mp-news:-सीएम-ने-किया-सीखो-कमाओ-योजना-का-शुभारंभ,-बोले-युवाओं-को-रोजगार,-उद्योगों-को-कुशल-कामगार-मिलेंगे
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Tue, 22 Aug 2023 09: 16 PM IST लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें मुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक 8 लाख से ज्यादा बच्चों ने पंजीकरण कराया है और यह क्रम लगातार जारी रहेगा। अब तक 16,744 कंपनियां पंजीकृत हो चुकी हैं। 70,386 पद अब तक प्रकाशित हो चुके हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को 'मुख्यमंत्री सीखो कमाओ' योजना का शुभारंभ किया। भोपाल के भेल क्षेत्र में सीएम राइज सकूल में आयोजित कार्यक्रम में 15 हजार से अधिक युवाओं को उद्योगों में प्रशिक्षण प्राप्त करने ओर उस अवधि के लिए राज्य सरकार द्वारा आठ से दस हजार रुपए प्रतिमाह स्टाइपेंड देने का अनुबंध पत्र दिया गया। योजना में प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को उद्योगों में प्रशिक्षण दिलाकर प्रतिमाह आठ से दस हजार रुपए स्टाइपेंड दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने सीखो कमाओ योजना में चयनित युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के शिक्षित युवा रोजगार के लिए और उद्योग कुशल कामगार के लिए परेशान थे। इस परेशानी को समाप्त करने के लिए मैं 'मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ' योजना बनाई और अब युवाओं को रोजगार और उद्योगों को कुशल कामगार आसानी से मिलेंगे।  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश ने इतिहास रचा है। सीएम ने कहा कि हमने कल्पना की कि हमारे पूढ़ाई पूरी कर लेते है। 12वीं या आईटीआई कर लेते है, उनको जॉब की जरूरत होती है। शिक्षा का उद्देश्य ज्ञान, कौशल ओर नगारिकता के संस्कार देना है। उन्होंने कहा कि कई दिनों से दिमाग में था कि रोजगार के नए तरीके कैसे खोजे जाएं। एक तरीका शासकीय नौकरी है। हमने अब तक 60 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी दे दी है। बाकि के लिए प्रक्रिया जारी है। दूसरा तरीका स्वरोजगार है। इसके लिए कई योजनाएं है। उद्यम क्रांति योजना में एक लाख से लेकर 50 लाख तक का ऋण मिलता है।     बेरोजगारी भत्ता से कोई लाभ नहीं, हम पंख दे रहे मुख्यमंत्री ने कहा कि कई लोगों ने बेरोजगारी भत्ता के नारे दिए लेकिन मेरा मानना है कि चिड़िया अपने बच्चों को घोंसला नहीं, पंख देती है। गाय अपने बच्चे को खड़ा करती है, शेरनी अपने बच्चों को शिकार करना सिखाती है। इसलिए बेरोजगारी भत्ता से कोई लाभ नहीं है। हमने कहा कि हम अपने बच्चों को काम सिखाएंगे, पंख देंगे। इसलिए तय किया कि हमारे बच्चे अलग-अलग कंपनियों में काम सीखने जाएंगे। एक तरफ स्किल्ड मैनपावर की कमी है और दूसरी तरफ रोजगार नहीं है, हमने दोनों को जोड़ दिया।  काम सिखाने के साथ स्टाइपेंड देंगे मुख्यमंत्री ने कहा कि हम कंपनियों में बच्चों को काम सीखने के लिए भेजेंगे और उसके साथ ही स्टाईपेंड देंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना शुरू कर दी है। बाद में पर्मानेंट जॉब कर सकते हैं या अपनी खुद कि इंडस्ट्री लगा सकते हैं। ऐसे कई लोग हैं, जिनके पास पहले बहुत बड़ी दौलत नहीं थी, बाद में वो सफल हुए। हम अनंत आकाश में ऊंची उड़ान भरेंगे, हम मजबूर नहीं, मजबूत बनेंगे।  मामा, कंपनियों और बच्चे तैयार मुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक 8 लाख से ज्यादा बच्चों ने पंजीकरण कराया है और यह क्रम लगातार जारी रहेगा। अब तक 16,744 कंपनियां पंजीकृत हो चुकी हैं। 70,386 पद अब तक प्रकाशित हो चुके हैं। 15,092 अनुबंध किये जा चुके हैं। हमारी कोशिश होगी कि लाखों अनुबंध स्वीकृत हो जाएं, इसकी कोई सीमा नहीं रहेगी। सीएम ने युवाओं से कहा कि मैं तुम्हारे सपनों को मरने नहीं दूंगा, तुमको कभी निराश नहीं होने दूंगा। युवाबल के लिए रोजगार के द्वार खुलेंगे। उद्योगों को कुशल कामगार मिलेंगे और प्रदेश के विकास को नई रफ्तार मिलेगी। आपको नवीनतम तकनीक और प्रक्रिया के माध्यम से ट्रेनिंग दी जाएगी, इसके बाद सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा।  योजना का दायरा भी बढ़ेगा मुख्यमंत्री ने कहा कि आगे योजना का दायरा बढ़ाएंगे। यदि दुकान में मैनेजमैन्ट का काम कोई सीख सकता है, तो ऐसी व्यवस्था भी हम रखेंगे। 8,000 रुपये से 10,000 तक का स्टाईपेंड आपको मिलेगा। भोपाल में हम संत रविदास ग्लोबल स्किल पार्क बना रहे हैं। यहां 6,000 बच्चों को हम ट्रेनिंग देंगे। मॉडल आइटीआई में ट्रेनिंग दी जा रही है। प्रदेश में 3,500 से अधिक स्टार्टअप्स हैं। 3 लाख बेटे-बेटियों को हम स्वरोजगार के लिए ऋण देते हैं।  मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना अद्भुत योजना है, यह देश में अनूठा अद्भुत प्रयोग है, जिसे सभी राज्य स्वीकार करेंगे। आओ अपने आंतरिक देवत्व का आह्वान करो। काम सीखो, परिवार के लिए सहारा बनो, अपने प्रदेश को आगे बढ़ाओ।  रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Tue, 22 Aug 2023 09: 16 PM IST

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मुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक 8 लाख से ज्यादा बच्चों ने पंजीकरण कराया है और यह क्रम लगातार जारी रहेगा। अब तक 16,744 कंपनियां पंजीकृत हो चुकी हैं। 70,386 पद अब तक प्रकाशित हो चुके हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान – फोटो : अमर उजाला

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को ‘मुख्यमंत्री सीखो कमाओ’ योजना का शुभारंभ किया। भोपाल के भेल क्षेत्र में सीएम राइज सकूल में आयोजित कार्यक्रम में 15 हजार से अधिक युवाओं को उद्योगों में प्रशिक्षण प्राप्त करने ओर उस अवधि के लिए राज्य सरकार द्वारा आठ से दस हजार रुपए प्रतिमाह स्टाइपेंड देने का अनुबंध पत्र दिया गया। योजना में प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को उद्योगों में प्रशिक्षण दिलाकर प्रतिमाह आठ से दस हजार रुपए स्टाइपेंड दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने सीखो कमाओ योजना में चयनित युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के शिक्षित युवा रोजगार के लिए और उद्योग कुशल कामगार के लिए परेशान थे। इस परेशानी को समाप्त करने के लिए मैं ‘मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ’ योजना बनाई और अब युवाओं को रोजगार और उद्योगों को कुशल कामगार आसानी से मिलेंगे। 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश ने इतिहास रचा है। सीएम ने कहा कि हमने कल्पना की कि हमारे पूढ़ाई पूरी कर लेते है। 12वीं या आईटीआई कर लेते है, उनको जॉब की जरूरत होती है। शिक्षा का उद्देश्य ज्ञान, कौशल ओर नगारिकता के संस्कार देना है। उन्होंने कहा कि कई दिनों से दिमाग में था कि रोजगार के नए तरीके कैसे खोजे जाएं। एक तरीका शासकीय नौकरी है। हमने अब तक 60 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी दे दी है। बाकि के लिए प्रक्रिया जारी है। दूसरा तरीका स्वरोजगार है। इसके लिए कई योजनाएं है। उद्यम क्रांति योजना में एक लाख से लेकर 50 लाख तक का ऋण मिलता है।  

 
बेरोजगारी भत्ता से कोई लाभ नहीं, हम पंख दे रहे
मुख्यमंत्री ने कहा कि कई लोगों ने बेरोजगारी भत्ता के नारे दिए लेकिन मेरा मानना है कि चिड़िया अपने बच्चों को घोंसला नहीं, पंख देती है। गाय अपने बच्चे को खड़ा करती है, शेरनी अपने बच्चों को शिकार करना सिखाती है। इसलिए बेरोजगारी भत्ता से कोई लाभ नहीं है। हमने कहा कि हम अपने बच्चों को काम सिखाएंगे, पंख देंगे। इसलिए तय किया कि हमारे बच्चे अलग-अलग कंपनियों में काम सीखने जाएंगे। एक तरफ स्किल्ड मैनपावर की कमी है और दूसरी तरफ रोजगार नहीं है, हमने दोनों को जोड़ दिया। 

काम सिखाने के साथ स्टाइपेंड देंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम कंपनियों में बच्चों को काम सीखने के लिए भेजेंगे और उसके साथ ही स्टाईपेंड देंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना शुरू कर दी है। बाद में पर्मानेंट जॉब कर सकते हैं या अपनी खुद कि इंडस्ट्री लगा सकते हैं। ऐसे कई लोग हैं, जिनके पास पहले बहुत बड़ी दौलत नहीं थी, बाद में वो सफल हुए। हम अनंत आकाश में ऊंची उड़ान भरेंगे, हम मजबूर नहीं, मजबूत बनेंगे। 

मामा, कंपनियों और बच्चे तैयार
मुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक 8 लाख से ज्यादा बच्चों ने पंजीकरण कराया है और यह क्रम लगातार जारी रहेगा। अब तक 16,744 कंपनियां पंजीकृत हो चुकी हैं। 70,386 पद अब तक प्रकाशित हो चुके हैं। 15,092 अनुबंध किये जा चुके हैं। हमारी कोशिश होगी कि लाखों अनुबंध स्वीकृत हो जाएं, इसकी कोई सीमा नहीं रहेगी। सीएम ने युवाओं से कहा कि मैं तुम्हारे सपनों को मरने नहीं दूंगा, तुमको कभी निराश नहीं होने दूंगा। युवाबल के लिए रोजगार के द्वार खुलेंगे। उद्योगों को कुशल कामगार मिलेंगे और प्रदेश के विकास को नई रफ्तार मिलेगी। आपको नवीनतम तकनीक और प्रक्रिया के माध्यम से ट्रेनिंग दी जाएगी, इसके बाद सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा। 

योजना का दायरा भी बढ़ेगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगे योजना का दायरा बढ़ाएंगे। यदि दुकान में मैनेजमैन्ट का काम कोई सीख सकता है, तो ऐसी व्यवस्था भी हम रखेंगे। 8,000 रुपये से 10,000 तक का स्टाईपेंड आपको मिलेगा। भोपाल में हम संत रविदास ग्लोबल स्किल पार्क बना रहे हैं। यहां 6,000 बच्चों को हम ट्रेनिंग देंगे। मॉडल आइटीआई में ट्रेनिंग दी जा रही है। प्रदेश में 3,500 से अधिक स्टार्टअप्स हैं। 3 लाख बेटे-बेटियों को हम स्वरोजगार के लिए ऋण देते हैं।  मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना अद्भुत योजना है, यह देश में अनूठा अद्भुत प्रयोग है, जिसे सभी राज्य स्वीकार करेंगे। आओ अपने आंतरिक देवत्व का आह्वान करो। काम सीखो, परिवार के लिए सहारा बनो, अपने प्रदेश को आगे बढ़ाओ। 

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