डिंडौरी में उफनते नदी के पुल से बच्चों को पार कराया गया। – फोटो : सोशल मीडिया
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मध्यप्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमकार मरकाम की लापरवाही देखने को मिली है। उफनती नर्मदा नदी पुल के बराबर बह रही थी, उसी पुल से पूर्व मंत्री ने 150 बच्चों को पार करा दिया। जबकि पुलिस ने सतर्कता बतौर पुल से आवागमन बंद कर दिया था। इसे लेकर अधिकारियों की भी नहीं सुनी।
दरअसल मध्यप्रदेश के डिंडौरी जिले में तीन अगस्त को नर्मदा नदी में बाढ़ का पानी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया था। जिला मुख्यालय स्थित नर्मदा तट पर बने बड़े-बड़े मंदिर व घाट पूरी तरह डूब गए थे और बाढ़ का पानी पुल के बराबर पहुंच गया था। उस वक़्त जिला प्रशासन ने पुल के दोनों तरफ बैरिकेडिंग कर आवागमन को बंद कर दिया था। ठीक उसी वक्त डिंडौरी विधायक व पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमकार मरकाम बाढ़ का जायजा लेने पुल के पास पहुंचे। मौके पर बाढ़ उतरने का इंतजार कर रहे स्कूली छात्रों को पुल पार कराने की जिद अधिकारियों से की। अधिकारियों के मना करने के बाद भी बैरिकेडिंग तोड़कर स्कूली छात्रों को पुल पार करवा दी। इसकी वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में नजर आ रहा है कि जब स्कूली छात्र दौड़ते हुए पुल को पार कर रहे थे, उस वक्त नर्मदा नदी में बाढ़ का पानी पुल के ऊपर छलक रहा था।
होमगार्ड कमांडेंट की बात की अनसुनी
जानकारी के मुताबिक़ स्कूली छात्रों के पुल पार करने के करीब आधे घंटे बाद पुल बाढ़ में डूब गया था। होमगार्ड के कमांडेंट ललित उद्दे ने बताया की बाढ़ को देखते हुए जब उनके द्वारा पुल पर बैरिकेडिंग करके आवाजाही बंद किया गया था, तब विधायक ओमकार मरकाम स्कूली छात्रों को पुल पार करने की ज़िद करने लगे और उनके मना करने के बाद भी विधायक ने जबरन स्कूली छात्रों को पुल पार करवा दिया। होमगार्ड कमाडेंट का कहना है कि स्कूली छात्रों को पुल पार करवाना ख़तरनाक साबित हो सकता था। इसका ध्यान जनप्रतिनिधियों को हमेशा रखना चाहिए।
पूर्व मंत्री बोले- मौसम वैज्ञानिक से बात कर ली थी
माननीय विधायक ओमकार मरकाम ने इस मामले को लेकर जो बयान दिया है वह ना केवल हास्यास्पद है बल्कि ग़ैरज़िम्मेदाराना भी है। विधायक मरकाम का कहना है कि स्कूली छात्रों को पुल पार करवाने से पहले उन्होंने किसी मौसम वैज्ञानिक से बात की थी। जिन्होंने 15 से 20 मिनट तक बाढ़ पुल के ऊपर नहीं आने का दावा किया था।
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