इंदौर के हर थानाक्षेत्र में किए जा रहे जागरूकता कार्यक्रम। – फोटो : अमर उजाला, इंदौर
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मध्यप्रदेश में महिला सशक्तिकरण के बनाई गई लाड़ली बहना सेना और सामाजिक सुरक्षा के लिए बनाई जा रही युवाओं की अभिमन्यु टीम इंदौर में एक ऐसा अभिनव प्रयोग करने जा रही है जो देश में अब तक पहले कभी नहीं हुआ। इंदौर पुलिस ने हर पुलिस थाने में आने वाली इन दोनों टीमों को कई शक्तियां देने की तैयारी की है। पहले चरण में हर थाने में आने वाली लाड़ली बहना सेना को अपराधों के प्रति जागरूक किया जा रहा है और उनसे निपटने के तरीके बताए जा रहे हैं। इस प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग खुद पुलिस कमिश्नर मकरंद देऊस्कर कर रहे हैं।
टीमों को कैसे दे रहे ट्रेनिंग
इंदौर के सभी थाना क्षेत्रों में लाड़ली बहना सेना के साथ स्थानीय रहवासियों, युवाओं और बच्चों के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। युवाओं को अभिमन्यु टीम में शामिल किया जा रहा है। दोनों ही टीमों को उनके अधिकार, सुरक्षा संबंधी नियम और अपराधों की शिकायत करने जैसे तरीके सिखाए जा रहे हैं। इसमें उन्हें सभी तरह की हेल्पलाइन और कानूनी जानकारियां दी जा रही हैं।
क्या होंगे परिणाम
पुलिस प्रशासन और राज्य सरकार का यह प्रयास है कि किसी भी क्षेत्र में अपराधों के प्रति युवा और महिलाएं खुद जागरूक हों। वे अपने अधिकार पहचानें और किसी भी अपराध से निपटने के तरीकों को समझें। इन कार्यक्रमों से क्षेत्रों में जागरूकता आएगी और अपराधों को समाप्त करने के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। पुलिस का मानना है कि यदि किसी स्थान पर नशा बिकता है तो उस पर पुलिस उस वक्त कार्रवाई कर सकती है लेकिन भविष्य में वहां फिर से नशे का कारोबार शुरू न हो इसके लिए क्षेत्र की महिलाओं और युवाओं को जागरूक करना ही सबसे बेहतर माध्यम बनेगा।
अपराधियों की जानकारी देने वाली महिलाओं को पूर्ण सुरक्षा देंगे
इस प्रोजेक्ट में सभी थानों को निर्देश दिए हैं कि अपराधियों की सूचना देने वाली महिलाओं और युवाओं को पूर्ण सुरक्षा दी जाए। क्षेत्र में अपराधियों पर पुलिस और लाड़ली सेना, अभिमन्यु टीम संयुक्त रूप से एक्शन ले। इसमें इन सभी टीमों को जिन भी चीजों की जरूरत पड़ेगी उसे हम उपलब्ध करवाएंगे।
– पुलिस कमिश्नर, मकरंद देऊस्कर
पूरी पुलिस टीम जाकर बढ़ा रही महिलाओं और युवाओं का मनोबल
अभी हमने सभी थाना क्षेत्रों में लाड़ली बहना सेना, अभिमन्यु टीम और क्षेत्र के रहवासियों के साथ जागरूकता कार्यक्रम शुरू किए हैं। इसमें स्थानीय थाने के टीआई, पुलिस बल और वरिष्ठ अधिकारी जाते हैं और लाड़ली बहना सेना और रहवासियों का मनोबल बढ़ाते हैं। हम इन सभी स्थानीय लोगों से नियमित संपर्क में रहेंगे और हमें रहवासी जो भी इनपुट देंगे उन पर तुरंत कार्रवाई होगी।
– एडिशनल डीसीपी प्रियंका डुडवे
लाड़ली बहना सेना में शामिल होने की प्रक्रिया
प्रदेश के प्रत्येक ग्राम, जिसकी आबादी 1500 से कम है, उसमें 11 सदस्य एवं ऐसे ग्राम जिनकी आबादी 1500 से अधिक है, उसमें 21 सदस्य की लाड़ली बहना सेना का गठन होगा। ग्राम/वार्ड स्तर पर एक लाड़ली बहना सेना होगी, जिसमें ग्राम की इच्छुक 23 से 60 आयु वर्ग की महिलाएं सदस्य होंगी। इसमें कुल संख्या में कम से कम 50 प्रतिशत सदस्य मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना से लाभान्वित सदस्य होंगी। लाड़ली बहना सेना में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के स्व-सहायता समूहों की महिलाओं को अनिवार्यता शामिल किया जाएगा। प्रत्येक लाड़ली बहना सेना में सर्व-सम्मति से लाड़ली बहना सेना प्रभारी एवं लाड़ली बहना सेना सह प्रभारी मनोनीत किया जाएगा, जो एक वर्ष तक अपने दायित्वों का निर्वहन करेंगे। महिला बाल विकास विभाग की सेक्टर पर्यवेक्षक द्वारा उस ग्राम की एक सक्रिय आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को लाड़ली बहना सेना के समन्वयक के रूप में मनोनीत किया जाएगा। लाड़ली बहना सेना की सदस्यता प्राप्त करने के लिए महिलाएं, आंगनवाड़ी केन्द्र में जाकर अपना नाम पंजीकृत करा सकती हैं।
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