mp-news:-गरीबों-के-लिए-हाईकोर्ट-के-सभी-न्यायाधीश-प्रतिमाह-वेतन-से-देंगे-पांच-हजार-रुपये,-चीफ-जस्टिस-की-पहल
लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के सभी न्यायाधीश प्रतिमाह अपने वेतन से पांच हजार रुपये सहयोग राशि के रूप में देंगे। इस राशि का उपयोग गरीब वर्ग के भोजन, पानी, कपड़े तथा अन्य आवश्यक सहायता पहुंचाने के लिए किया जाएगा। स्वतंत्रता दिवस समारोह में हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि विजय कुमार मलिमथ ने ध्वजारोहण किया। - फोटो : सोशल मीडिया विस्तार Follow Us गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित गरिमामय कार्यक्रम में बूंद नाम से नई पहल प्रारंभ की गई है। इसके तहत हाईकोर्ट के सभी न्यायाधीश प्रतिमाह अपने वेतन से पांच हजार रुपये सहयोग राशि के रूप में देंगे। इस राशि का उपयोग गरीब वर्ग के भोजन, पानी, कपड़े तथा अन्य आवश्यक सहायता पहुंचाने के लिए किया जाएगा। राशि के उपयोग के लिए कमेटी गठित की जाएगी। स्वतंत्रता दिवस समारोह में ध्वजारोहण के बाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि विजय कुमार मलिमथ ने अपने उद्बोधन में कहा कि किसी भी समाज का सही आकलन इस आधार पर किया जा सकता है कि वह कमजोर वर्ग के व्यक्ति से कैसा व्यवहार करता है। यह बात महात्मा गांधी ने कही थी। न्याय प्रदान करना न्यायपालिका की प्रतिबद्धता है। कानूनी सीमाओं से हटकर भी न्यायाधीश का अपना दायित्व है। इस अवसर पर उन्होंने बूंद नामक पहल की शुरुआत करते हुए कहा कि इसके माध्यम से गरीब वर्ग का सहयोग किया जाएगा। इसके तहत हाईकोर्ट के सभी न्यायाधीश अपने वेतन से न्यूनतम पांच हजार रुपये सहयोग राशि के रूप में प्रदान करेंगे। उक्त राशि का उपयोग सीधे जरूरतमंद लोगों की सहायता के लिए किया जाएगा। इस राशि का उपयोग गरीब वर्ग के लोगों के लिए पानी, कपड़ा, भोजन अन्य आवश्यक वस्तुओं के लिए किया जाअगा।  उन्होंने जोर देते हुए कहा कि यह कोई दान नहीं बल्कि एक नैतिकता है। सच्ची महानता मूल्य व सिद्धांतों को बनाए रखना तथा नेक कार्य का समर्थन करना है। इस अवसर पर उन्होंने अतीत के बलिदानों को याद करने का आग्रह करते हुए स्वतंत्रता के सिद्धांत कायम रख राष्ट्र विकास में सहयोग करने लोगों से अपील की। उन्होंने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन निडर महिलओं का उल्लेख किया, जिन्होंने आजादी के लिए संघर्ष किया। भारत के विकास में न्यायपालिका की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में अधिवक्ताओं की मुख्य भूमिका थी। बार और बेंच के अंतर्संबंध पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि न्याय को कायम रखने में दोनों पक्ष महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होने दोनों के बीच आपसी सम्मान और विश्वास का समर्थन करते हुए एकता का आह्वान किया। 

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मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के सभी न्यायाधीश प्रतिमाह अपने वेतन से पांच हजार रुपये सहयोग राशि के रूप में देंगे। इस राशि का उपयोग गरीब वर्ग के भोजन, पानी, कपड़े तथा अन्य आवश्यक सहायता पहुंचाने के लिए किया जाएगा। स्वतंत्रता दिवस समारोह में हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि विजय कुमार मलिमथ ने ध्वजारोहण किया। – फोटो : सोशल मीडिया

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गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित गरिमामय कार्यक्रम में बूंद नाम से नई पहल प्रारंभ की गई है। इसके तहत हाईकोर्ट के सभी न्यायाधीश प्रतिमाह अपने वेतन से पांच हजार रुपये सहयोग राशि के रूप में देंगे। इस राशि का उपयोग गरीब वर्ग के भोजन, पानी, कपड़े तथा अन्य आवश्यक सहायता पहुंचाने के लिए किया जाएगा। राशि के उपयोग के लिए कमेटी गठित की जाएगी।

स्वतंत्रता दिवस समारोह में ध्वजारोहण के बाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि विजय कुमार मलिमथ ने अपने उद्बोधन में कहा कि किसी भी समाज का सही आकलन इस आधार पर किया जा सकता है कि वह कमजोर वर्ग के व्यक्ति से कैसा व्यवहार करता है। यह बात महात्मा गांधी ने कही थी। न्याय प्रदान करना न्यायपालिका की प्रतिबद्धता है। कानूनी सीमाओं से हटकर भी न्यायाधीश का अपना दायित्व है। इस अवसर पर उन्होंने बूंद नामक पहल की शुरुआत करते हुए कहा कि इसके माध्यम से गरीब वर्ग का सहयोग किया जाएगा। इसके तहत हाईकोर्ट के सभी न्यायाधीश अपने वेतन से न्यूनतम पांच हजार रुपये सहयोग राशि के रूप में प्रदान करेंगे। उक्त राशि का उपयोग सीधे जरूरतमंद लोगों की सहायता के लिए किया जाएगा। इस राशि का उपयोग गरीब वर्ग के लोगों के लिए पानी, कपड़ा, भोजन अन्य आवश्यक वस्तुओं के लिए किया जाअगा। 

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि यह कोई दान नहीं बल्कि एक नैतिकता है। सच्ची महानता मूल्य व सिद्धांतों को बनाए रखना तथा नेक कार्य का समर्थन करना है। इस अवसर पर उन्होंने अतीत के बलिदानों को याद करने का आग्रह करते हुए स्वतंत्रता के सिद्धांत कायम रख राष्ट्र विकास में सहयोग करने लोगों से अपील की। उन्होंने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन निडर महिलओं का उल्लेख किया, जिन्होंने आजादी के लिए संघर्ष किया। भारत के विकास में न्यायपालिका की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में अधिवक्ताओं की मुख्य भूमिका थी। बार और बेंच के अंतर्संबंध पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि न्याय को कायम रखने में दोनों पक्ष महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होने दोनों के बीच आपसी सम्मान और विश्वास का समर्थन करते हुए एकता का आह्वान किया। 

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