न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बुरहानपुर Published by: दिनेश शर्मा Updated Fri, 25 Aug 2023 04: 24 PM IST लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस पर करोड़ों रुपये के गबन का आरोप लगा है। हाईकोर्ट ने जांच के निर्देश दिए हैं। उधर कांग्रेस ने भी पूर्व मंत्री पर एफआईआर की मांग की है।    पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस पर करोड़ों के गबन के आरोप लगे हैं। - फोटो : सोशल मीडिया विस्तार Follow Us मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले की पूर्व मंत्री एवं भाजपा की प्रदेश प्रवक्ता अर्चना चिटनीस पर गबन का आरोप लगा है। शहर के सामाजिक कार्यकर्ता बालचंद शिंदे ने ये आरोप लगाए हैं। बताया कि अर्चना चिटनीस ने बुरहानपुर के किसानों के करीब 2 करोड़ और अन्य मंडियों से भी 7.50 करोड़ रुपए शुगर मिल के नाम पर गबन कर लिए हैं, जिस पर हाईकोर्ट ने अब लोकायुक्त और मध्यप्रदेश शासन को जांच के आदेश दिए हैं। कांग्रेस ने भी पूर्व मंत्री पर एफआईआर की मांग की है।  बता दें समाजसेवी बालचंद शिंदे द्वारा उच्च न्यायालय जबलपुर खंडपीठ को पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की है जो पत्र अब मध्य प्रदेश कांग्रेस ने अपने ट्विटर हैंडल पर भी पोस्ट किया है। ये पत्र ऐसे समय सामने आया है, जब कांग्रेस कमीशन वाली सरकार का मुद्दा उछाल रही है। सामाजिक कार्यकर्ता बालचंद शिंदे ने जनहित याचिका लगाते हुए आरोप लगाए हैं कि अर्चना चिटनीस ने स्वयं शकर कारखाने के नाम पर बुरहानपुर कृषि उपज मंडी सहित अन्य मंडियों से करीब 7.50 करोड़ रुपये लिए थे, किंतु इसके बाद ना तो मंडी नजर आई और ना ही गया हुआ पैसा, मामला वर्ष 2003 का है, जब अर्चना चिटनीस नेपानगर से विधायक थीं। अपनी विधायकी का रौब झाड़कर अर्चना ने बुरहानपुर कृषि उपज मंडी समिति सहित अन्य मंडियों से करीब 7.50 करोड़ रुपये शुगर मिल लगाने के लिए निकलवाए, लेकिन शुगर मिल लगी ही नहीं। मंडी का पैसा किसानों और व्यापारियों का था, जिन्होंने पहले ही अर्चना चिटनीस पर अविश्वास करके मंडी के खाते से पैसा निकालने का विरोध किया था और जब बाद में शुगर मिल नहीं लगी, तो उन्होंने अर्चना चिटनीस से पैसा वापस मांगा, लेकिन वो टालने लगीं। उन्होंने करोडो रुपये का कोई हिसाब-किताब भी नहीं दिया।  मामले में बुरहानपुर के सामाजिक कार्यकर्ता बालचंद शिंदे ने लोकायुक्त में शिकायत की, लेकिन इस मामले को लोकायुक्त ने निरस्त कर दिया। इसके बाद वे जबलपुर हाईकोर्ट पहुंचे। अब इस मामले में हाई कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए लोकायुक्त और मध्यप्रदेश शासन को सूक्ष्मता से जांच के निर्देश दिए हैं। इसके बाद समाजसेवी भालचंद्र शिंदे ने उच्च न्यायालय जबलपुर खंडपीठ को एक पत्र  भी लिखकर उक्त मामले से अवगत कराकर कार्रवाई की मांग की है जो पत्र मध्य प्रदेश कांग्रेस ने भी अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किया है जो कि अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।  कांग्रेस के प्रदेश महासचिव अजय रघुवंशी ने इस पूरे मामले को लेकर कहा कि पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस पर जो आरोप लगे हैं वे सही हैं और जल्द से जल्द इसकी जांच करवाकर एफआईआर की मांग की जाएगी। यदि एफआईआर नहीं होती है तो कांग्रेस द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा, क्योंकि इसमें केवल मंडी ही नहीं बल्कि सोसायटियों का भी पैसा लगा हुआ है। जहां एक आम आदमी भी अपना पैसा रखता है, इसलिए इन सारे पैसों की वसूली के साथ-साथ गबन करने वाले पर भी कार्रवाई होना चाहिए।  बुरहानपुर मंडी सचिव शर्मिला निनामा ने ऑफ दी रिकॉर्ड बताया कि मंडी द्वारा नोटिस भेज गया था, किंतु नोटिस नहीं लिया गया और कोई जवाब भी नहीं दिया गया। मामले के संबंध में मंडी बोर्ड भोपाल को पत्र भेजा है, आदेश आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।  रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बुरहानपुर Published by: दिनेश शर्मा Updated Fri, 25 Aug 2023 04: 24 PM IST

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पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस पर करोड़ों रुपये के गबन का आरोप लगा है। हाईकोर्ट ने जांच के निर्देश दिए हैं। उधर कांग्रेस ने भी पूर्व मंत्री पर एफआईआर की मांग की है। 
  पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस पर करोड़ों के गबन के आरोप लगे हैं। – फोटो : सोशल मीडिया

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मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले की पूर्व मंत्री एवं भाजपा की प्रदेश प्रवक्ता अर्चना चिटनीस पर गबन का आरोप लगा है। शहर के सामाजिक कार्यकर्ता बालचंद शिंदे ने ये आरोप लगाए हैं। बताया कि अर्चना चिटनीस ने बुरहानपुर के किसानों के करीब 2 करोड़ और अन्य मंडियों से भी 7.50 करोड़ रुपए शुगर मिल के नाम पर गबन कर लिए हैं, जिस पर हाईकोर्ट ने अब लोकायुक्त और मध्यप्रदेश शासन को जांच के आदेश दिए हैं। कांग्रेस ने भी पूर्व मंत्री पर एफआईआर की मांग की है। 

बता दें समाजसेवी बालचंद शिंदे द्वारा उच्च न्यायालय जबलपुर खंडपीठ को पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की है जो पत्र अब मध्य प्रदेश कांग्रेस ने अपने ट्विटर हैंडल पर भी पोस्ट किया है। ये पत्र ऐसे समय सामने आया है, जब कांग्रेस कमीशन वाली सरकार का मुद्दा उछाल रही है। सामाजिक कार्यकर्ता बालचंद शिंदे ने जनहित याचिका लगाते हुए आरोप लगाए हैं कि अर्चना चिटनीस ने स्वयं शकर कारखाने के नाम पर बुरहानपुर कृषि उपज मंडी सहित अन्य मंडियों से करीब 7.50 करोड़ रुपये लिए थे, किंतु इसके बाद ना तो मंडी नजर आई और ना ही गया हुआ पैसा, मामला वर्ष 2003 का है, जब अर्चना चिटनीस नेपानगर से विधायक थीं। अपनी विधायकी का रौब झाड़कर अर्चना ने बुरहानपुर कृषि उपज मंडी समिति सहित अन्य मंडियों से करीब 7.50 करोड़ रुपये शुगर मिल लगाने के लिए निकलवाए, लेकिन शुगर मिल लगी ही नहीं। मंडी का पैसा किसानों और व्यापारियों का था, जिन्होंने पहले ही अर्चना चिटनीस पर अविश्वास करके मंडी के खाते से पैसा निकालने का विरोध किया था और जब बाद में शुगर मिल नहीं लगी, तो उन्होंने अर्चना चिटनीस से पैसा वापस मांगा, लेकिन वो टालने लगीं। उन्होंने करोडो रुपये का कोई हिसाब-किताब भी नहीं दिया। 

मामले में बुरहानपुर के सामाजिक कार्यकर्ता बालचंद शिंदे ने लोकायुक्त में शिकायत की, लेकिन इस मामले को लोकायुक्त ने निरस्त कर दिया। इसके बाद वे जबलपुर हाईकोर्ट पहुंचे। अब इस मामले में हाई कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए लोकायुक्त और मध्यप्रदेश शासन को सूक्ष्मता से जांच के निर्देश दिए हैं। इसके बाद समाजसेवी भालचंद्र शिंदे ने उच्च न्यायालय जबलपुर खंडपीठ को एक पत्र  भी लिखकर उक्त मामले से अवगत कराकर कार्रवाई की मांग की है जो पत्र मध्य प्रदेश कांग्रेस ने भी अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किया है जो कि अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। 

कांग्रेस के प्रदेश महासचिव अजय रघुवंशी ने इस पूरे मामले को लेकर कहा कि पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस पर जो आरोप लगे हैं वे सही हैं और जल्द से जल्द इसकी जांच करवाकर एफआईआर की मांग की जाएगी। यदि एफआईआर नहीं होती है तो कांग्रेस द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा, क्योंकि इसमें केवल मंडी ही नहीं बल्कि सोसायटियों का भी पैसा लगा हुआ है। जहां एक आम आदमी भी अपना पैसा रखता है, इसलिए इन सारे पैसों की वसूली के साथ-साथ गबन करने वाले पर भी कार्रवाई होना चाहिए। 

बुरहानपुर मंडी सचिव शर्मिला निनामा ने ऑफ दी रिकॉर्ड बताया कि मंडी द्वारा नोटिस भेज गया था, किंतु नोटिस नहीं लिया गया और कोई जवाब भी नहीं दिया गया। मामले के संबंध में मंडी बोर्ड भोपाल को पत्र भेजा है, आदेश आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। 

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