युवक की शव यात्रा - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us मंदसौर में लंबे समय से बारिश नहीं हुई है। लोगों ने कई टोटके करके देख लिए, लेकिन बादल नहीं बरसे। मौसम विभाग ने भी विगत दिनो मंदसौर को सुखा क्षेत्र में घोषित कर दिया था। ऐसे में यहां के लोग बड़े निराश हो गए थे, तब थोड़े समय के लिए पानी गिरा था। मगर सही ढंग से आपूर्ति नहीं हो पाई थी। अब ये हाल है कि गर्मी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है तथा बादल तो होते हैं लेकिन बारिश के कोई आसार नहीं बनते। ऐसे में यदि समय पर बारिश नहीं हुई तो किसानों की सोयाबीन खराब हो जाएगी और क्षेत्र में फिर से बारिश न होने के कारण परेशानियां हो जाएंगी। प्राचीन मान्यता है कि किसी जीवित व्यक्ति की शव यात्रा लोगों द्वारा निकाली जाए तो बारिश हो सकती है। ऐसे में बड़ी दिक्कत ये भी थी कि अपनी जिंदा रहते शव यात्रा कौन निकलवाए। ऐसे में चैतन्य सिंह सामने आए और अपनी शव यात्रा निकलवाने को तैयार हुए। चैतन्य सिंह एक साल पहले तक शेख जफर थे। एक साल पहले ही उन्ंहोने हिन्दू धर्म अपनाया है। मौके पर बाकायदा शव वाहन व ढोल बाजे बुलाए गए। पूरे संस्कारों के साथ अर्थी तैयार हुई व चैतन्य सिंह को उठाकर उस अर्थी पर लिटाया गया और उनकी जिंदा रहते शव यात्रा पूरे मंदसौर में घुमाई गई। इस शव यात्रा में शहर के कई लोग भी शामिल हुए। लोगों का मानना है कि अब इससे भी प्रभु प्रसन्न हो जाए और बादल बरस जाए तो राहत मिल जाए। हालांकि ये सब बातें विज्ञान नहीं मानता लेकिन आस्था है, जिस पर देश में एक बड़ा हिस्सा यकीन करता है। अर्थी पर लेटे चैतन्य सिंह का कहना है, यदि हम पर्यावरण, पेड़ पौधों का ध्यान नही रखेंगे तो आगे और परेशानी बढ़ेगी। कई लोगों की अर्थियां उठेंगी। लोगों को पर्यावरण के लिए जागरुकता लानी होगी। 

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मंदसौर में लंबे समय से बारिश नहीं हुई है। लोगों ने कई टोटके करके देख लिए, लेकिन बादल नहीं बरसे। मौसम विभाग ने भी विगत दिनो मंदसौर को सुखा क्षेत्र में घोषित कर दिया था। ऐसे में यहां के लोग बड़े निराश हो गए थे, तब थोड़े समय के लिए पानी गिरा था। मगर सही ढंग से आपूर्ति नहीं हो पाई थी। अब ये हाल है कि गर्मी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है तथा बादल तो होते हैं लेकिन बारिश के कोई आसार नहीं बनते। ऐसे में यदि समय पर बारिश नहीं हुई तो किसानों की सोयाबीन खराब हो जाएगी और क्षेत्र में फिर से बारिश न होने के कारण परेशानियां हो जाएंगी।

प्राचीन मान्यता है कि किसी जीवित व्यक्ति की शव यात्रा लोगों द्वारा निकाली जाए तो बारिश हो सकती है। ऐसे में बड़ी दिक्कत ये भी थी कि अपनी जिंदा रहते शव यात्रा कौन निकलवाए। ऐसे में चैतन्य सिंह सामने आए और अपनी शव यात्रा निकलवाने को तैयार हुए। चैतन्य सिंह एक साल पहले तक शेख जफर थे। एक साल पहले ही उन्ंहोने हिन्दू धर्म अपनाया है। मौके पर बाकायदा शव वाहन व ढोल बाजे बुलाए गए। पूरे संस्कारों के साथ अर्थी तैयार हुई व चैतन्य सिंह को उठाकर उस अर्थी पर लिटाया गया और उनकी जिंदा रहते शव यात्रा पूरे मंदसौर में घुमाई गई। इस शव यात्रा में शहर के कई लोग भी शामिल हुए।

लोगों का मानना है कि अब इससे भी प्रभु प्रसन्न हो जाए और बादल बरस जाए तो राहत मिल जाए। हालांकि ये सब बातें विज्ञान नहीं मानता लेकिन आस्था है, जिस पर देश में एक बड़ा हिस्सा यकीन करता है। अर्थी पर लेटे चैतन्य सिंह का कहना है, यदि हम पर्यावरण, पेड़ पौधों का ध्यान नही रखेंगे तो आगे और परेशानी बढ़ेगी। कई लोगों की अर्थियां उठेंगी। लोगों को पर्यावरण के लिए जागरुकता लानी होगी। 

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