न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Thu, 17 Aug 2023 10: 28 PM IST
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मुख्यमंत्री ने चिकित्सकों से कहा-आप सौभाग्यशाली हैं, दूसरों की जिंदगी बचाने का कार्य कर रहे। डॉक्टर अस्पताल की आत्मा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान – फोटो : अमर उजाला
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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को सीएम आवास पर आयोजित समारोह में मप्र लोक सेवा आयोग से चयनित 159 चिकित्सा विशेषज्ञों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार चिकित्सकों की कमी को पूरा करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। लोक सेवा आयोग से 888 चिकित्सकों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। अब तक 494 चिकित्सकों को चयन के बाद नियुक्तियां दी जा चुकी हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मैं राजनीति में नहीं आता तो डॉक्टर होता। डॉक्टरों को धरती पर भगवान का दर्जा दिया जाता है। कितना भी विशाल अस्पताल भवन बना लो, उन भवनों की अगर आत्मा कोई है तो वह डॉक्टर हैं। डॉक्टर सचमुच में अस्पताल की आत्मा हैं। आप लोग सौभाग्यशाली हैं कि दूसरों की जिंदगी बचाने का कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले 11वीं पास करने के बाद पीएमटी देनी होती थी। 11वीं में मेरे विषय भी भौतिकी, रसायन और जीव विज्ञान थे, इसलिए मैं पीएमटी देकर डॉक्टर बन सकता था। लेकिन जब मैं 11वीं में था, उस समय मेरी आयु करीब 17 वर्ष थी। इसी वर्ष आंदोलन के कारण मुझे आपातकाल में जेल जाना पड़ा। जेल से बाहर आया तो विचार बदल चुके थे, इसलिए मैं पीएमटी की परीक्षा नहीं दी। अगर मैं राजनीतिक क्षेत्र में नहीं आता तो निश्चित तौर पर मैं डॉक्टर होता। आज मैं कहीं भी बच्चों से पूछता हूं तो सबसे अधिक बच्चे डॉक्टर ही बनना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 1965 के बाद कोई मेडिकल कॉलेज नहीं खोला गया था। मैं मुख्यमंत्री बना और सागर में पहले मेडिकल कॉलेज की मंजूरी दी। प्रदेश में अब मेडिकल कॉलेजों की संख्या 24 हो गई है, लेकिन मैं यहीं नहीं रुकने वाला हूं। आने वाले दिनों में और मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे।
चिकित्सकों का कार्य कठिन,10 से पांच की नौकरी नहीं
मुख्यमंत्री ने नवनियुक्त चिकित्सकों को संबोधित करते हुए कहा कि आप लोगों की जिंदगी कठिन है। डॉक्टर की ड्यूटी सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक अन्य सरकारी कर्मचारी-अधिकरी की नौकरी की तरह नहीं है। आवश्यक सेवाएं भी आप लोगों को देना पड़ती हैं। आपका कार्य तभी से शुरू हो जाता है, जब मरीज आता है। यह पेशा दूसरे पद जैसा नहीं कि शाम पांच बजे फाइल बंद कर दी तो दूसरे दिन सुबह 11 बजे ही खुलेगी। चिकित्सकों को तो जब मरीज आ जाए, तभी फाइल खोलनी पड़ती है, नहीं तो दूसरे की फाइल परमानेंट बंद हो जाएगी। आप लोग सौभाग्यशाली हैं कि दूसरों की जिंदगी बचाने का कार्य आप के पास है। आप लोगों का काम केवल आजीविका नहीं लोगों की जिंदगी बचाना है। मुख्यमंत्री निवास में गुरुवार को जिन 159 चिकित्सा विशेषज्ञों को नियुक्ति-पत्र प्रदान किए गए हैं उनमें 83 शिशुरोग तथा 76 सर्जरी विशेषज्ञ शामिल हैं।
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