damoh-news:-हरदुआ-गांव-में-दूषित-पानी-पीने-से-उल्टी-दस्त-और-बुखार-से-पीड़ित-ग्रामीण,-कुओं-पर-आश्रित-लोग
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, दमोह Published by: अरविंद कुमार Updated Wed, 02 Aug 2023 03: 52 PM IST लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें दमोह जिले में तेंदूखेड़ा ब्लाक की ग्राम पंचायत बिसनाखेड़ी के हरदुआ गांव के लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। उन्हें उल्टी, दस्त और बुखार आ रहा है, जिससे वह अस्पताल में भर्ती होकर इलाज करा रहे हैं। कुओं पर आश्रित लोग - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us दमोह के हरदुआ गांव में वर्तमान में यहां पानी का कोई श्रोत नहीं है, जिससे ग्रामीण कुओं में भरा बारिश का पानी उपयोग कर रहे हैं। जब इस बात की जानकारी स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों को लगी तो उन्होंने टीम को गांव में भेजने की बात कही। गांव में कुछ महीने पहले सतधरू योजना चालू हुई, जो पिछले एक महीने से बंद पड़ी है। इसलिए ग्रामीणों को मजबूरी में कुओं का पानी पीना पड़ रहा है, जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक साबित हो रहा है। हरदुआ गांव में वर्तमान में दर्जनों परिवार उल्टी, दस्त के साथ बुखार से पीड़ित हैं और इलाज कराने अस्पताल पहुंच रहे हैं। ग्राम हरदुआ में पानी के केवल तीन श्रोत हैं, जिनमें एक हैंडपंप, कुआं और सतधरू योजना, लेकिन सतधरू योजना पिछले एक महीने से बंद पड़ी है। इसी तरह हैंड़पंप भी दो सप्ताह से बंद हैं, बचे गांव के कुआं जिनमें वर्षा और आसपास के नदी, नालों का पानी जाकर भर रहा है और इसे पीकर ग्रामीण बीमार हो रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में भोजन बनाने, पीने और अन्य कार्यों के लिए कुएं के पानी पर निर्भर हैं, जिसका पानी दूषित है और उसको पीने के बाद गांव के बच्चे, युवा, बुजुर्ग सभी बीमार हो रहे हैं। सभी को उल्टी, दस्त के साथ तेज बुखार आ रहा है। कुओं पर आश्रित ग्रामीण हरदुआ गांव में डाली सतधरू परियोजना की लाइन में लीकेज होने से वह बंद है और हैंडपंप बिगड़े हैं। ऐसे में ग्रामीण कुओं के पानी पर आश्रित हैं। इन कुओं में कई ऐसी झिरिया हैं, जो बिना मुंडेर वाली हैं। गांव के बच्चे इन बिना मुंडेर वाली झिरियों पर पानी भरने जाते हैं, जिससे कभी भी हादसा हो सकता है। ये बोले जिम्मेदार पंचायत सचिव नरेश यादव ने बताया कि मुझे तीन दिन पहले बंद हैंडपंप और दूषित पानी से लोगों के खराब स्वास्थ्य की जानकारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के साथ अन्य लोगों ने दी थी। मैंने पीएचई विभाग के कर्मचारियों को सूचना दी थी। उनका कहना था स्वास्थ खराब है ठीक होते ही हैंडपंप सुधर जाएगा। पीएचई कार्यालय के स्टोरकीपर यूएस कुशवाहा ने बताया मकैनिक का स्वास्थ्य खराब है, जैसे ही ठीक होता है हैंडपंप का सुधार करवाया जाएगा। तेंदूखेड़ा जनपद सीईओ मनीष बागरी ने बताया कि मैं अभी कुओं में पाउडर डलवाने की व्यवस्था करता हूं। तेंदूखेड़ा सीबीएमओ आरआर बागरी ने बताया कि झिरियों और खुले कुओं का पानी नुकसानदायक है, मैं स्वास्थ टीम को गांव भेजता हूं। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

You can share this post!

Related News

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, दमोह Published by: अरविंद कुमार Updated Wed, 02 Aug 2023 03: 52 PM IST

लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें

दमोह जिले में तेंदूखेड़ा ब्लाक की ग्राम पंचायत बिसनाखेड़ी के हरदुआ गांव के लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। उन्हें उल्टी, दस्त और बुखार आ रहा है, जिससे वह अस्पताल में भर्ती होकर इलाज करा रहे हैं। कुओं पर आश्रित लोग – फोटो : अमर उजाला

विस्तार Follow Us

दमोह के हरदुआ गांव में वर्तमान में यहां पानी का कोई श्रोत नहीं है, जिससे ग्रामीण कुओं में भरा बारिश का पानी उपयोग कर रहे हैं। जब इस बात की जानकारी स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों को लगी तो उन्होंने टीम को गांव में भेजने की बात कही। गांव में कुछ महीने पहले सतधरू योजना चालू हुई, जो पिछले एक महीने से बंद पड़ी है। इसलिए ग्रामीणों को मजबूरी में कुओं का पानी पीना पड़ रहा है, जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक साबित हो रहा है। हरदुआ गांव में वर्तमान में दर्जनों परिवार उल्टी, दस्त के साथ बुखार से पीड़ित हैं और इलाज कराने अस्पताल पहुंच रहे हैं।

ग्राम हरदुआ में पानी के केवल तीन श्रोत हैं, जिनमें एक हैंडपंप, कुआं और सतधरू योजना, लेकिन सतधरू योजना पिछले एक महीने से बंद पड़ी है। इसी तरह हैंड़पंप भी दो सप्ताह से बंद हैं, बचे गांव के कुआं जिनमें वर्षा और आसपास के नदी, नालों का पानी जाकर भर रहा है और इसे पीकर ग्रामीण बीमार हो रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में भोजन बनाने, पीने और अन्य कार्यों के लिए कुएं के पानी पर निर्भर हैं, जिसका पानी दूषित है और उसको पीने के बाद गांव के बच्चे, युवा, बुजुर्ग सभी बीमार हो रहे हैं। सभी को उल्टी, दस्त के साथ तेज बुखार आ रहा है।

कुओं पर आश्रित ग्रामीण
हरदुआ गांव में डाली सतधरू परियोजना की लाइन में लीकेज होने से वह बंद है और हैंडपंप बिगड़े हैं। ऐसे में ग्रामीण कुओं के पानी पर आश्रित हैं। इन कुओं में कई ऐसी झिरिया हैं, जो बिना मुंडेर वाली हैं। गांव के बच्चे इन बिना मुंडेर वाली झिरियों पर पानी भरने जाते हैं, जिससे कभी भी हादसा हो सकता है।

ये बोले जिम्मेदार
पंचायत सचिव नरेश यादव ने बताया कि मुझे तीन दिन पहले बंद हैंडपंप और दूषित पानी से लोगों के खराब स्वास्थ्य की जानकारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के साथ अन्य लोगों ने दी थी। मैंने पीएचई विभाग के कर्मचारियों को सूचना दी थी। उनका कहना था स्वास्थ खराब है ठीक होते ही हैंडपंप सुधर जाएगा। पीएचई कार्यालय के स्टोरकीपर यूएस कुशवाहा ने बताया मकैनिक का स्वास्थ्य खराब है, जैसे ही ठीक होता है हैंडपंप का सुधार करवाया जाएगा। तेंदूखेड़ा जनपद सीईओ मनीष बागरी ने बताया कि मैं अभी कुओं में पाउडर डलवाने की व्यवस्था करता हूं। तेंदूखेड़ा सीबीएमओ आरआर बागरी ने बताया कि झिरियों और खुले कुओं का पानी नुकसानदायक है, मैं स्वास्थ टीम को गांव भेजता हूं।

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

Posted in MP