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रास्ता खुलवाने के लिए मालाएं साथ लेकर आए ग्रामीण - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us दमोह ब्लाक में बमोहरी ग्राम पंचायत के पटेल टोला के लोग मंगलवार को चौथी बार जनसुनवाई में स्कूली छात्रों को साथ लेकर कलेक्टर के पास गए और स्कूल जाने वाला रास्ता खुलवाने की मांग की। इस दफा ग्रामीणों ने हटकर अपनी मांग रखी। महिलाओं और छोटे-छोटे बच्चों ने कलेक्ट्रेट के मुख्य गेट पर बैठकर नारेबाजी की। वहीं, ग्रामीण अपने हाथों में मालाएं लेकर आए थे, जो अधिकारियों को पहनानी थी। उनका कहना था कि स्कूल जाने के लिए या तो रास्ता दो या जेल दो। क्योंकि लगातार वह ज्ञापन दे रहे हैं, लेकिन उनकी मांग पूरी नहीं हो रही है। ग्रामीणों ने कहा कि वह इस बार अपने साथ मालाएं लेकर आए हैं, ताकि अधिकारियों को पहनाई जा सके और उन्हें बताया जा सके कि वह इसी तरह शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांग के लिए आवेदन करते रहेंगे।  ग्रामीणों ने बताया कि स्कूल जाने वाले रास्ते पर दबंगों ने कब्जा कर लिया है और शासकीय स्कूल व आंगनवाड़ी केंद्र जाने के लिए रास्ता नहीं है। वह इसके पहले तीन बार जनसुनवाई में ज्ञापन दे चुके, जिसके बाद दमोह तहसीलदार ने रास्ता खुलवाया। लेकिन केवल इतनी जगह दी गई कि बच्चे ही निकल सकते हैं। शिक्षक नहीं जा सकते और दबंगों ने दोबारा रास्ता बंद कर लिया। स्कूल जाने के दो रास्ते हैं, एक रेलवे ट्रैक से होकर जाता है। जहां से बच्चों को स्कूल नहीं भेज सकते और दूसरा नाला पार करके जाया जा सकता है और अभी वर्षा का मौसम है। इसलिए वहां से भी नहीं जा सकते। उनकी केवल यही मांग है कि जो मुख्य रास्ता है, वह खोल जाए। ताकि बच्चे आसानी से स्कूल जा सकें। डिप्टी कलेक्टर आरएल बागरी को यह ज्ञापन दिया गया और उन्होंने शीघ्र ही कार्रवाई का आश्वासन दिया।

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रास्ता खुलवाने के लिए मालाएं साथ लेकर आए ग्रामीण – फोटो : अमर उजाला

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दमोह ब्लाक में बमोहरी ग्राम पंचायत के पटेल टोला के लोग मंगलवार को चौथी बार जनसुनवाई में स्कूली छात्रों को साथ लेकर कलेक्टर के पास गए और स्कूल जाने वाला रास्ता खुलवाने की मांग की। इस दफा ग्रामीणों ने हटकर अपनी मांग रखी। महिलाओं और छोटे-छोटे बच्चों ने कलेक्ट्रेट के मुख्य गेट पर बैठकर नारेबाजी की। वहीं, ग्रामीण अपने हाथों में मालाएं लेकर आए थे, जो अधिकारियों को पहनानी थी।

उनका कहना था कि स्कूल जाने के लिए या तो रास्ता दो या जेल दो। क्योंकि लगातार वह ज्ञापन दे रहे हैं, लेकिन उनकी मांग पूरी नहीं हो रही है। ग्रामीणों ने कहा कि वह इस बार अपने साथ मालाएं लेकर आए हैं, ताकि अधिकारियों को पहनाई जा सके और उन्हें बताया जा सके कि वह इसी तरह शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांग के लिए आवेदन करते रहेंगे। 

ग्रामीणों ने बताया कि स्कूल जाने वाले रास्ते पर दबंगों ने कब्जा कर लिया है और शासकीय स्कूल व आंगनवाड़ी केंद्र जाने के लिए रास्ता नहीं है। वह इसके पहले तीन बार जनसुनवाई में ज्ञापन दे चुके, जिसके बाद दमोह तहसीलदार ने रास्ता खुलवाया। लेकिन केवल इतनी जगह दी गई कि बच्चे ही निकल सकते हैं। शिक्षक नहीं जा सकते और दबंगों ने दोबारा रास्ता बंद कर लिया।

स्कूल जाने के दो रास्ते हैं, एक रेलवे ट्रैक से होकर जाता है। जहां से बच्चों को स्कूल नहीं भेज सकते और दूसरा नाला पार करके जाया जा सकता है और अभी वर्षा का मौसम है। इसलिए वहां से भी नहीं जा सकते। उनकी केवल यही मांग है कि जो मुख्य रास्ता है, वह खोल जाए। ताकि बच्चे आसानी से स्कूल जा सकें। डिप्टी कलेक्टर आरएल बागरी को यह ज्ञापन दिया गया और उन्होंने शीघ्र ही कार्रवाई का आश्वासन दिया।

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