मणिपुर-वीडियो-मामला:-सीबीआई-जांच-नहीं-चाहती-महिलाएं,-सुप्रीम-कोर्ट-ने-कहा-एक-सिस्टम-बनाने-की-जरूरत
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वह दोनों पक्षों को संक्षेप में सुनेगा और फिर कार्रवाई के सही तरीके पर फैसला करेगा. सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का कहना है कि अगर सुप्रीम कोर्ट मामले की निगरानी करेगा तो केंद्र को कोई आपत्ति नहीं है. वहीं मणिपुर वायरल वीडियो मामले पर बयान देते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने कहा कि जहां तक ​​कानून का सवाल है, बलात्कार पीड़िताएं इस बारे में बात नहीं करतीं. वे सामने आकर अपने दर्द को साझा नहीं करना चाहती हैं. ऐसे में सबसे जरूरी है कि उनके अंदर आत्मविश्वास पैदा करना. सीबीआई अगर मामले की जांच करती है, तो इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि महिलाएं सामने आयेंगी और सबकुछ बतायेंगी. अगर जांच में महिलाएं शामिल हों तो पीड़िताओं को बात करने में आसानी होगी और वे अपनी बात कह पायेगी. इसलिए मेरी राय है कि मणिपुर वीडियो मामले की जांच एक ऐसी समिति को सौंपी जाये, जिसके पास हाई पावर हो और पीड़ितों से बात करने का अनुभव भी हो.

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सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वह दोनों पक्षों को संक्षेप में सुनेगा और फिर कार्रवाई के सही तरीके पर फैसला करेगा. सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का कहना है कि अगर सुप्रीम कोर्ट मामले की निगरानी करेगा तो केंद्र को कोई आपत्ति नहीं है. वहीं मणिपुर वायरल वीडियो मामले पर बयान देते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने कहा कि जहां तक ​​कानून का सवाल है, बलात्कार पीड़िताएं इस बारे में बात नहीं करतीं. वे सामने आकर अपने दर्द को साझा नहीं करना चाहती हैं. ऐसे में सबसे जरूरी है कि उनके अंदर आत्मविश्वास पैदा करना. सीबीआई अगर मामले की जांच करती है, तो इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि महिलाएं सामने आयेंगी और सबकुछ बतायेंगी. अगर जांच में महिलाएं शामिल हों तो पीड़िताओं को बात करने में आसानी होगी और वे अपनी बात कह पायेगी. इसलिए मेरी राय है कि मणिपुर वीडियो मामले की जांच एक ऐसी समिति को सौंपी जाये, जिसके पास हाई पावर हो और पीड़ितों से बात करने का अनुभव भी हो.