सांकेतिक तस्वीर – फोटो : सोशल मीडिया
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नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के आरोपी व बिल्डर सरबजीत सिंह मोखा एक मर्तबा फिर विवादों में आ गया है। दरअसल, सोमवार को पेशी पर गये मोखा और उसके बेटे हरकरण सिंह ने वकील महेन्द्र श्रीवास से मामले में समझौते को लेकर दवाब बनाना शुरू कर दिया और इसी बीच दोनों में कहासुनी हो गई।
इसी बीच मोखा के बेटे हरकरण ने झूमाझटकी शुरू कर दी, जिसके बाद वकीलों की भारी भीड़ मौके पर एकत्रित हो गई और मोखा और उसके बेटे पर टूट पड़े, लेकिन वरिष्ठ अधिवक्ताओं के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ, जिसके पीड़ित अधिवक्ता ने ओमती थाने में शिकायत दर्ज कराई है। इस पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर मामले को जांच में लिया है। जिला अदालत में कार्य कर रहे वकील महेंद्र श्रीवास का कहना है कि सोमवार की दोपहर को जब वह अपनी सीट पर बैठकर काम कर रहे थे। उसी दौरान सिटी हॉस्पिटल के डायरेक्टर सरबजीत सिंह मोखा अपने बेटे हरकरण सिंह और एक अन्य साथी के साथ पहुंचे और महेंद्र श्रीवास का गला दबाते हुए उसके साथ मारपीट करना शुरू कर दी।
महेंद्र श्रीवास का आरोप है कि सरबजीत सिंह के बेटे हरकरण सिंह ने अपनी कटार निकाल कर उन्हें मारने की कोशिश भी की। वकील का कहना है कि इस पूरे विवाद की वजह मेरे द्वारा सरबजीत सिंह मोखा के खिलाफ नकली रेमडेशिविर इंजेक्शन को लेकर मेरे द्वारा पुलिस में की गई शिकायत करना है। महेंद्र ने पुलिस को बताया कि सरबजीत सिंह मोखा का बेटा हरकरण सिंह उसे कई दिनों से धमकी भी दे रहा है कि वह समझौता कर ले, पर जब बात नहीं बनी तो उन्होंने जिला अदालत परिसर में घुसकर मारपीट की। महेंद्र ने इस पूरे घटनाक्रम की शिकायत अपने अध्यक्ष सचिव सहित ओमती थाना पुलिस में की है। पुलिस ने वकील की शिकायत दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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