umaria:-एसडीएम-की-कार्रवाई-के-विरोध-में-पटवारियों-ने-जमा-किए-बस्ते,-कलमबंद-हड़ताल-की-घोषणा
पटवारी अपने बस्ते जमा कर हड़ताल पर चले गए हैं। - फोटो : सोशल मीडिया विस्तार उमरिया जिले के बिरसिंहपुर पाली के एसडीएम द्वारा की गई कार्रवाई के विरोध में जिले के समस्त पटवारी कलमबंद हड़ताल पर चले गए हैं। इससे पहले पटवारियों ने अपना बस्ता संबंधित कार्यालयों मे तहसीलदारों को सुपुर्द करने के बादकलम बंद करने की सामूहिक घोषणा कर दी।  उल्लेखनीय है कि प्रदेश भर के पटवारी सीमांकन की जिम्मेदारी सौंपे जाने के सरकारी फैसले का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस कार्य के लिए उन्हें आरआई के समान वेतन मिलना चाहिए। पटवारियों की हड़ताल से विभिन्न शासकीय योजनाओं तथा राजस्व संबंधी कई कार्य प्रभावित होंगे। जिसके चलते किसानो, पक्षकारों और हितग्राहियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। ज्ञापन सौंपने के बाद रोकी वेतन वृद्धियां बताया गया है कि सरकार द्वारा जारी आदेश के विरोध में जारी राज्यव्यापी आंदोलन के तहत 3 जून को पाली के पटवारियों द्वारा सीमांकन कार्य करने मे असमर्थता व्यक्त करने का ज्ञापन सौंपा था। इसके बाद पाली एसडीएम ने तहसील के सात पटवारियों की दो वेतन वृद्धियां रोकने का आदेश जारी कर दिया। इसके बाद पूरे पटवारियों मे रोष फैल गया। गत 5 जून को पटवारी संघ ने कलेक्टर को ज्ञापन देकर एसडीएम के आदेश को 24 घंटे में वापस लेने की मांग की थी। नियत समय तक मांग पूरी न होने पर पटवारी पहले शासकीय वाट्सएप ग्रुपों से लेफ्ट हुए और  उनके द्वारा बस्ता जमा करने के बाद कलमबंद हड़ताल करने की घोषणा कर दी गई। क्या है मामला उल्लेखनीय है कि राज्य शासन द्वारा हाल ही में धारा 126 के तहत जमीनों के सीमांकन का अधिकार पटवारियों को सौंप दिया गया है। इससे पहले यह जिम्मेदारी राजस्व निरीक्षकों पर थी, हालांकि पटवारी भी सीमांकन के दौरान मौके पर मौजूद रहते थे। सरकार के इस आदेश का पटवारी विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि पटवारी के वेतन पर वे आरआई का काम क्यों करें। पहले उनका ग्रेड पे बढ़ा कर 2800 रुपये किया जाए, तभी इस आदेश का पालन किया जाएगा। हलांकि पटवारी आरआई के साथ मिलकर सीमांकन का कार्य करने के लिए अभी भी तैयार हैं। तो क्या समाप्त होगा आरआई का पद बताया गया है कि शासन द्वारा कुछ माह पूर्व अधिकांश राजस्व निरीक्षकों का प्रमोशन नायब तहसीलदार के पद पर करते हुए उन्हें अन्य जिलों मे पदस्थ कर दिया गया है। इस नीति के चलते जिले में अब चंद आरआई ही शेष बचे हैं। इसके साथ ही उनके अधिकार पटवारियों को सौंपे जा रहे हैं। जानकारों का मानना है कि राजस्व निरीक्षक मुख्य रूप से सीमांकन, नक्शा तरमीम और अतिक्रमण का प्रतिवेदन देने जैसे कार्य करते हैं। कहा जा रहा है कि ये अधिकार पटवारियों को दिए जाने के बाद आरआई पद का औचित्य ही समाप्त हो जाएगा। 

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पटवारी अपने बस्ते जमा कर हड़ताल पर चले गए हैं। – फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार उमरिया जिले के बिरसिंहपुर पाली के एसडीएम द्वारा की गई कार्रवाई के विरोध में जिले के समस्त पटवारी कलमबंद हड़ताल पर चले गए हैं। इससे पहले पटवारियों ने अपना बस्ता संबंधित कार्यालयों मे तहसीलदारों को सुपुर्द करने के बादकलम बंद करने की सामूहिक घोषणा कर दी। 

उल्लेखनीय है कि प्रदेश भर के पटवारी सीमांकन की जिम्मेदारी सौंपे जाने के सरकारी फैसले का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस कार्य के लिए उन्हें आरआई के समान वेतन मिलना चाहिए। पटवारियों की हड़ताल से विभिन्न शासकीय योजनाओं तथा राजस्व संबंधी कई कार्य प्रभावित होंगे। जिसके चलते किसानो, पक्षकारों और हितग्राहियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

ज्ञापन सौंपने के बाद रोकी वेतन वृद्धियां
बताया गया है कि सरकार द्वारा जारी आदेश के विरोध में जारी राज्यव्यापी आंदोलन के तहत 3 जून को पाली के पटवारियों द्वारा सीमांकन कार्य करने मे असमर्थता व्यक्त करने का ज्ञापन सौंपा था। इसके बाद पाली एसडीएम ने तहसील के सात पटवारियों की दो वेतन वृद्धियां रोकने का आदेश जारी कर दिया। इसके बाद पूरे पटवारियों मे रोष फैल गया। गत 5 जून को पटवारी संघ ने कलेक्टर को ज्ञापन देकर एसडीएम के आदेश को 24 घंटे में वापस लेने की मांग की थी। नियत समय तक मांग पूरी न होने पर पटवारी पहले शासकीय वाट्सएप ग्रुपों से लेफ्ट हुए और  उनके द्वारा बस्ता जमा करने के बाद कलमबंद हड़ताल करने की घोषणा कर दी गई।

क्या है मामला
उल्लेखनीय है कि राज्य शासन द्वारा हाल ही में धारा 126 के तहत जमीनों के सीमांकन का अधिकार पटवारियों को सौंप दिया गया है। इससे पहले यह जिम्मेदारी राजस्व निरीक्षकों पर थी, हालांकि पटवारी भी सीमांकन के दौरान मौके पर मौजूद रहते थे। सरकार के इस आदेश का पटवारी विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि पटवारी के वेतन पर वे आरआई का काम क्यों करें। पहले उनका ग्रेड पे बढ़ा कर 2800 रुपये किया जाए, तभी इस आदेश का पालन किया जाएगा। हलांकि पटवारी आरआई के साथ मिलकर सीमांकन का कार्य करने के लिए अभी भी तैयार हैं।

तो क्या समाप्त होगा आरआई का पद
बताया गया है कि शासन द्वारा कुछ माह पूर्व अधिकांश राजस्व निरीक्षकों का प्रमोशन नायब तहसीलदार के पद पर करते हुए उन्हें अन्य जिलों मे पदस्थ कर दिया गया है। इस नीति के चलते जिले में अब चंद आरआई ही शेष बचे हैं। इसके साथ ही उनके अधिकार पटवारियों को सौंपे जा रहे हैं। जानकारों का मानना है कि राजस्व निरीक्षक मुख्य रूप से सीमांकन, नक्शा तरमीम और अतिक्रमण का प्रतिवेदन देने जैसे कार्य करते हैं। कहा जा रहा है कि ये अधिकार पटवारियों को दिए जाने के बाद आरआई पद का औचित्य ही समाप्त हो जाएगा। 

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