दमोह मानस भवन में योजना के लाभ से वंचित लाडली बहनें। – फोटो : Amar Ujala Digital
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लाडली बहना योजना के दूसरे पार्ट में आवेदन करने वाली महिलाओं के घर में ट्रैक्टर न होने से उनके फार्म नहीं भरे जा रहे। वह निराश होकर घर लौट रही हैं। सरकार से सवाल कर रही हैं कि यह कैसा नियम बना दिया कि घर में आठ लाख का ट्रैक्टर होगा तो ही महिला आवेदन कर सकेगी।
बता दें कि योजना के दूसरे पार्ट में 21 से 23 वर्ष की वही महिलाएं पात्र हैं, जिनके पास ट्रैक्टर है। मानस भवन में बड़ी संख्या में यह लाडली बहना आवेदन करने पहुंच रही हैं, लेकिन जब अधिकारी ट्रैक्टर दिखाने की बात कहते हैं तो वह घर वापस आना ही उचित समझती हैं।
25 जून से योजना का दूसरा पार्ट शुरू
सरकार ने 25 जुलाई को योजना के दूसरे पार्ट की शुरुआत कर दी है। नगर पालिका के अमले को महिलाओं के आवेदन फार्म भरने के लिए नियुक्त कर दिया। दमोह के मानस भवन में लाडली बहना योजना के फार्म भरे जा रहे हैं, जिसमें शहर के सभी वार्डों से वे महिलाएं आवेदन करने पहुंच रही हैं, जिनके फार्म पहले नहीं भरे गए। वहां जाने पर उन्हें बताया जाता है कि केवल 21 से 23 वर्ष की आयु की महिलाओं के फार्म ही भरे जा रहे हैं। इसके अलावा जब उनसे पूछा जाता है कि घर में ट्रैक्टर है तो महिलाएं हैरान रह जाती हैं कि क्या ट्रैक्टर होना जरूरी है।
मानस भवन पहुंची महिलाओं से नगर पालिका के कर्मचारियों ने ट्रैक्टर के बारे में पूछा तो जिन महिलाओं के पास ट्रैक्टर नहीं था उन्होंने मना कर दिया। इसलिए उनका आवेदन नहीं भरा गया। वहीं, कुछ महिलाओं के पति साथ में आए थे उन्होंने अधिकारियों से कहा कि हां उनके घर पर ट्रैक्टर है तो वहां मौजूद अधिकारियों ने कहा कि दिखाओ कहां ट्रैक्टर है। यह सुनते ही पति भी वापस हो गए और सरकार को दोष देने लगे कि योजना है या मजाक। पहले आठ लाख का ट्रैक्टर घर पर हो तब आप एक हजार रुपये हर महीने प्राप्त करने के लिए पात्र होंगे।
लाडली बहनें बोलीं
आवेदन करने पहुंची महिला अनीता पाटकार, सेवाबाई, दशोदाबाई, आशारानी, ममता व अन्य महिलाओं ने कहा कि वह आवेदन करने मानस भवन आई थीं, लेकिन उनसे कहा कि यदि घर पर ट्रैक्टर है तो दिखाओ कहां है। क्या योजना का लाभ लेने के लिए ट्रैक्टर होना जरूरी है। यदि घर पर ट्रैक्टर होगा तो वह एक हजार रुपये प्राप्त करने के लिए इतने धक्के क्यों खाएंगी। इसी तरह कुछ महिलाओं ने कहा कि उनके घर पर ट्रैक्टर था, लेकिन बिक गया है अब क्या योजना का लाभ लेने के लिए नया ट्रैक्टर लेना पड़ेगा और इस तरह महिलाओं ने अपना गुस्सा सरकार की योजना पर निकाला और गुहार लगाई कि भइया ट्रैक्टर की बाध्यता को खत्म किया जाए।
10 जून को मिल चुकी पहली किश्त
दरअसल शासन के द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से अप्रेल महीने में लाडली बहना योजना की शुरुआत की थी और पूरे प्रदेश में लाखों महिलाओं के फार्म भरे गए थे और योजना की पहली किश्त 10 जून को मुख्यमंत्री के द्वारा सिंगल क्लिक के माध्यम से महिलाओं के खातों में पहुंचाई गई थी और 10 जुलाई को दूसरी किश्त भी जारी कर दी गई। योजना के पहले पार्ट में कई महिलाएं आवेदन करने से वंचित रह गई थीं साथ ही जिन महिलाओं के घर पर ट्रैक्टर था वह योजना के लिए अपात्र थीं।
ट्रैक्टर होना जरूरी है
नगर पालिका सीएमओ भैयालाल सिंह ने बताया कि योजना के दूसरे पार्ट में महिला के घर पर ट्रैक्टर होना जरूरी है और केवल 21 से 23 आयु वर्ष की महिलाएं ही आवेदन कर सकती हैं। यदि घर पर ट्रैक्टर नहीं है तो आवेदन नहीं भरा जाएगा और यदि आयु 23 वर्ष से अधिक है तो भी आवेदन नहीं होगा क्योंकि शासन के निर्देश ही यह प्राप्त हुए हैं।
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