ujjain-mahakal:-बाबा-की-चौथी-सवारी-आज,-उमा-महेश,-चंद्रमौलेश्वर,-मनमहेश-और-शिवतांडव-स्वरूप-में-देंगे-दर्शन
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उज्जैन Published by: अंकिता विश्वकर्मा Updated Mon, 31 Jul 2023 10: 11 AM IST श्रावण शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी और चतुर्दशी के साथ सोमवार के विशेष संयोग में आज (31 जुलाई) सुबह बाबा महाकाल निर्धारित समय से आधा घंटा पूर्व यानी 2: 30 बजे जागे। स्नान पूजन, भस्म रमाने और श्रृंगार के बाद अपने भक्तों को जैसे ही दर्शन दिए वैसे ही अकाल मृत्यु को हरने वाले भगवान महाकाल के दरबार में जय श्री महाकाल की गूंज गुंजायमान हो गई। बाबा महाकाल के निराकार से साकार होने के इसी स्वरूप के दर्शन करने के लिए भक्त काफी समय से इंतजार कर रहे थे।   धार्मिक नगरी उज्जैन में सुबह से जय श्री महाकाल का उद्घोष सुनाई दिया जो, कि देर शाम तक इसी प्रकार जारी रहेगा। बाबा महाकाल के दरबार के पट रात्रि 2: 30 बजे खोले गए। मंदिर के पंडितों एवं पुजारी पुरोहितों द्वारा बाबा महाकाल का जलाभिषेक करने के साथ ही शिव परिवार का भी पूजन अर्चन किया। जिसके बाद बाबा महाकाल का सूखे मेवे से श्रृंगार कर उन्हें महानिवार्णी अखाड़े के महंत विनीत गिरी द्वारा भस्मी रमाई गई। सुबह मंदिर में हुई भस्म आरती के साथ ही दर्शन का क्रम शुरू हुआ। जिसका लाभ हजारों श्रद्धालुओं ने चलित भस्मआरती के रूप में लिया। आज सुबह मंदिर में बाबा महाकाल के दर्शनों का लाभ भले ही हजारों श्रद्धालुओं ने लिया हो लेकिन श्रावण मास के चौथे सोमवार पर बाबा महाकाल आज भक्तों को दर्शन देने के लिए श्री चंद्रमौलेश्वर, श्री मनमहेश, श्री शिव तांडव के साथ ही उमा महेश स्वरूप में दर्शन देंगे। ऐसी मान्यता है कि बाबा महाकाल उज्जैन नगरी के राजा हैं और प्रजा का हाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकलते हैं, इसीलिए शाम चार बजे बाबा महाकाल की सवारी षोडशोपचार पूजन अर्चन के बाद महाकाल मंदिर से शुरू होगी। महाकालेश्वर मंदिर से शुरू होकर सवारी के परंपरागत मार्गों से होती हुई रामघाट पहुंचेगी, जहां बाबा महाकाल का शिप्रा के जल से पूजन अर्चन करने के साथ यह सवारी पुन: विभिन्न मार्गों से होती हुई गोपाल मंदिर पहुंचेगी। जहां भगवान हरि और हर के मिलन के साथ भगवान का पूजन अर्चन किया जाएगा और यह सवारी पुन: भक्तों को दर्शन देते हुए श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी।  चौथी सवारी में नंदी पर सवार होकर निकलेंगे उमा महेश  बाबा महाकाल की श्रावण भादो मास में निकलने वाली चौथी सवारी आज नगर में धूमधाम से निकाली जाएगी। इस सवारी की विशेषता यह रहेगी कि सवारी में भक्तो को बाबा महाकाल के चौथे स्वरूप यानी उमा महेश के दर्शन तो होंगे ही लेकिन इसके साथ ही सवारी में पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव और नन्दी रथ पर उमा-महेश के स्वरूप में विराजित बाबा महाकाल अपनी प्रजा का हाल जानने के साथ ही उन्हें अपना आशीर्वाद प्रदान करेंगे।  महाकाल के दर्शन में चलित भस्म आरती बनी सहायक भगवान शिव के सबसे प्रिय मास श्रावण में भक्तों की यह मंशा रहती है कि वे श्री महाकालेश्वर मंदिर में सुबह होने वाली भस्मआरती के दर्शनों का लाभ ले सकें, लेकिन भस्म आरती में निर्धारित कोटा होने के कारण श्रद्धालु भगवान के दर्शन नहीं कर पाते हैं, लेकिन श्रावण मास में श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति द्वारा चलित भस्म आरती की बड़ी सुंदर व्यवस्था की गई है। यही कारण है कि हजारों श्रद्धालु इस व्यवस्था का लाभ लेते हुए प्रतिदिन भगवान के दर्शनों का लाभ ले रहे हैं और अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उज्जैन Published by: अंकिता विश्वकर्मा Updated Mon, 31 Jul 2023 10: 11 AM IST

श्रावण शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी और चतुर्दशी के साथ सोमवार के विशेष संयोग में आज (31 जुलाई) सुबह बाबा महाकाल निर्धारित समय से आधा घंटा पूर्व यानी 2: 30 बजे जागे। स्नान पूजन, भस्म रमाने और श्रृंगार के बाद अपने भक्तों को जैसे ही दर्शन दिए वैसे ही अकाल मृत्यु को हरने वाले भगवान महाकाल के दरबार में जय श्री महाकाल की गूंज गुंजायमान हो गई। बाबा महाकाल के निराकार से साकार होने के इसी स्वरूप के दर्शन करने के लिए भक्त काफी समय से इंतजार कर रहे थे।  

धार्मिक नगरी उज्जैन में सुबह से जय श्री महाकाल का उद्घोष सुनाई दिया जो, कि देर शाम तक इसी प्रकार जारी रहेगा। बाबा महाकाल के दरबार के पट रात्रि 2: 30 बजे खोले गए। मंदिर के पंडितों एवं पुजारी पुरोहितों द्वारा बाबा महाकाल का जलाभिषेक करने के साथ ही शिव परिवार का भी पूजन अर्चन किया। जिसके बाद बाबा महाकाल का सूखे मेवे से श्रृंगार कर उन्हें महानिवार्णी अखाड़े के महंत विनीत गिरी द्वारा भस्मी रमाई गई। सुबह मंदिर में हुई भस्म आरती के साथ ही दर्शन का क्रम शुरू हुआ। जिसका लाभ हजारों श्रद्धालुओं ने चलित भस्मआरती के रूप में लिया। आज सुबह मंदिर में बाबा महाकाल के दर्शनों का लाभ भले ही हजारों श्रद्धालुओं ने लिया हो लेकिन श्रावण मास के चौथे सोमवार पर बाबा महाकाल आज भक्तों को दर्शन देने के लिए श्री चंद्रमौलेश्वर, श्री मनमहेश, श्री शिव तांडव के साथ ही उमा महेश स्वरूप में दर्शन देंगे। ऐसी मान्यता है कि बाबा महाकाल उज्जैन नगरी के राजा हैं और प्रजा का हाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकलते हैं, इसीलिए शाम चार बजे बाबा महाकाल की सवारी षोडशोपचार पूजन अर्चन के बाद महाकाल मंदिर से शुरू होगी। महाकालेश्वर मंदिर से शुरू होकर सवारी के परंपरागत मार्गों से होती हुई रामघाट पहुंचेगी, जहां बाबा महाकाल का शिप्रा के जल से पूजन अर्चन करने के साथ यह सवारी पुन: विभिन्न मार्गों से होती हुई गोपाल मंदिर पहुंचेगी। जहां भगवान हरि और हर के मिलन के साथ भगवान का पूजन अर्चन किया जाएगा और यह सवारी पुन: भक्तों को दर्शन देते हुए श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी। 

चौथी सवारी में नंदी पर सवार होकर निकलेंगे उमा महेश 
बाबा महाकाल की श्रावण भादो मास में निकलने वाली चौथी सवारी आज नगर में धूमधाम से निकाली जाएगी। इस सवारी की विशेषता यह रहेगी कि सवारी में भक्तो को बाबा महाकाल के चौथे स्वरूप यानी उमा महेश के दर्शन तो होंगे ही लेकिन इसके साथ ही सवारी में पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव और नन्दी रथ पर उमा-महेश के स्वरूप में विराजित बाबा महाकाल अपनी प्रजा का हाल जानने के साथ ही उन्हें अपना आशीर्वाद प्रदान करेंगे। 

महाकाल के दर्शन में चलित भस्म आरती बनी सहायक
भगवान शिव के सबसे प्रिय मास श्रावण में भक्तों की यह मंशा रहती है कि वे श्री महाकालेश्वर मंदिर में सुबह होने वाली भस्मआरती के दर्शनों का लाभ ले सकें, लेकिन भस्म आरती में निर्धारित कोटा होने के कारण श्रद्धालु भगवान के दर्शन नहीं कर पाते हैं, लेकिन श्रावण मास में श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति द्वारा चलित भस्म आरती की बड़ी सुंदर व्यवस्था की गई है। यही कारण है कि हजारों श्रद्धालु इस व्यवस्था का लाभ लेते हुए प्रतिदिन भगवान के दर्शनों का लाभ ले रहे हैं और अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।

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