रानी-अब्बक्का-:-500-वर्ष-पूर्व-फिरंगियों-को-चटायी-थी-धूल
वीर रानी अब्बक्का, आम महिला होते हुए भी बेहद खास थीं. घुड़सवारी, तलवारबाजी व धनुर्विद्या में महारत हासिल होने के साथ ही वह प्रशासनिक गुण से भी लैस थीं. उनकी रणनीति दुश्मन को हमेशा अबूझ बनाये रखती थी. कहानी करीब पांच सौ साल पुरानी है. पुर्तगाल के व्यापारी हिंद महासागर के समुद्री रास्तों पर कब्जा कर चुके थे. इसके बाद वे भारत पर राज करने की कोशिश में थे, इसी दौरान उनका सामना दक्षिण भारत के पश्चिमी तट पर स्थित उल्लाल के सिंहासन पर बैठी योद्धा रानी अब्बक्का से हुआ,

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वीर रानी अब्बक्का, आम महिला होते हुए भी बेहद खास थीं. घुड़सवारी, तलवारबाजी व धनुर्विद्या में महारत हासिल होने के साथ ही वह प्रशासनिक गुण से भी लैस थीं. उनकी रणनीति दुश्मन को हमेशा अबूझ बनाये रखती थी. कहानी करीब पांच सौ साल पुरानी है. पुर्तगाल के व्यापारी हिंद महासागर के समुद्री रास्तों पर कब्जा कर चुके थे. इसके बाद वे भारत पर राज करने की कोशिश में थे, इसी दौरान उनका सामना दक्षिण भारत के पश्चिमी तट पर स्थित उल्लाल के सिंहासन पर बैठी योद्धा रानी अब्बक्का से हुआ,