नाले को पार कर स्कूल जाते बच्चे – फोटो : अमर उजाला
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सरकार हर संभव यह प्रयास करती है कि अच्छी शिक्षा और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा लोगों को मिले। लेकिन जब बच्चे स्कूल ही नहीं पहुंच पा रहे तो उन्हें शिक्षा कैसे मिलेगी। वहीं, एक ओर जहां प्रदेश सरकार शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए नित नए स्कूलों के भवनों का निर्माण कर रही है और शिक्षा को क्रांति का रूप देने के लिए सीएम राइज स्कूल तक खोले जा रहे हैं। जहां देश के नन्हे-मुन्ने छात्र अच्छी शिक्षा ग्रहण करेंगे। लेकिन वहीं दूसरी तरफ शिक्षा ग्रहण करने जा रहे बच्चों की यह तस्वीर पूरे सिस्टम को हिलाकर रख दे रही है।
बता दें कि यहां स्कूल जाने वाले रास्ते पर एक दबंग ने रोक लगा दी है, जिसकी वजह से बच्चे स्कूल बस्ता सिर पर रखकर ऊफान मार रहे नाले को पार कर विद्यालय पहुंचते हैं। रोजाना नाले को पार करना नए शिक्षण सत्र में बच्चों का नसीब सा बन गया है। वहीं, सुबह स्कूल जाने की होड़ और शाम को घर आने की जल्दी कहीं उनके लिए दुखदाई न बन जाए।
मामला इतने में ही नहीं रुका, अभिभावकों और शिक्षकों ने दबंग के खिलाफ शिकायत की। लेकिन कार्रवाई तो दूर रास्ता तक नहीं खुल सका, जिसका खामियाजा छोटे बच्चों को भुगतना पड़ रहा है।
आइए जानते हैं पूरा मामला
दरअसल, यह पूरा मामला उमरिया के बांधवगढ़ विधानसभा क्षेत्र के ग्राम अंचला का है। जहां के छात्र पढ़ाई के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर शिक्षा ग्रहण करने शासकीय हाईस्कूल कछरवार जाते हैं। जहां करीब आठ किमी का लंबा सफर तय करके स्कूली छात्र नाले को पार करते हैं। वहीं, स्कूल जाने वाले रास्ते को अंचला गांव के ही एक दबंग ने रास्ता बंद कर दिया है, जिसकी वजह से बच्चों के सामने यह समस्या मुंह बाए खड़ी है।
जहां जान की बाजी लगाकर पढ़ाई करने जा रहे बच्चों को देखकर अभिभावकों ने मामले की शिकायत कलेक्टर की जनसुनवाई में की है, लेकिन आज तक रास्ता नहीं खुल सका है। वहीं, अब शिक्षा ग्रहण करने के लिए जान दांव पर लगाकर उफनाते नाले को पार करने के मामले में और दबंग द्वारा आम रास्ता बंद करने के मामले में अपर कलेक्टर ने गोलमोल जवाब दे दिया है, जिसके बाद कयास लगाए जा सकते हैं कि शिक्षा का स्तर उमरिया में किस गति से बढ़ रहा है।
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