damoh-hizab-case:-विहिप,-बजरंग-दल-का-प्रदर्शन,-deo-के-मुंह-पर-कालिख-पोतने-पहुंचे-abvp-कार्यकर्ता
दमोह में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर कार्रवाई के लिए ज्ञापन सौंपा। - फोटो : अमर उजाला विस्तार दमोह के गंगा जमुना स्कूल में हिंदू छात्राओं को हिजाब पहनाने वाले मामले में दोबारा जांच शुरू हो गई है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी गुरुवार को इस मसले पर नाराजगी जताई। उन्होंने जांच के आदेश दिए हैं। इसके बाद गुरुवार को ही विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। वहां कार्रवाई के संबंध में ज्ञापन दिया। दूसरी ओर, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) कार्यकर्ता जिला शिक्षा अधिकारी को कालिख पोतने उनके कार्यालय पहुंचे। जिला शिक्षा अधिकारी वहां नहीं थे। सुरक्षा के लिए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात थे।   मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को कहा कि दमोह के एक स्कूल का मामला मेरे संज्ञान में आया है। किसी भी बेटी को कोई भी स्कूल बाध्य नहीं कर सकता कि वह कोई ऐसी चीज पहने जो उनकी परंपरा में नहीं है। मैंने जांच के निर्देश दिए हैं। जांच के बाद तथ्यों के आधार पर कार्रवाई करेंगे।  दमोह में संचालित गंगा जमुना हायर सेकेंडरी स्कूल प्रबंधन ने  परीक्षा परिणाम का एक पोस्टर लगाया था। इसमें स्कूल में पढ़ने वाली सभी छात्राओं ने हिजाब की तरह दिखने वाला एक कपड़ा सिर पर लपेट रखा है। पूरा विवाद इसी कपड़े को लेकर शुरू हुआ है। धर्मांतरण के आरोप लगे तो राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने ट्वीट किया था। दमोह कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने मामले की जांच भी करा ली थी। धर्मांतरण की बात अफवाह निकली। इस मामले का संज्ञान गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने लिया और जांच के आदेश दिए।  पहले हो चुकी है जांच दमोह कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने बताया कि हमने कोतवाली टीआई और कुछ अधिकारियों की एक टीम से जांच कराई थी। टीम ने स्कूल प्रशासन को क्लीन चिट दी थी। जांच टीम में शामिल रहे दमोह कोतवाली टीआई विजय सिंह राजपूत ने कहा कि स्कूल प्रबंधन ने साफ किया है कि यह स्कार्फ है। यह स्कूल यूनिफार्म का हिस्सा है। स्कूल के सभी बच्चे इसे पहन सकते हैं, लेकिन किसी पर कोई दबाव नहीं है। स्कूल के संचालक मुश्ताक खान ने भी यही बात कही है। कलेक्टर ने कहा कि इस मामले की दोबारा जांच की जा रही है। इसमें तहसीलदार, जिला शिक्षा अधिकारी और पुलिस अधिकारी शामिल होंगे। समिति की रिपोर्ट गृहमंत्री को भेजेंगे।   केंद्रीय मंत्री ने भी दिए कार्रवाई के निर्देश मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ-साथ दमोह सांसद और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने भी मामले का संज्ञान लिया। वह गुरुवार को दमोह में थे। उन्होंने गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से इस मामले में सख्त रुख अपनाने को कहा है। उन्होंने कहा कि इस मामले में कर्मचारियों पर नहीं बल्कि स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई होनी चाहिए।  

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दमोह में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर कार्रवाई के लिए ज्ञापन सौंपा। – फोटो : अमर उजाला

विस्तार दमोह के गंगा जमुना स्कूल में हिंदू छात्राओं को हिजाब पहनाने वाले मामले में दोबारा जांच शुरू हो गई है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी गुरुवार को इस मसले पर नाराजगी जताई। उन्होंने जांच के आदेश दिए हैं। इसके बाद गुरुवार को ही विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। वहां कार्रवाई के संबंध में ज्ञापन दिया। दूसरी ओर, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) कार्यकर्ता जिला शिक्षा अधिकारी को कालिख पोतने उनके कार्यालय पहुंचे। जिला शिक्षा अधिकारी वहां नहीं थे। सुरक्षा के लिए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात थे।  

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को कहा कि दमोह के एक स्कूल का मामला मेरे संज्ञान में आया है। किसी भी बेटी को कोई भी स्कूल बाध्य नहीं कर सकता कि वह कोई ऐसी चीज पहने जो उनकी परंपरा में नहीं है। मैंने जांच के निर्देश दिए हैं। जांच के बाद तथ्यों के आधार पर कार्रवाई करेंगे। 

दमोह में संचालित गंगा जमुना हायर सेकेंडरी स्कूल प्रबंधन ने  परीक्षा परिणाम का एक पोस्टर लगाया था। इसमें स्कूल में पढ़ने वाली सभी छात्राओं ने हिजाब की तरह दिखने वाला एक कपड़ा सिर पर लपेट रखा है। पूरा विवाद इसी कपड़े को लेकर शुरू हुआ है। धर्मांतरण के आरोप लगे तो राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने ट्वीट किया था। दमोह कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने मामले की जांच भी करा ली थी। धर्मांतरण की बात अफवाह निकली। इस मामले का संज्ञान गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने लिया और जांच के आदेश दिए। 

पहले हो चुकी है जांच
दमोह कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने बताया कि हमने कोतवाली टीआई और कुछ अधिकारियों की एक टीम से जांच कराई थी। टीम ने स्कूल प्रशासन को क्लीन चिट दी थी। जांच टीम में शामिल रहे दमोह कोतवाली टीआई विजय सिंह राजपूत ने कहा कि स्कूल प्रबंधन ने साफ किया है कि यह स्कार्फ है। यह स्कूल यूनिफार्म का हिस्सा है। स्कूल के सभी बच्चे इसे पहन सकते हैं, लेकिन किसी पर कोई दबाव नहीं है। स्कूल के संचालक मुश्ताक खान ने भी यही बात कही है। कलेक्टर ने कहा कि इस मामले की दोबारा जांच की जा रही है। इसमें तहसीलदार, जिला शिक्षा अधिकारी और पुलिस अधिकारी शामिल होंगे। समिति की रिपोर्ट गृहमंत्री को भेजेंगे।  

केंद्रीय मंत्री ने भी दिए कार्रवाई के निर्देश
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ-साथ दमोह सांसद और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने भी मामले का संज्ञान लिया। वह गुरुवार को दमोह में थे। उन्होंने गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से इस मामले में सख्त रुख अपनाने को कहा है। उन्होंने कहा कि इस मामले में कर्मचारियों पर नहीं बल्कि स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई होनी चाहिए।  

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