कंप्यूटर चलाती हुई बच्ची – फोटो : अमर उजाला
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दमोह के तेंदुखेड़ा तहसील में मंगलवार दोपहर बाद जब गांव से पानी नदियों में बह गया, तब ग्रामीण अपने घरों की ओर आए और बर्बाद हुई गृहस्थी को देखा। इसी बीच एक अनोखी तस्वीर भी सामने आई। एक छोटी बच्ची घर के बाहर रखे बंद कंप्यूटर को चलाती हुई देखी गई।
बता दें कि बच्ची इस बात से अनजान थी कि कुछ समय पहले गांव में एक तबाही आई थी और परिवार के लोगों को घर छोड़कर दूसरे स्थान पर जाना पड़ा था। जैसे ही परिवार के लोग घर पहुंचे और पानी में भीगे सामान को बाहर रख रहे थे। इस बच्ची की नजर कंप्यूटर पर चली गई और वह उसे चलाने लगी।
64 हेक्टेयर में फैला है जलाशय
पौड़ी जलाशय का 25 साल पूर्व निर्माण हुआ था और दर्जनों गांव के लिए जलाशय से नहर निकाली गई थी। इस जलाशय से काफी बड़ी मात्रा में सिंचाई और मछली पालन बड़े पैमाने पर होता था, जलाशय 64 हेक्टेयर में फैला है। सोमवार रात जब ग्राम पौड़ी के लोग तालाब के पास पहुंचे तो उसमें सुराग दिखा, जिसमें से थोड़ा पानी निकल रहा था।
इसकी सूचना जल संसाधन विभाग को दी गई। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के साथ तेंदूखेड़ा तहसीलदार मोनिका वाघमारे और थाना प्रभारी श्याम बेन मौके पर उपस्थित रहते हुए उन्होंने पहले सुराग को बंद करने का प्रयास किया। लेकिन सफलता नहीं मिली, उसके बाद तेंदूखेड़ा तहसीलदार मोनिका बाघमारे ने मामले से दमोह कलेक्टर मंयक अग्रवाल को अवगत कराया, जिनके निर्देश पर देर रात पुलिस प्रशासन ने दोनों गांव को खाली करवाना शुरू किया और तालाब फूटने के पूर्व वहां कोई भी ग्रामीण मौजूद नहीं था।
आठ फीट पानी में डूबे मकान
पौड़ी जलाशय बहुत बड़े एरिया में फैला हुआ है, जिसकी अभी पुष्टि नहीं हो पाई है। लेकिन जब जलाशय फूटा तो ग्राम पौड़ी और जेतगढ़ दोनों गांव पानी में डूब गए और यहां बने घर सात से आठ फीट पानी में डूब गए। मात्र दो से तीन फीट ही मकान पानी से बाहर दिखाई दे रहे थे। जबकि खेत-खलिहान और किसानों की सामग्री सभी तालाब के पानी में डूब गई। तेंदूखेड़ा एसडीएम अबिनाश रावत, तेंदूखेड़ा तहसीलदार मोनिका वाघमारे, जनपद सीईओ मनीष बागरी, तारादेही थाना प्रभारी श्याम बेन, जवेरा टीआई इंद्रा सिंह, इमलिया चौकी प्रभारी आनंद अहिरवाल जिले से एसडीआरएफ की टीम के साथ स्वास्थ्य विभाग की टीम रात में ही मौके पर पहुंच गई थी।
तहसीलदार मोनिका बाघमारे ने बताया कि तालाब में सुराग की सूचना रात आठ बजे के करीब मिली थी, जिस पर जल संसाधन विभाग की टीम के साथ मौके पर पहुंची थी। सुराग से पानी का बहाव कम नहीं हुआ। इसलिए दमोह कलेक्टर के निर्देश पर ग्राम पौड़ी और जेतगढ़ को खाली कराया गया। ग्रामीणों को उनके रिश्तेदार, तारादेही स्कूल और अन्य सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। पुलिस प्रशासन सुरक्षा में लगा है।
इस संबंध में कलेक्टर मयंक अग्रवाल का कहना है कि प्रसासनिक स्तर पर सभी प्रकार की तैयारियां करते हुए ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। सागर कमिश्नर डाक्टर वीरेंद्र रावत भी मंगलवार को पौड़ी गांव पहुंचे, पानी से हुए नुकसान का जायजा लिया और सीघ्र ही सर्वे के बाद मुआवजा देने की बात कही। इसके अलावा जबेरा विधायक धर्मेंद्र सिंह लोधी भी ग्रामीणों से मिलने पहुंचे और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
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