सभा मंडप के पात्र में जल अर्पण करते श्रद्धालु। - फोटो : Amar Ujala Digital विस्तार Follow Us श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण माह में श्री महाकालेश्वर भगवान के दर्शन हेतु भक्तों का आगमन सतत हो रहा है। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा कावड़ यात्रियों के लिए जल अर्पित करने के लिए अलग व्यवस्था की गई है। कांवड़ यात्रियों ने मंदिर के द्वार क्रमांक-4 से प्रवेश कर विश्राम धाम होते हुए मंदिर परिसर स्थित सभामंडप के चांदी द्वार पर लगे अभिषेक पात्र में श्री महाकालेश्वर भगवान को जल अर्पित कर गणेशमंडपम के बैरिकेट से दर्शन किए। देव नगरी उज्जैन में समर्पण सेवा समिति द्वारा कावड़ यात्रा निकाली गई। इसमें सम्मिलित कावड़ यात्रियों ने सुगमता से दर्शन किए और दर्शन व्यवस्था से प्रसन्न हुए। समय में बदलाव श्रावण-भाद्रपद माह मे भगवान महाकालेश्वर की भस्मारती हेतु मंदिर के पट 11 सितम्बर 2023 तक प्रत्येक सोमवार प्रात: 2.30 बजे और अन्य दिवस प्रात: तीन बजे खुलेंगे। आज श्री महाकालेश्वर भगवान की भस्मारती में लगभग 22 हजार भक्तों ने दर्शन किए। आगंतुक श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए मंदिर प्रबंध समिति द्वारा व्यापक व्यवस्थाए की गई है।

You can share this post!

Related News

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

सभा मंडप के पात्र में जल अर्पण करते श्रद्धालु। – फोटो : Amar Ujala Digital

विस्तार Follow Us

श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण माह में श्री महाकालेश्वर भगवान के दर्शन हेतु भक्तों का आगमन सतत हो रहा है। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा कावड़ यात्रियों के लिए जल अर्पित करने के लिए अलग व्यवस्था की गई है। कांवड़ यात्रियों ने मंदिर के द्वार क्रमांक-4 से प्रवेश कर विश्राम धाम होते हुए मंदिर परिसर स्थित सभामंडप के चांदी द्वार पर लगे अभिषेक पात्र में श्री महाकालेश्वर भगवान को जल अर्पित कर गणेशमंडपम के बैरिकेट से दर्शन किए। देव नगरी उज्जैन में समर्पण सेवा समिति द्वारा कावड़ यात्रा निकाली गई। इसमें सम्मिलित कावड़ यात्रियों ने सुगमता से दर्शन किए और दर्शन व्यवस्था से प्रसन्न हुए।

समय में बदलाव
श्रावण-भाद्रपद माह मे भगवान महाकालेश्वर की भस्मारती हेतु मंदिर के पट 11 सितम्बर 2023 तक प्रत्येक सोमवार प्रात: 2.30 बजे और अन्य दिवस प्रात: तीन बजे खुलेंगे। आज श्री महाकालेश्वर भगवान की भस्मारती में लगभग 22 हजार भक्तों ने दर्शन किए। आगंतुक श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए मंदिर प्रबंध समिति द्वारा व्यापक व्यवस्थाए की गई है।

Posted in MP