अभ्यास मंडल द्वारा आयोजित 62वी ग्रीष्मकालीन व्याख्यानमाला – फोटो : न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर
विस्तार अभ्यास मंडल द्वारा आयोजित 62वी ग्रीष्मकालीन व्याख्यानमाला में पहले दिन आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक और अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के केंद्रीय संगठन मंत्री दिनकर सबनीस मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि ग्राहक के हितों का संरक्षण कानून से नहीं बल्कि ग्राहक की स्वयं की जागरूकता से होगा। हमें भी अपने देश में जीडीपी पर नहीं ग्राहक संतुष्टि का इंडेक्स बनाने पर ध्यान देना होगा। विभिन्न वस्तुओं की एमआरपी के निर्धारण पर भी चर्चा की जरूरत है। आज दस रुपए की चीज बाजार में सौ रुपए में मिल रही है। जब तक एमआरपी तय नहीं होगी यह चलता रहेगा।
पहले दिन ग्राहक की जागरूकता ही देश की उन्नति विषय पर चर्चा हुई। सबनीस ने इस पर कहा कि पुरातन समय में भारत में लोगों में नैतिकता थी। ऐसे में ग्राहक कानून की आवश्यकता हमारे देश में महसूस नहीं की जा रही थी। वस्तु का विक्रय करने वाला व्यक्ति यह सुनिश्चित करने में लगा हुआ था कि खरीददार के पास कम वस्तु नहीं जाएं। जब हमारे देश में भी लोभ और लालच आ गया तो फिर ग्राहक कानूनों की आवश्यकता महसूस होने लगी।
उन्होंने कहा कि ग्राहक की जेब से ज्यादा पैसे कैसे निकालूं, इसके बजाय ग्राहक का ध्यान रखने वाले की ग्राहकी ज्यादा चलती है। अब तो हालात ऐसे हो गए हैं कि हम लालच में दूसरे व्यक्ति के जीवन से भी खिलवाड़ कर देते हैं। अब केमिकल से दूध, मावा और पनीर तैयार किया जाना लगा। हमारे संगठन की पहल पर देश में ग्राहक कानून बनवाया गया। इसके बाद इस कानून का पालन कराने के लिए दूसरे संगठन आगे आए। जिला स्तर पर फोरम कार्य कर रही है, उनका कार्य तो केवल 10% है। उन्होंने कहा कि इंदौर में आईपीएल के मैच में पानी की बोतल ₹50 और ₹100 में बेची जा रही थी। हमारे संगठन के द्वारा इस पर आपत्ति ली गई। कलेक्टर के द्वारा आदेश दिया गया कि क्रिकेट के मैच में पानी की बोतल कोई भी दर्शक अपने घर से नहीं लाएगा। हमने कहा कि इतनी महंगी कीमत पर पानी की बोतल दर्शक नहीं खरीदेंगे। पानी मुफ्त में पाना दर्शक का अधिकार है। उसके बाद में फिर इंदौर के स्टेडियम में पानी मुफ्त में मिलने लगा। स्टेडियम में दर्शकों को नाश्ते के रूप में दी जाने वाली सामग्री की कीमत का डिस्प्ले करने की भी हमने मांग उठाई। इसका यह परिणाम हुआ कि स्टेडियम में बैठे 40000 लोगों के साथ मुनाफाखोरी नहीं की जा सकी। इंदौर जिस तरह से स्वच्छता में नंबर वन है, उसी तरह से मुनाफाखोरी को रोकने में भी नंबर एक बन सका है।
सबनीस ने कहा कि ग्राहकों के संरक्षण के लिए केवल कानून बनाने से काम नहीं चलेगा। जब तक ग्राहक खुद जागरूक नहीं होगा तब तक कोई कानून उसे शोषण से नहीं बचा सकेगा। उन्होंने मैनेजमेंट की 6 एफ की थ्योरी सामने रखी। उन्होंने कहा कि इसमें तीन बार जो एफ से आशय फ्यूचर, फीयर और फैशन है। हमें किसी के द्वारा भविष्य को लेकर दिखाए जाने वाले सपने पर भरोसा नहीं करना चाहिए। किसी भी विज्ञापन में दी गई जानकारी के आधार पर डरना नहीं चाहिए और फैशन के नाम पर सब कुछ स्वीकारना नहीं चाहिए। हमें जीडीपी से ज्यादा चिंता ग्राहक संतुष्टि का इंडेक्स बनाने की किए जाने की जरूरत है। इस समय हमारे देश में एमआरपी के निर्धारण पर भी चर्चा किए जाने की आवश्यकता है। आज हालत यह है कि मनमाने तरीके से एम आर पी तय होती है और मनमानी कीमत पर वस्तुएं बेची जाती है। इस स्थिति पर नियंत्रण आवश्यक है।
इस कार्यक्रम में सांसद शंकर लालवानी भी मौजूद रहे। प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत तपेंद्र सुगंधी, नयनी शुक्ला, पीसी शर्मा, अशोक मित्तल, गौरव संचार, डॉक्टर पल्लवी अढाव ने किया। कार्यक्रम का संचालन माला सिंह ठाकुर ने किया। अतिथियों को स्मृति चिन्ह पूर्व आईजी मदन राणे ने भेंट किए। अंत में आभार प्रदर्शन अशोक बड़जात्या ने किया।
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