न्यूज डेस्क, अमर उजाला, राजगढ़ Published by: अरविंद कुमार Updated Tue, 18 Jul 2023 04: 10 PM IST
लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें
मध्यप्रदेश में राजगढ़ जिला मुख्यालय के बाइपास रोड पर संचालित होने वाली आईसीआईसीआई बैंक लगभग दो महीने में दूसरी बार विवादों के घेरे में है। यहां के शाखा प्रबंधक द्वारा किसानों की करोड़ों रुपये की एफडी की राशि के घोटाले के बाद अब बैंक में नकली सोना रखकर बैंक को लगभग 60 लाख से अधिक की आर्थिक क्षति पहुंचाने का मामला सामने आया है। पुलिस ने शाखा प्रबंधक सहित 14 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। बैंक के बाहर खड़े किसान – फोटो : अमर उजाला
विस्तार Follow Us
नकली सोना बैंक में रखकर बैंक को आर्थिक क्षति पहुंचाने के मामले में आरोपी साहिल निवासी कसेरा गली खिलचीपुर, अनिल मालवीय पुरानी तहसील राजगढ़, हनुमंत शरण मेवाड़े तत्कालीन शाखा प्रबंधक राजगढ़, सुनील वर्मा निवासी ग्राम भवानीपुरा राजगढ़, सचिन कुम्भकार निवासी इंग्ले कॉलोनी राजगढ़, सूरजभान सिंह हेडगेवर कॉलोनी राजगढ़, बंशीलाल निवासी टांडीखुर्द राजगढ़, बालू सिंह निवासी मोरपीपली राजगढ़, कन्हैयालाल मालवीय निवासी वार्ड क्रमांक 11 राजगढ़, रितेश दीक्षित बढ़ी पुलिस लाइन राजगढ़, मान सिंह निवासी तलाइखेड़ा राजगढ़, नितिन बढ़ोने निवासी तिलकमार्ग राजगढ़, मंजीत सोनी निवासी राजगढ़, गिरिराज सोनी निवासी राजगढ़ का नाम शामिल है, जिनके खिलाफ कोतवाली थाने में प्रकरण दर्ज किया गया है।
बता दें कि इसके पहले मई महीने के अंत में राजगढ़ शहर कि ICICI बैंक की शाखा के तत्कालीन शाखा प्रबंधक और उसके सहयोगियों के द्वारा किसानों के मुआवजे की राशि पर ही हाथ साफ कर दिया गया था। इस पर कोतवाली थाने में तत्कालीन शाखा प्रबंधक हनुमंत मेवाड़े, मान सिंह और तपन मोरी के खिलाफ धोखाधड़ी, गबन और कूटरचित दस्तावेज तैयार करने सहित विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया था। इसमें वे आज दिनांक तक फरार है, वहीं, बैंक में नकली सोना रखने के मामले में भी तत्कालीन शाखा प्रबंधक सहित एक दर्जन से अधिक आरोपी बनाए गए हैं। वहीं, मंगलवार को धोखाधड़ी के शिकार हुए किसानों ने आईसीआईसीआई बैंक का घेराव कर दिया और बैंक प्रबंधन को बैंक नहीं खोलने दिया और कहा कि बैंक बंद रहेगा तो छानबीन जल्दी पूरी हो जाएगी।
पीड़ित किसानों ने क्या कहा…
पीड़ित किसान शिशुपाल ने अमर उजाला से बात करते हुए बताया कि मोहनपुरा डैम बनाया गया है, जिसमें हमारी जमीन डूब क्षेत्र में गई थी। उसका हमें मुआवजा मिला था, हमने उस मुआवजे की राशि की बैंक में एफडी बनवाई थी। उस एफडी पर बैंक वालों ने ओडी ले ली और पूरा पैसा निकाल लिया, 70 लाख रुपये मेरे स्वयं के हैं और पांच से छह लोगों का मामला है, जिसमें डेढ़ करोड़ की राशि की हेर-फेर की गई है। हमारे बच्चों की पढ़ाई में दिक्कत आ रही है, उन्हें स्कूल से भी निकाल दिया गया है। स्कूल में फीस मांगी जा रही है, जमीन बोने के लिए भी पैसे चाहिए, कंहा से लेकर आएं। छह महीने से ऊपर हो गए हैं, बैंक के चक्कर लगाते-लगाते, बस यही जवाब मिलता है कि जांच चल रही है तो हम कब तक चुप बैठे। जब तक हमारा पैसा हमें नहीं मिल जाता, हम बैंक नहीं खुलने देंगे। भोपाल सहित एसपी, कलेक्टर और थाने में भी शिकायत कर चुके हैं। वे कहते हैं कि एफआईआर दर्ज हुई है, छानबीन चल रही है।
वहीं एक और पीड़ित किसान राजू बंजारा ने बताया कि मेरे 17 लाख रुपये हैं। मोहनपुरा डैम के डूब क्षेत्र में मेरी जमीन डूब में गई थी, उसका मुआवजा मिला था। उसकी एफडी आईसीआईसीआई राजगढ़ बैंक में करवाई थी। तीन साल के लिए बैंक में आते थे तो ब्रांच मैनेजर बोलता था कि आपकी एफडी है, लेकिन जब हमें पता चला तो उसमें ओवरड्यू निकल रहा है। कराड़िया के हम छह लोग हैं और तीन से चार गांव के लोग और हैं, जिनके साथ बैंक द्वारा धोखाधड़ी हुई है। यह पूरा मामला डेढ़ करोड़ के आंकड़े का है। हम जहां भी शिकायत करने जाते हैं, सिर्फ आश्वासन ही मिलता है। छह महीने से हम लोग परेशान हो रहे हैं, मेरे पिता की तबियत खराब है। उनका इलाज कैसे करवाऊं। पैसे तो है ही नहीं, हर बार आश्वसन के नाम पर ठंडे पानी के छीटे दे दिए जाते हैं। इसलिए आज हम बैंक के बाहर ही बैठे हैं और बैंक नहीं खुलने देंगे। बैंक बंद रहेगी तो हमारी छानबीन हो जाएगी।
कोतवाली थाना प्रभारी उमेश यादव ने कहा…
मामले को लेकर अमर उजाला की टीम ने कोतवाली थाना प्रभारी उमेश यादव से बात की तो उन्होंने बताया कि आइसीआइसीआई बैंक से आवेदन प्राप्त हुआ था, जिसमें फर्जी गोल्ड लोन लिया गया था। जांच के बाद सोमवार को अपराध पंजीबद्ध किया गया है। इसमें बैंक के तत्कालीन मैनेजर हनुमंत मेवाड़े और उनके अन्य साथियों के द्वारा नकली सोना लेकर आते थे और बैंक का सुनार उस नकली सोने को असली सोना बताता था। उस नकली सोने पर से आरोपियों के द्वारा गोल्ड लोन लिया गया।
जांच में ऐसे 12 मामले सामने आए, जिसमें से नौ मामलों में पूरी तरह से नकली सोना बैंक में रखा गया था और तीन मामलों में सोने का वजन कम था। लेकिन बैंक के सुनार ने उस पर वजन ज्यादा बताकर गोल्ड लोन दिलवाया था। इन 12 मामलों में कुल 63 लाख से अधिक की राशि की बैंक को क्षति पहुंचाई गई है। मामले में अपराध पंजीबद्ध करते हुए कुल 14 आरोपी बनाए गए हैं और उनके खिलाफ विभिन्न धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध कर टीम का गठन किया गया है, जल्द ही इन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।
एफडी की राशि में से लोन लिया…
वहीं, ग्रामीणों के द्वारा बैंक न खोलने देने के मामले को लेकर थाना प्रभारी ने बताया कि एक और पूर्व का मामला है, जिसमें तत्कालीन शाखा प्रबंधक हनुमंत मेवाड़े के द्वारा एक और घोटाला बैंक में किया था। इसमें फर्जी तरीके से किसानों की एफडी की राशि में से लोन लिया था, ग्रामीणों के द्वारा बैंक न खोलने देने की जानकारी मिली है। वहीं, ग्रामीणों के द्वारा बैंक न खोलने देने को लेकर दोपहर में आईसीआईसीआई बैंक प्रबंधन भोपाल की टीम राजगढ़ कोतवाली थाने में पहुंची, लेकिन उन्होंने मीडिया से दूरी बनाए रखी।
गौरतलब है कि पीड़ित किसान लगभग छह महीने से बैंक और प्रशासनिक अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन उनका निकाल नहीं हुआ, एफआईआर हुई है लेकिन तत्कालीन शाखा प्रबंधक फरार है। वहीं नकली सोना रखने के मामले में भी तत्कालीन शाखा प्रबंधक और एक दर्जन से अधिक लोगों पर एफआईआर दर्ज हो चुकी है। लेकिन ग्रामीणों को उनका पैसा कब और किस माध्यम से दिया जाएगा, इसका जवाब देने के लिए कोई तैयार नहीं है। फिलहाल, यही कहा जा रहा है कि जांच की जा रही है।
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
Comments