mp-politics:-cm-शिवराज-का-कांग्रेस-और-कमलनाथ-पर-तंज,-बोले-अभी-शादी-तय-नहीं-हुई,-यह-लोग-शेरवानी-सिलाकर-घूम-रहे
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: अंकिता विश्वकर्मा Updated Wed, 07 Jun 2023 12: 34 PM IST लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें सीएम ने कहा कि 2006 से लेकर आज तक अनेकों मोर्चों पर हमने मां, बहनों के सशक्तिकरण के लिए काम किया है। मैं कांग्रेस और कमलनाथ जी से इतना पूछना चाहता हूं कि उनकी सवा साल की सरकार ने संबल योजना के 16 हजार देना बंद क्यों कर दिया।  सीएम ने कमलनाथ और कांग्रेस पर कसा तंज - फोटो : सोशल मीडिया विस्तार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस के मुख्यमंत्री फेस को लेकर तंज कसा। सीएम ने कहा कि अभी शादी-विवाह कुछ तय नहीं है। यह लोग शेरवानी सिला कर घूम रहे हैं। सूत ना कपास जुलाहों में लट्ठम लट्ठा। वहीं, बजरंग सेना के कांग्रेस के विलय पर सीएम ने कहा कि यह पाखंड है। इस पाखंड को जनता समझती है।  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्मार्ट सिटी में पौधरोपण के बाद मीडिया के सवाल पर कहा कि कांग्रेस में अब नेता कौन है मुझे समझ में नहीं आता। कोई कहता है भावी, फिर वो कही कहलवाते हैं अवश्यंभावी और उनकी ही पार्टी के नेता कह देते है कि अभी कोई फेस ही नहीं है। फिर कोई कह देता है कि नेता प्रतिपक्ष नेता ही नहीं हैं। उनको विधायकों ने कब चुका। अभी तो शादी विवाह कुछ तय भी नहीं है। यह लोग शेरवानी सिलवा के घूम रहे हैं। सूत ना कपास जुलाहो में लट्ठम लट्ठा। सीएम ने कमलनाथ के मंदसौर गोलीकांड के कार्यक्रम में शामिल होने पर कहा कि चुनाव आते ही उनको मंदसौर याद आता है। मौतों पर राजनीतिक रोटियां सेकना यह कांग्रेस का ही काम रहा है। अब तक क्यों नहीं गए।  दमोह मामले में जांच के आदेश दिए  दमोह में गंगा जमुना स्कूल मामले पर सीएम ने कहा कि मैंने जांच के निर्देश दिए हैं। उच्च स्तरीय जांच होगी। एक बात साफ है कि कोई भी स्कूल बेटियों को अलग ड्रेस पहनने या हिजाब बांधने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। कठोर कार्रवाई की जाएगी। जांच की रिपोर्ट के बाद कार्रवाई करेंगे। वहीं, कांग्रेस के आदिवासियों को साधने पर सीएम ने कहा कि कांग्रेस केवल चुनाव में साधने की कोशिश करती है। कांग्रेस ने कभी पेसा एक्ट लागू नहीं किया। आज कई ग्राम पंचायत तेंदू पता खुद तोड़ रही हैं।  कांग्रेस चुनाव देखकर नकल रही  सीएम ने कहा कि 2006 से लेकर आज तक अनेकों मोर्चों पर हमने मां, बहनों के सशक्तिकरण के लिए काम किया है। मैं कांग्रेस और कमलनाथ जी से इतना पूछना चाहता हूं कि उनकी सवा साल की सरकार ने संबल योजना के 16 हजार देना बंद क्यों कर दिया। बेटियों की शादी में उन्होंने घोषणा की, कि शिवराज से दोगुनी राशि देंगे। बेटियों की शादी हो गई, किसी को राशि नहीं मिली। बैगा, भागरिया और सहारिया को भी एक हजार रुपये की राशि से सरकार ने वंचित कर दिया। वो छिनने का काम करते हैं। मेरी तो जिंदगी का मकशद है मां, बहन और बेटी का सशक्तिकरण। पहले 912 बेटियां पैदा होती थी, अब 956 हो रही हैं। हमारे प्रयास लगातार जारी रहेंगे। लेकिन वो लोग जो चुनाव देखकर नकल कर रहे हैं। कई वादे कर रहे हैं। वो यह तो बता दें कि पुराने वादे कितने पूरे किए। गिन कर कहते थे, कि 10 दिन में कर्जा माफ नहीं तो मुख्यमंत्री बदल देंगे।    सीएम ने गिनाई सरकार की योजनाएं   मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना महज एक योजना नहीं है। एक सामाजिक क्रांति की कड़ी है। यह सामाजिक क्रांति मैंने 2006 में शुरू की थी, लाडली लक्ष्मी योजना बनाकर। बेटा और बेटी में भेद ना करें। बेटी लखपति बन जाए। इसको और बढ़ाया। स्थानीय निकाय के चुनाव में 50 प्रतिशत आरक्षण बहनों को दिया।  उनको राजनीतिक महत्व दिया। उसी का परिणाम है कि आज बढ़ी संख्या में मेयर हो, नगर पालिका अध्यक्ष हो, पार्षद, सरपंच चुन कर बहने आ रही है और स्थानीय सरकारें चला रही हैं। इसको हमने और आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना लाई। ताकि बेटी का विवाह भी बोझ ना बनें। इसलिए हमने 2007 से मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना प्रारंभ की थी। इसको आगे बढ़ाते हुए हमने बहन-बेटियों के नाम पर भी संपत्ति आए। पहले पुरुषों के नाम पर ही संपत्ति होती थी। हमने यह किया कि बहनों के नाम पर रजिस्ट्री हो तो स्टाम्प शुल्क एक प्रतिशत लिया जाएगा। अब बहन और बेटियों के नाम पर संपत्ति अब आ रही है। इसको और आगे संबल योजना के माध्यम से आगे बढ़ाया, जिसमें हमने तय किया कि बेटा और बेटी को जन्म देन वाली गरीब और मजदूर बहन है। तो जन्म के पहले चार हजार और जन्म देने के बाद 12 हजार रुपये देंगे। ऐसे एक नहीं अनेकों कदम बहनों के सशक्तिकरण के लिए उठाए। 2017 में अत्यंत गरीब परिवार की पिछड़ी जनजाति की बैगा, भारिया और सहरिया इन बहनों के खाते में एक हजार रुपये हर महीने डाले जाएं। ताकि यह अपने बच्चों की देखभाल पर ध्यान दे सकें। लेकिन अब उससे एक कदम आगे बढ़कर हमने बनाई है। मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना है। जिसमें निम्न और मध्य वर्ग परिवार की बहनों के खाते में एक हजार रुपये डालने का फैसला लिया है। 10 जून को बहनों के खाते में राशि डाली जाएगी। यह एक श्रृखंला है। ऐसा नहीं है कि चुनाव देखा और घोषणा कर दी। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: अंकिता विश्वकर्मा Updated Wed, 07 Jun 2023 12: 34 PM IST

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सीएम ने कहा कि 2006 से लेकर आज तक अनेकों मोर्चों पर हमने मां, बहनों के सशक्तिकरण के लिए काम किया है। मैं कांग्रेस और कमलनाथ जी से इतना पूछना चाहता हूं कि उनकी सवा साल की सरकार ने संबल योजना के 16 हजार देना बंद क्यों कर दिया।  सीएम ने कमलनाथ और कांग्रेस पर कसा तंज – फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस के मुख्यमंत्री फेस को लेकर तंज कसा। सीएम ने कहा कि अभी शादी-विवाह कुछ तय नहीं है। यह लोग शेरवानी सिला कर घूम रहे हैं। सूत ना कपास जुलाहों में लट्ठम लट्ठा। वहीं, बजरंग सेना के कांग्रेस के विलय पर सीएम ने कहा कि यह पाखंड है। इस पाखंड को जनता समझती है। 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्मार्ट सिटी में पौधरोपण के बाद मीडिया के सवाल पर कहा कि कांग्रेस में अब नेता कौन है मुझे समझ में नहीं आता। कोई कहता है भावी, फिर वो कही कहलवाते हैं अवश्यंभावी और उनकी ही पार्टी के नेता कह देते है कि अभी कोई फेस ही नहीं है। फिर कोई कह देता है कि नेता प्रतिपक्ष नेता ही नहीं हैं। उनको विधायकों ने कब चुका। अभी तो शादी विवाह कुछ तय भी नहीं है। यह लोग शेरवानी सिलवा के घूम रहे हैं। सूत ना कपास जुलाहो में लट्ठम लट्ठा। सीएम ने कमलनाथ के मंदसौर गोलीकांड के कार्यक्रम में शामिल होने पर कहा कि चुनाव आते ही उनको मंदसौर याद आता है। मौतों पर राजनीतिक रोटियां सेकना यह कांग्रेस का ही काम रहा है। अब तक क्यों नहीं गए। 

दमोह मामले में जांच के आदेश दिए 
दमोह में गंगा जमुना स्कूल मामले पर सीएम ने कहा कि मैंने जांच के निर्देश दिए हैं। उच्च स्तरीय जांच होगी। एक बात साफ है कि कोई भी स्कूल बेटियों को अलग ड्रेस पहनने या हिजाब बांधने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। कठोर कार्रवाई की जाएगी। जांच की रिपोर्ट के बाद कार्रवाई करेंगे। वहीं, कांग्रेस के आदिवासियों को साधने पर सीएम ने कहा कि कांग्रेस केवल चुनाव में साधने की कोशिश करती है। कांग्रेस ने कभी पेसा एक्ट लागू नहीं किया। आज कई ग्राम पंचायत तेंदू पता खुद तोड़ रही हैं। 

कांग्रेस चुनाव देखकर नकल रही 
सीएम ने कहा कि 2006 से लेकर आज तक अनेकों मोर्चों पर हमने मां, बहनों के सशक्तिकरण के लिए काम किया है। मैं कांग्रेस और कमलनाथ जी से इतना पूछना चाहता हूं कि उनकी सवा साल की सरकार ने संबल योजना के 16 हजार देना बंद क्यों कर दिया। बेटियों की शादी में उन्होंने घोषणा की, कि शिवराज से दोगुनी राशि देंगे। बेटियों की शादी हो गई, किसी को राशि नहीं मिली। बैगा, भागरिया और सहारिया को भी एक हजार रुपये की राशि से सरकार ने वंचित कर दिया। वो छिनने का काम करते हैं। मेरी तो जिंदगी का मकशद है मां, बहन और बेटी का सशक्तिकरण। पहले 912 बेटियां पैदा होती थी, अब 956 हो रही हैं। हमारे प्रयास लगातार जारी रहेंगे। लेकिन वो लोग जो चुनाव देखकर नकल कर रहे हैं। कई वादे कर रहे हैं। वो यह तो बता दें कि पुराने वादे कितने पूरे किए। गिन कर कहते थे, कि 10 दिन में कर्जा माफ नहीं तो मुख्यमंत्री बदल देंगे। 

 
सीएम ने गिनाई सरकार की योजनाएं  
मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना महज एक योजना नहीं है। एक सामाजिक क्रांति की कड़ी है। यह सामाजिक क्रांति मैंने 2006 में शुरू की थी, लाडली लक्ष्मी योजना बनाकर। बेटा और बेटी में भेद ना करें। बेटी लखपति बन जाए। इसको और बढ़ाया। स्थानीय निकाय के चुनाव में 50 प्रतिशत आरक्षण बहनों को दिया। 

उनको राजनीतिक महत्व दिया। उसी का परिणाम है कि आज बढ़ी संख्या में मेयर हो, नगर पालिका अध्यक्ष हो, पार्षद, सरपंच चुन कर बहने आ रही है और स्थानीय सरकारें चला रही हैं। इसको हमने और आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना लाई। ताकि बेटी का विवाह भी बोझ ना बनें। इसलिए हमने 2007 से मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना प्रारंभ की थी। इसको आगे बढ़ाते हुए हमने बहन-बेटियों के नाम पर भी संपत्ति आए। पहले पुरुषों के नाम पर ही संपत्ति होती थी। हमने यह किया कि बहनों के नाम पर रजिस्ट्री हो तो स्टाम्प शुल्क एक प्रतिशत लिया जाएगा। अब बहन और बेटियों के नाम पर संपत्ति अब आ रही है। इसको और आगे संबल योजना के माध्यम से आगे बढ़ाया, जिसमें हमने तय किया कि बेटा और बेटी को जन्म देन वाली गरीब और मजदूर बहन है। तो जन्म के पहले चार हजार और जन्म देने के बाद 12 हजार रुपये देंगे। ऐसे एक नहीं अनेकों कदम बहनों के सशक्तिकरण के लिए उठाए। 2017 में अत्यंत गरीब परिवार की पिछड़ी जनजाति की बैगा, भारिया और सहरिया इन बहनों के खाते में एक हजार रुपये हर महीने डाले जाएं। ताकि यह अपने बच्चों की देखभाल पर ध्यान दे सकें। लेकिन अब उससे एक कदम आगे बढ़कर हमने बनाई है। मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना है। जिसमें निम्न और मध्य वर्ग परिवार की बहनों के खाते में एक हजार रुपये डालने का फैसला लिया है। 10 जून को बहनों के खाते में राशि डाली जाएगी। यह एक श्रृखंला है। ऐसा नहीं है कि चुनाव देखा और घोषणा कर दी।

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