जवान की अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us लेह सड़क हादसे में शहीद हुए सतना आर्मी जवान विवेक पांडेय का पार्थिव शरीर शनिवार की सुबह कोटर थाना अंतर्गत करही कला में पहुंचा। शहीद के अंतिम दर्शन के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा। हर व्यक्ति की आंखें नम हो गई। जब तक सूरज चांद रहेगा विवेक तुम्हारा नाम रहेगा, जैसे नारे गूंज उठे। शहीद के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। जिले के अफसरों ने शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद राजकीय सम्मान के साथ शहीद विवेक पांडेय का अंतिम संस्कार किया गया। दरअसल, बीते 19 अगस्त को को एक एएलएस वाहन लेह से न्योमा की ओर एक काफिले के हिस्से के रूप में जा रहा था। वह कियारी से नौ किलोमीटर पहले घाटी में फिसलकर आठ फीट गहरी खाई में में गिर गया था। इस वाहन में विवेक सहित 10 जवान मौजूद थे। जिनमें से नौ की जान घटना स्थल पर चली गई गई थी। बुरी तरह घायल विवेक को एयरलिफ्ट कर दिल्ली के आरआर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां रात एक बजकर 15 मिनिट पर जवान ने अंतिम सांस ली। विवेक ने सात साल पहले आर्मी ज्वाइन की थी और दिल्ली में पदस्थ थे।  जानकारी अनुसार चार भाई-बहनों में विवेक तीसरे नंबर का है। बड़ा भाई आशीष गांव में रहता है। वहीं, दोनों बहनों की शादी हो चुकी है। घर में विवेक बस अविवाहित था। शादी तय हो चुकी थी और इसी साल दिसम्बर में होने वाली थी। विवेक का चचेरा भाई इंद्रमणि पांडेय भी फौज में है, जो हाल ही में साउथ अफ्रीका से मिशन ड्यूटी पूरा कर लौटा है।

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जवान की अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब – फोटो : अमर उजाला

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लेह सड़क हादसे में शहीद हुए सतना आर्मी जवान विवेक पांडेय का पार्थिव शरीर शनिवार की सुबह कोटर थाना अंतर्गत करही कला में पहुंचा। शहीद के अंतिम दर्शन के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा। हर व्यक्ति की आंखें नम हो गई। जब तक सूरज चांद रहेगा विवेक तुम्हारा नाम रहेगा, जैसे नारे गूंज उठे। शहीद के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। जिले के अफसरों ने शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद राजकीय सम्मान के साथ शहीद विवेक पांडेय का अंतिम संस्कार किया गया।

दरअसल, बीते 19 अगस्त को को एक एएलएस वाहन लेह से न्योमा की ओर एक काफिले के हिस्से के रूप में जा रहा था। वह कियारी से नौ किलोमीटर पहले घाटी में फिसलकर आठ फीट गहरी खाई में में गिर गया था। इस वाहन में विवेक सहित 10 जवान मौजूद थे। जिनमें से नौ की जान घटना स्थल पर चली गई गई थी। बुरी तरह घायल विवेक को एयरलिफ्ट कर दिल्ली के आरआर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां रात एक बजकर 15 मिनिट पर जवान ने अंतिम सांस ली। विवेक ने सात साल पहले आर्मी ज्वाइन की थी और दिल्ली में पदस्थ थे। 

जानकारी अनुसार चार भाई-बहनों में विवेक तीसरे नंबर का है। बड़ा भाई आशीष गांव में रहता है। वहीं, दोनों बहनों की शादी हो चुकी है। घर में विवेक बस अविवाहित था। शादी तय हो चुकी थी और इसी साल दिसम्बर में होने वाली थी। विवेक का चचेरा भाई इंद्रमणि पांडेय भी फौज में है, जो हाल ही में साउथ अफ्रीका से मिशन ड्यूटी पूरा कर लौटा है।

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