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ओरिएंट पेपर मिल्स में हादसा। - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us एशिया के सबसे बड़े पेपर कारखाने ओरियंट पेपर मिल (OPM) के पल्प प्लांट का टैंक फट गया। इससे कुछ मजदूर उसकी चपेट में आ गए। एक ठेका मजदूर की मौत हो गई। वहीं दो मजदूर घायल हो गए।  यह हादसा प्रबंधन की लापरवाही की वजह से हुआ है। हादसे के दौरान प्लांट शट डाउन था। घटना के बाद अक्रोशित परिजन गेट पर मृतक रविंद्र त्रिपाठी का शव गेट पर रखकर विरोध प्रदर्शन करते रहे। परिजनों का आरोप था कि प्रबंधन उचित मुआवजा और नौकरी नहीं दे रही है। काफी हंगामे के बाद प्रशासन की मौजूदगी में प्रबंधन ने मृतक के परिजनों को 17 लाख 65 हजार का मुआवजा और एक व्यक्ति को नौकरी देने की बात लिखित रूप से मानी। इसके बाद हंगामा शांत हुआ। पल्प प्लांट में कागज बनाने के लिए सामग्री तैयार की जा रही थी। मृतक समेत अन्य कर्मचारी काम कर रहे थे। अचानक पल्प प्लांट की टंकी में ब्लास्ट हुआ। 60 डिग्री से ज्यादा तापमान वाला गरम पानी, केमिकल बहने लगा। इसकी चपेट में रवींद्र त्रिपाठी आ गए। अन्य दो मजदूर मौके से भाग गए। त्रिपाठी ठेका कर्मचारी थे। उनकी मौत मौके पर ही हो गई थी। ओपीएम प्लांट में यह हादसा सही समय पर मेंटेनेंस नहीं होने के कारण हुआ है। पल्प प्लांट की टंकी का भी सही रख रखाव नहीं किया गया था। इस कारण उसकी पाइप में प्रेशर बना और ब्लास्ट की स्थिति बन गई। इस हादसे में प्रबंधन को भी लगभग 50 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। प्रबंधन की बड़ी लापरवाही से इस हादसे में एक ठेका श्रमिक की मौत हो गई और दो मजदूर घायल हो गए। घटना की सूचना के बाद जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन के पहुंचे अधिकारियों ने अब तक प्रबंधन के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं की है। शाम तक प्रबंधन के खिलाफ कोई एफआईआर न होने की भी बात सामने आई है। घटना होते ही जिले भर में कुछ समय के अंदर ही यह खबर आग की तरह फैल गई। लेकिन स्थानीय विधायक जैतपुर मनीषा सिंह घटना के घंटे गुजर जाने के बाद घटनास्थल देर शाम पहुंची और परिजनों से मुलाकात की है। हालात बिगड़ता देख मौके पर एसडीएम प्रगति वर्मा और एएसपी मुकेश वैश्य पहुंचे। हंगामे को शांत कराया। अधिकारियों के मौजूदगी में मृतक के परिजनों को उचित मुआवजे के साथ परिवार के एक सदस्य को मिल में रोजगार देने की बात कही गई है। लिखित आश्वासन नही मिलने की स्थिति में स्थानीय लोग हंगामा करने लगे। पुलिस ने मामला शांत कराया। अधिकारियों का कहना है कि घायलों की हालत स्थिर है। परिजनों को तत्काल दो लाख रुपये की राहत राशि प्रदान की जा चुकी है।  

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ओरिएंट पेपर मिल्स में हादसा। – फोटो : अमर उजाला

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एशिया के सबसे बड़े पेपर कारखाने ओरियंट पेपर मिल (OPM) के पल्प प्लांट का टैंक फट गया। इससे कुछ मजदूर उसकी चपेट में आ गए। एक ठेका मजदूर की मौत हो गई। वहीं दो मजदूर घायल हो गए। 

यह हादसा प्रबंधन की लापरवाही की वजह से हुआ है। हादसे के दौरान प्लांट शट डाउन था। घटना के बाद अक्रोशित परिजन गेट पर मृतक रविंद्र त्रिपाठी का शव गेट पर रखकर विरोध प्रदर्शन करते रहे। परिजनों का आरोप था कि प्रबंधन उचित मुआवजा और नौकरी नहीं दे रही है। काफी हंगामे के बाद प्रशासन की मौजूदगी में प्रबंधन ने मृतक के परिजनों को 17 लाख 65 हजार का मुआवजा और एक व्यक्ति को नौकरी देने की बात लिखित रूप से मानी। इसके बाद हंगामा शांत हुआ। पल्प प्लांट में कागज बनाने के लिए सामग्री तैयार की जा रही थी। मृतक समेत अन्य कर्मचारी काम कर रहे थे। अचानक पल्प प्लांट की टंकी में ब्लास्ट हुआ। 60 डिग्री से ज्यादा तापमान वाला गरम पानी, केमिकल बहने लगा। इसकी चपेट में रवींद्र त्रिपाठी आ गए। अन्य दो मजदूर मौके से भाग गए। त्रिपाठी ठेका कर्मचारी थे। उनकी मौत मौके पर ही हो गई थी।

ओपीएम प्लांट में यह हादसा सही समय पर मेंटेनेंस नहीं होने के कारण हुआ है। पल्प प्लांट की टंकी का भी सही रख रखाव नहीं किया गया था। इस कारण उसकी पाइप में प्रेशर बना और ब्लास्ट की स्थिति बन गई। इस हादसे में प्रबंधन को भी लगभग 50 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। प्रबंधन की बड़ी लापरवाही से इस हादसे में एक ठेका श्रमिक की मौत हो गई और दो मजदूर घायल हो गए। घटना की सूचना के बाद जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन के पहुंचे अधिकारियों ने अब तक प्रबंधन के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं की है। शाम तक प्रबंधन के खिलाफ कोई एफआईआर न होने की भी बात सामने आई है। घटना होते ही जिले भर में कुछ समय के अंदर ही यह खबर आग की तरह फैल गई। लेकिन स्थानीय विधायक जैतपुर मनीषा सिंह घटना के घंटे गुजर जाने के बाद घटनास्थल देर शाम पहुंची और परिजनों से मुलाकात की है।

हालात बिगड़ता देख मौके पर एसडीएम प्रगति वर्मा और एएसपी मुकेश वैश्य पहुंचे। हंगामे को शांत कराया। अधिकारियों के मौजूदगी में मृतक के परिजनों को उचित मुआवजे के साथ परिवार के एक सदस्य को मिल में रोजगार देने की बात कही गई है। लिखित आश्वासन नही मिलने की स्थिति में स्थानीय लोग हंगामा करने लगे। पुलिस ने मामला शांत कराया। अधिकारियों का कहना है कि घायलों की हालत स्थिर है। परिजनों को तत्काल दो लाख रुपये की राहत राशि प्रदान की जा चुकी है।  

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