चंद्रयान-3 ने 14 जुलाई को प्रक्षेपण के बाद पांच अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था. प्रणोदन और लैंडर मॉड्यूल को अलग करने की कल की कवायद से पहले इसे छह, नौ, 14 और 16 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में नीचे लाने की कवायद की गई, ताकि यह चंद्र सतह के नजदीक आ सके. इसरो ने आज चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल को चंद्रमा के करीब ले जाने वाली एक ‘डीबूस्टिंग’ प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी की. लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) से युक्त लैंडर मॉड्यूल 20 अगस्त को दूसरी ‘डीबूस्टिंग’ (गति कम करने की प्रक्रिया) से गुजरेगा, जिसके तहत इसे एक कक्षा में नीचे लाया जाएगा जिससे यह चंद्रमा की सतह के बहुत करीब हो जाएगा.
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