महिलाओं को बस से उतारा - फोटो : सोशल मीडिया विस्तार Follow Us बीते दिन रविवार को राजधानी भोपाल में आयोजित सीएम शिवराज के लाड़ली बहना योजना कार्यक्रम में शामिल होने विदिशा जिले में सिरोंज शहर की महिलाओं को प्रशासन द्वारा बसों के माध्यम से भोपाल भेजा जाना था। लेकिन कई महिलाएं कार्यक्रम में जाने से वंचित रह गईं। महिलाओं ने कहा कि उन्हें आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा ये कहकर बुलाया गया था कि भोपाल में सीएम शिवराज को राखी बांधने चलना है। महिलाएं तय समय अनुसार सुबह बस स्टैंड पहुंच गई बस स्टैंड पर महिलाओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने बस में बैठाकर रजिस्टर में उनका नाम दर्ज कर लिया। लेकिन थोड़ी ही देर बाद महिलाओं को बस से ये कहकर उतार दिया गया कि दूसरी बस आ रही है, उसमें बैठकर आपको भोपाल चलना है। लेकिन कई घंटे तक इंतजार करने के बाद भी दूसरी बस नहीं आई और 50 से अधिक महिलाएं हताश होकर घर वापस लौट गईं। महिलाओं का कहना था कि जब ले जाना नहीं था तो बुलाया ही क्यों गया था। विदिशा में यहां भी लापरवाह दिखा प्रशासन मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में महिलाओं को ले जाने के मामले विदिशा के ग्यारसपुर में भी लापरवाही का आलम रहा। यहां की आदिवासी महिलाएं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने के लिए भोपाल तक पैदल ही यात्रा कर रही थीं। ग्यारसपुर में आदिवासी महिलाएं शिवराज के कार्यक्रम में जाने के लिए पैदल ही निकल पढ़ी। ग्यारसपुर के अंतर्गत आने बाले कोलुआ धामनोद ग्राम पंचायत के हिम्मतपुर की लाडली बहने पैदल ही मुख्यमंत्री की रैली में सम्मिलित होने के लिए जा रही थी। उन्होंने बताया है कि ग्यारसपुर किसी बस से आ गई थी परंतु बस वाले ने ग्यारसपुर में ही उतार दिया एसडीएम कार्यालय पहुंची परंतु उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। इसलिए वह अपने लाडले भैया मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने के लिए पैदल यात्रा करके ही भोपाल जा रहीं थीं।

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महिलाओं को बस से उतारा – फोटो : सोशल मीडिया

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बीते दिन रविवार को राजधानी भोपाल में आयोजित सीएम शिवराज के लाड़ली बहना योजना कार्यक्रम में शामिल होने विदिशा जिले में सिरोंज शहर की महिलाओं को प्रशासन द्वारा बसों के माध्यम से भोपाल भेजा जाना था। लेकिन कई महिलाएं कार्यक्रम में जाने से वंचित रह गईं। महिलाओं ने कहा कि उन्हें आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा ये कहकर बुलाया गया था कि भोपाल में सीएम शिवराज को राखी बांधने चलना है।

महिलाएं तय समय अनुसार सुबह बस स्टैंड पहुंच गई बस स्टैंड पर महिलाओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने बस में बैठाकर रजिस्टर में उनका नाम दर्ज कर लिया। लेकिन थोड़ी ही देर बाद महिलाओं को बस से ये कहकर उतार दिया गया कि दूसरी बस आ रही है, उसमें बैठकर आपको भोपाल चलना है। लेकिन कई घंटे तक इंतजार करने के बाद भी दूसरी बस नहीं आई और 50 से अधिक महिलाएं हताश होकर घर वापस लौट गईं। महिलाओं का कहना था कि जब ले जाना नहीं था तो बुलाया ही क्यों गया था।

विदिशा में यहां भी लापरवाह दिखा प्रशासन
मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में महिलाओं को ले जाने के मामले विदिशा के ग्यारसपुर में भी लापरवाही का आलम रहा। यहां की आदिवासी महिलाएं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने के लिए भोपाल तक पैदल ही यात्रा कर रही थीं। ग्यारसपुर में आदिवासी महिलाएं शिवराज के कार्यक्रम में जाने के लिए पैदल ही निकल पढ़ी। ग्यारसपुर के अंतर्गत आने बाले कोलुआ धामनोद ग्राम पंचायत के हिम्मतपुर की लाडली बहने पैदल ही मुख्यमंत्री की रैली में सम्मिलित होने के लिए जा रही थी।

उन्होंने बताया है कि ग्यारसपुर किसी बस से आ गई थी परंतु बस वाले ने ग्यारसपुर में ही उतार दिया एसडीएम कार्यालय पहुंची परंतु उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। इसलिए वह अपने लाडले भैया मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने के लिए पैदल यात्रा करके ही भोपाल जा रहीं थीं।

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