सीओसीओएमआई ने केंद्र सरकार पर लगाया गंभीर आरोप
मणिपुर में चिन-कुकी-मिजो-जोमी से संगठन से संबद्ध 10 आदवासी विधायकों ने मैतेई और आदिवासियों के बीच हिंसक संघर्ष के आलोक में केंद्र से अपने समुदायों के लिए पृथक प्रशासन के गठन की अपील की है. इस बीच, नई दिल्ली में सीओसीओएमआई के प्रवक्ता के अथौबा ने राज्य और केंद्र सरकार पर मणिपुर में हिंसा को रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, गुजरात दंगों (2002) के दौरान स्थिति को नियंत्रित करने में चार दिन लगे लेकिन मणिपुर जैसे छोटे राज्य में बल की तैनाती के बावजूद हिंसा को नियंत्रित क्यों नहीं किया जा सकता है. अथौबा ने असम राइफल्स पर उग्रवादियों का समर्थन करने का भी आरोप लगाया, और कहा कि उनका समूह इस संबंध में साक्ष्य इकट्ठा कर रहा है. उन्होंने मांग की कि अर्धसैनिक बल की कुछ बटालियनों को राज्य से हटा दिया जाए. असम राइफल्स ने पहले ही सीओसीओएमआई के खिलाफ राजद्रोह और मानहानि का मामला दर्ज किया है क्योंकि संगठन के प्रमुख ने बहुसंख्यक समुदाय से हथियार न सौंपने का आह्वान किया था.
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