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पूर्व आईएएस निर्मला बुच का निधन - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us प्रदेश की पहली महिला मुख्य सचिव निर्मला बुच का शनिवार रात निधन हो गया। 88 वर्षीय बुच लंबे समय से बीमार थीं। बुच 1991 से 1993 तक प्रदेश की मुख्य सचिव रहीं। वे सेवानिवृत्ति के बाद सामाजिक कार्यों में सक्रिय थीं। निर्मला बुच वर्ष 1960 में भारतीय प्रशासनिक सेवा में आईं। 1961 में मसूरी अकादमी में प्रशिक्षण के बाद उनकी पहली पोस्टिंग जबलपुर में हुई। इसके बाद कई जिलों में पदस्थ रहीं। बुच सेवानिवृत्ति के बाद समाज कल्याण के कार्यों में सक्रिय रहीं। निर्मला बुच का जन्म 11 अक्टूबर 1935 को उत्तर प्रदेश के खुर्जा में हुआ था।  आईएएस एमएन बुच से की थी शादी उन्होंने आईएएस अधिकारी एमएन बुच से शादी की थी। एमएन बुच का आठ साल पहले निधन हो गया था। वे भी प्रदेश के प्रमुख सचिव रहे थे। बुच दंपती प्रदेश के सख्त आईएएस अधिकारियों में शुमार थे। निर्मला बुच का अंतिम संस्कार सोमवार को किया जाएगा। बुच बहुत अध्ययनशील थीं  निर्मला बुच ने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से मनोविज्ञान, दर्शनशास्त्र और अंग्रेजी साहित्य में 1955 में स्नातक की डिग्री ली थी। इसके बाद 1957 में बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से ही अंग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर की डिग्री ली और फिर 1957 व 1959 में उन्होंने फ्रेंच और जर्मन भाषाओं में दो साल के डिप्लोमा कोर्स किए। वह बहुत अध्ययनशील थीं। उनको कई भाषाओं का ज्ञान था। उन्होंने कई पुस्तकों का संपादन भी किया।  सेवानिवृत्ति के बाद भी करती रहीं काम  निर्मला बुच सेवानिवृत्ति के बाद भी काम करती रहीं। उनके अनुभव का केंद्र और राज्य सरकार दोनों ने लाभ उठाया। बुच ने मध्य प्रदेश की महिला नीति बनाने में भूमिका निभाई। मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में केंद्र सरकार के साथ मिलकर पंचायतों में महिलाओं के अनुभवों पर अध्ययन किया। मध्य प्रदेश में पंचायतीराज पर अध्ययन किया। इसके अलावा मध्य प्रदेश में विकेंद्रीकरण और गुड गवर्नेंस के प्रभावों पर फोर्ड फाउंडेशन के सहयोग से काम किया। उन्होंने कई गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर शोध किए।  निर्मला जी की प्रशासनिक दक्षता अद्भुत थी : शिवराज निर्मला बुच के निधन पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्य सचिव निर्मला बुच जी के निधन के समाचार से मन दुःखी है। उनकी कर्तव्यनिष्ठा और प्रशासनिक दक्षता अद्भुत थी। मैं ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति तथा शोकाकुल परिजनों को इस दुःख को सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना करता हूं। दुःख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं परिजनों के साथ हैं। सामाजिक जीवन में अविस्मरणीय योगदान था: कमलनाथ पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी बुच के निधन पर ट्वीट के जरिए श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्य सचिव एवं कर्मठ समाजसेवी निर्मला बुच के निधन का दुखद समाचार प्राप्त हुआ। ईश्वर उनकी आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दे और परिवार को यह दुख सहन करने की शक्ति दे। प्रदेश के सामाजिक जीवन में उनका योगदान सदैव अविस्मरणीय रहेगा।

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पूर्व आईएएस निर्मला बुच का निधन – फोटो : अमर उजाला

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प्रदेश की पहली महिला मुख्य सचिव निर्मला बुच का शनिवार रात निधन हो गया। 88 वर्षीय बुच लंबे समय से बीमार थीं। बुच 1991 से 1993 तक प्रदेश की मुख्य सचिव रहीं। वे सेवानिवृत्ति के बाद सामाजिक कार्यों में सक्रिय थीं। निर्मला बुच वर्ष 1960 में भारतीय प्रशासनिक सेवा में आईं। 1961 में मसूरी अकादमी में प्रशिक्षण के बाद उनकी पहली पोस्टिंग जबलपुर में हुई। इसके बाद कई जिलों में पदस्थ रहीं। बुच सेवानिवृत्ति के बाद समाज कल्याण के कार्यों में सक्रिय रहीं। निर्मला बुच का जन्म 11 अक्टूबर 1935 को उत्तर प्रदेश के खुर्जा में हुआ था। 

आईएएस एमएन बुच से की थी शादी
उन्होंने आईएएस अधिकारी एमएन बुच से शादी की थी। एमएन बुच का आठ साल पहले निधन हो गया था। वे भी प्रदेश के प्रमुख सचिव रहे थे। बुच दंपती प्रदेश के सख्त आईएएस अधिकारियों में शुमार थे। निर्मला बुच का अंतिम संस्कार सोमवार को किया जाएगा।

बुच बहुत अध्ययनशील थीं 
निर्मला बुच ने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से मनोविज्ञान, दर्शनशास्त्र और अंग्रेजी साहित्य में 1955 में स्नातक की डिग्री ली थी। इसके बाद 1957 में बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से ही अंग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर की डिग्री ली और फिर 1957 व 1959 में उन्होंने फ्रेंच और जर्मन भाषाओं में दो साल के डिप्लोमा कोर्स किए। वह बहुत अध्ययनशील थीं। उनको कई भाषाओं का ज्ञान था। उन्होंने कई पुस्तकों का संपादन भी किया। 

सेवानिवृत्ति के बाद भी करती रहीं काम 
निर्मला बुच सेवानिवृत्ति के बाद भी काम करती रहीं। उनके अनुभव का केंद्र और राज्य सरकार दोनों ने लाभ उठाया। बुच ने मध्य प्रदेश की महिला नीति बनाने में भूमिका निभाई। मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में केंद्र सरकार के साथ मिलकर पंचायतों में महिलाओं के अनुभवों पर अध्ययन किया। मध्य प्रदेश में पंचायतीराज पर अध्ययन किया। इसके अलावा मध्य प्रदेश में विकेंद्रीकरण और गुड गवर्नेंस के प्रभावों पर फोर्ड फाउंडेशन के सहयोग से काम किया। उन्होंने कई गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर शोध किए। 

निर्मला जी की प्रशासनिक दक्षता अद्भुत थी : शिवराज
निर्मला बुच के निधन पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्य सचिव निर्मला बुच जी के निधन के समाचार से मन दुःखी है। उनकी कर्तव्यनिष्ठा और प्रशासनिक दक्षता अद्भुत थी। मैं ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति तथा शोकाकुल परिजनों को इस दुःख को सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना करता हूं। दुःख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं परिजनों के साथ हैं।

सामाजिक जीवन में अविस्मरणीय योगदान था: कमलनाथ
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी बुच के निधन पर ट्वीट के जरिए श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्य सचिव एवं कर्मठ समाजसेवी निर्मला बुच के निधन का दुखद समाचार प्राप्त हुआ। ईश्वर उनकी आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दे और परिवार को यह दुख सहन करने की शक्ति दे। प्रदेश के सामाजिक जीवन में उनका योगदान सदैव अविस्मरणीय रहेगा।

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