किया जाता है। परंपरा अनुसार सवा लाख लड्डुओं का भोग भस्म आरती करने वाले पुजारी परिवार की ओर से लगाया जाता है। इसलिए इस बार का महाभोग पं प्रदीप गुरु के परिवार की ओर से भक्तों के सहयोग से लगाया गया। महापर्व पर मंदिर में विशेष पुष्प सज्जा की गई।

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उज्जैन Published by: अंकिता विश्वकर्मा Updated Wed, 30 Aug 2023 08: 24 AM IST

ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में श्रावणी पूर्णिमा पर यानी आज सुबह 30 अगस्त को रक्षाबंधन का पर्व मनाया गया। तड़के 3: 00 बजे भद्रा काल शुरू होने से पहले भस्म आरती में सबसे पहले पुजारी परिवार की महिलाओं ने भगवान महाकाल को राखी बांधी। इसके बाद भगवान महाकाल को सवा लाख लड्डुओं का भोग लगाकर आरती की गई। आरती के बाद भक्तों को दिनभर महाप्रसादी का वितरण किया जाएगा। 

पुजारियों का कहना है कि महाकाल ज्योतिर्लिंग की पूजन परंपरा में श्रावणी पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस दिन पुण्य पवित्र श्रावण मास का समापन होता है और भगवान महाकाल को सवा लाख लड्डुओं का महाभोग लगाया जाता है। इस बार भी श्रावणी पूर्णिमा मनाई गई। भस्म आरती में भगवान महाकाल को सबसे पहले राखी बांधकर महाभोग लगाया गया।

श्रावण का उपवास खोलते हैं
पंडितों का कहना है कि जो भक्त सावन के पूरे महीने में उपवास रखते हैं, वे रक्षाबंधन के दिन भगवान महाकाल की लड्डू प्रसादी ग्रहण करके उपवास खोलते हैं। इसलिए भक्तों को पूरे दिन महाप्रसादी का वितरण किया जाता है। परंपरा अनुसार सवा लाख लड्डुओं का भोग भस्म आरती करने वाले पुजारी परिवार की ओर से लगाया जाता है। इसलिए इस बार का महाभोग पं प्रदीप गुरु के परिवार की ओर से भक्तों के सहयोग से लगाया गया। महापर्व पर मंदिर में विशेष पुष्प सज्जा की गई।

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