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धार जिले में सवा करोड़ की हेराफेरी का मामला सामने आया है। - फोटो : सोशल मीडिया विस्तार Follow Us धार जिले में सरकारी विभाग के कर्मचारियों के वेतन समेत विभिन्न शासकीय लेन-देन में अमानत में खयानत का सनसनीखेज मामला सामने आया है। सवा करोड़ की राशि का हेरफेर किया गया। जानकारी लगते ही विभाग ने चार लोगों के खातों से 64 लाख रुपये रीकवर किए हैं, साथ ही आरोपी को निलंबित कर दिया है। धार जिले के विकासखंड शिक्षा कार्यालय के एक अकाउंटेंट ने पिछले चार वर्षों में कर्मचारियों के वेतन, एरियर, कार्यालय व्यय, सहित विभिन्न मदों की करीब सवा करोड़ रुपए की राशि में हेरफेर की है। उसने वास्तविक कर्मचारियों के खाते में राशि जमा न कर अपने स्वयं एवं छात्रावास अधीक्षिका पत्नी व अन्य दो के खातों में डाल ली। इसकी जानकारी विभाग को लगते ही हड़कंप मच गया और विभाग व जिला प्रशासन द्वारा ताबड़तोड़ कार्यवाही करते हुए आरोपी अकाउंटेंट सहित चार लोगों से करीब 64 लाखों रुपए की रिकवरी करते हुए आरोपी कर्मचारियों को निलंबित भी कर दिया है। पूरा घटनाक्रम धार जिले की कुक्षी विधानसभा के विकासखंड शिक्षा कार्यालय निसरपुर का है। यहां पर पदस्थ सहायक ग्रेड 3 काशीराम एस्के नामक अकाउंटेंट ने वित्तीय वर्ष 2019-20 से 2022-23 तक की अवधि में निसरपुर के विकासखंड शिक्षा कार्यालय से जुड़े कर्मचारियों के वेतन, एरियर, कार्यालय फेल ई चालान भुगतान, अवकाश नगदीकरण, मानदेय आदि मदों की कुल राशि एक करोड़ 18 लाख 23 हजार रुपए में गड़बड़ी की। ये राशि विभाग से जुड़े वास्तविक कर्मचारियों के खाते में ऑनलाइन जमा करने थी, पर उसने राशि स्वयं के अकाउंट और पत्नी आदिवासी कन्या आश्रम निसरपुर अधीक्षिका अंतिम पति काशीराम एस्के, कुक्षी के परियोजना प्रशासक कार्यालय का बाबू सुरेश भूरिया सहित प्राथमिक शिक्षक बापूसिंह जमरा की पत्नी ललिता पति बापूसिंह जमरा के खाते में ऑनलाइन रूप से ट्रांसफर कर ली।  जिला प्रशासन द्वारा बेहद गोपनीय रखे गए इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी मिलने के बाद हमने सहायक आयुक्त जनजाति कार्यालय ब्रजकांत शुक्ला से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा गड़बड़ी की शंका होने के चलते जांच-पड़ताल की जा रही थी। इस दौरान कई अलग-अलग नामों के साथ एक ही अकाउंट नंबर सामने आया जिस पर संदेह होने पर जांच पड़ताल की गई और पूरे घटनाक्रम का खुलासा हुआ है। इसमें निसरपुर विकासखंड शिक्षा कार्यालय में पदस्थ अकाउंटेंट काशीराम एस्के द्वारा की जा रही गड़बड़ी की जानकारी मिलने के बाद धार कलेक्टर प्रियंक मिश्रा द्वारा शासकीय रूपयो में हेर फेर करने वाले अकाउंटेंट काशीराम एस्के सहित उनकी पत्नी एवं सहायक शिक्षक के साथ परियोजना कार्यालय के बाबू को निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा तेजी से इनसे रिकवरी की जा रही है। इसमें 64 लाख रुपए अभी तक वापस प्राप्त कर लिए गए हैं। आरोपियों पर एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। इस पूरे घटनाक्रम में इन आरोपियों के अलावा भी लापरवाही बरतने वाले अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही विभाग द्वारा इस फर्जीवाड़े के सामने आने के बाद से सतर्कता बरती जा रही है और जिले भर में ही अन्य शासकीय लेनदेन को लेकर भी बारीकी से जांच पड़ताल भी की जा रही है। बता दें कि जिला प्रशासन द्वारा इस पूरे मामले को बेहद गोपनीय रखा गया था किसी को भी कानोंकान खबर नहीं थी।

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धार जिले में सवा करोड़ की हेराफेरी का मामला सामने आया है। – फोटो : सोशल मीडिया

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धार जिले में सरकारी विभाग के कर्मचारियों के वेतन समेत विभिन्न शासकीय लेन-देन में अमानत में खयानत का सनसनीखेज मामला सामने आया है। सवा करोड़ की राशि का हेरफेर किया गया। जानकारी लगते ही विभाग ने चार लोगों के खातों से 64 लाख रुपये रीकवर किए हैं, साथ ही आरोपी को निलंबित कर दिया है।

धार जिले के विकासखंड शिक्षा कार्यालय के एक अकाउंटेंट ने पिछले चार वर्षों में कर्मचारियों के वेतन, एरियर, कार्यालय व्यय, सहित विभिन्न मदों की करीब सवा करोड़ रुपए की राशि में हेरफेर की है। उसने वास्तविक कर्मचारियों के खाते में राशि जमा न कर अपने स्वयं एवं छात्रावास अधीक्षिका पत्नी व अन्य दो के खातों में डाल ली। इसकी जानकारी विभाग को लगते ही हड़कंप मच गया और विभाग व जिला प्रशासन द्वारा ताबड़तोड़ कार्यवाही करते हुए आरोपी अकाउंटेंट सहित चार लोगों से करीब 64 लाखों रुपए की रिकवरी करते हुए आरोपी कर्मचारियों को निलंबित भी कर दिया है।

पूरा घटनाक्रम धार जिले की कुक्षी विधानसभा के विकासखंड शिक्षा कार्यालय निसरपुर का है। यहां पर पदस्थ सहायक ग्रेड 3 काशीराम एस्के नामक अकाउंटेंट ने वित्तीय वर्ष 2019-20 से 2022-23 तक की अवधि में निसरपुर के विकासखंड शिक्षा कार्यालय से जुड़े कर्मचारियों के वेतन, एरियर, कार्यालय फेल ई चालान भुगतान, अवकाश नगदीकरण, मानदेय आदि मदों की कुल राशि एक करोड़ 18 लाख 23 हजार रुपए में गड़बड़ी की। ये राशि विभाग से जुड़े वास्तविक कर्मचारियों के खाते में ऑनलाइन जमा करने थी, पर उसने राशि स्वयं के अकाउंट और पत्नी आदिवासी कन्या आश्रम निसरपुर अधीक्षिका अंतिम पति काशीराम एस्के, कुक्षी के परियोजना प्रशासक कार्यालय का बाबू सुरेश भूरिया सहित प्राथमिक शिक्षक बापूसिंह जमरा की पत्नी ललिता पति बापूसिंह जमरा के खाते में ऑनलाइन रूप से ट्रांसफर कर ली। 

जिला प्रशासन द्वारा बेहद गोपनीय रखे गए इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी मिलने के बाद हमने सहायक आयुक्त जनजाति कार्यालय ब्रजकांत शुक्ला से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा गड़बड़ी की शंका होने के चलते जांच-पड़ताल की जा रही थी। इस दौरान कई अलग-अलग नामों के साथ एक ही अकाउंट नंबर सामने आया जिस पर संदेह होने पर जांच पड़ताल की गई और पूरे घटनाक्रम का खुलासा हुआ है। इसमें निसरपुर विकासखंड शिक्षा कार्यालय में पदस्थ अकाउंटेंट काशीराम एस्के द्वारा की जा रही गड़बड़ी की जानकारी मिलने के बाद धार कलेक्टर प्रियंक मिश्रा द्वारा शासकीय रूपयो में हेर फेर करने वाले अकाउंटेंट काशीराम एस्के सहित उनकी पत्नी एवं सहायक शिक्षक के साथ परियोजना कार्यालय के बाबू को निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा तेजी से इनसे रिकवरी की जा रही है। इसमें 64 लाख रुपए अभी तक वापस प्राप्त कर लिए गए हैं। आरोपियों पर एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।

इस पूरे घटनाक्रम में इन आरोपियों के अलावा भी लापरवाही बरतने वाले अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही विभाग द्वारा इस फर्जीवाड़े के सामने आने के बाद से सतर्कता बरती जा रही है और जिले भर में ही अन्य शासकीय लेनदेन को लेकर भी बारीकी से जांच पड़ताल भी की जा रही है। बता दें कि जिला प्रशासन द्वारा इस पूरे मामले को बेहद गोपनीय रखा गया था किसी को भी कानोंकान खबर नहीं थी।

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