mahakal-bhasma-aarti:-क्या-चिता-की-ताजी-राख-से-की-जाती-है-महाकाल-की-भस्म-आरती?-जानें-बेहद-चौंकाने-वाले-रहस्य
महाकाल की भस्म आरती - फोटो : सोशल मीडिया विस्तार हिंदू धर्म में मान्यता है कि कालों के काल भगवान महाकाल के दर्शन मात्र से भक्तों का कल्याण हो जाता है। मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए दुनियाभर से लोग आते हैं। भगवान महाकाल की रोजाना विशेष पूजा होती है। उन्हें कई बार सजाया जाता है। रोजाना ब्रह्म मुहूर्त में भगवान महाकाल की भस्म आरती होती है। बता दें कि भगवान महाकाल की भस्म आरती में शामिल होना प्रत्येक भक्त का सपना होता है। भगवान महाकाल को लेकर कई कहानियां भी प्रचलित हैं। आपने भी सुना होगा कि कई लोग कहते हैं कि भगवान महाकाल की भस्म आरती चिता की ताजी राख से की जाती है। आइए आज हम आपको भगवान महाकाल की भस्म आरती का सच बताते हैं। क्या कहना है मंदिर के पंडित का... भगवान महाकाल की भस्म आरती को लेकर पंडित आशीष गुरु बताते हैं, भस्म आरती का एक और नाम मंगला आरती भी दिया गया है। मंगला आरती में बाबा हर रोज निराकार से साकार रूप धारण करते हैं। बाबा भस्म को संसार को नाशवान होने का संदेश देने के लिए लगाते हैं। इसके लिए बाबा ताजी भस्म शरीर पर धारण करते हैं। भस्म आरती में गाय के गोबर का जो उपला होता है, उसकी भस्म बाबा को अर्पण की जाती है। बाबा को जब भस्म अर्पण की जाती है तो पांच मंत्रों के उच्चारण के साथ कि जाती है। ये पांच मंत्र हमारे शरीर के तत्व हैं, इसके उच्चारण के साथ ही व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। महाशिवरात्रि पर होती है विशेष पूजा... मान्यता है, महाकाल मंदिर में शिव लिंग स्वयं भू हैं। महाकाल मंदिर में सामान्यतः चार आरती होती है, जिसमें से रोजाना सुबह होने वाली भस्म आरती के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से उज्जैन पंहुचते हैं। कहते हैं यहां आने वाले श्रद्धालु श्रद्धा से जो भी मांगते हैं, वो हर इच्छा भगवन पूरी करते हैं।

You can share this post!

Related News

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

महाकाल की भस्म आरती – फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार हिंदू धर्म में मान्यता है कि कालों के काल भगवान महाकाल के दर्शन मात्र से भक्तों का कल्याण हो जाता है। मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए दुनियाभर से लोग आते हैं। भगवान महाकाल की रोजाना विशेष पूजा होती है। उन्हें कई बार सजाया जाता है। रोजाना ब्रह्म मुहूर्त में भगवान महाकाल की भस्म आरती होती है।

बता दें कि भगवान महाकाल की भस्म आरती में शामिल होना प्रत्येक भक्त का सपना होता है। भगवान महाकाल को लेकर कई कहानियां भी प्रचलित हैं। आपने भी सुना होगा कि कई लोग कहते हैं कि भगवान महाकाल की भस्म आरती चिता की ताजी राख से की जाती है। आइए आज हम आपको भगवान महाकाल की भस्म आरती का सच बताते हैं।

क्या कहना है मंदिर के पंडित का…
भगवान महाकाल की भस्म आरती को लेकर पंडित आशीष गुरु बताते हैं, भस्म आरती का एक और नाम मंगला आरती भी दिया गया है। मंगला आरती में बाबा हर रोज निराकार से साकार रूप धारण करते हैं। बाबा भस्म को संसार को नाशवान होने का संदेश देने के लिए लगाते हैं। इसके लिए बाबा ताजी भस्म शरीर पर धारण करते हैं। भस्म आरती में गाय के गोबर का जो उपला होता है, उसकी भस्म बाबा को अर्पण की जाती है। बाबा को जब भस्म अर्पण की जाती है तो पांच मंत्रों के उच्चारण के साथ कि जाती है। ये पांच मंत्र हमारे शरीर के तत्व हैं, इसके उच्चारण के साथ ही व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है।

महाशिवरात्रि पर होती है विशेष पूजा…
मान्यता है, महाकाल मंदिर में शिव लिंग स्वयं भू हैं। महाकाल मंदिर में सामान्यतः चार आरती होती है, जिसमें से रोजाना सुबह होने वाली भस्म आरती के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से उज्जैन पंहुचते हैं। कहते हैं यहां आने वाले श्रद्धालु श्रद्धा से जो भी मांगते हैं, वो हर इच्छा भगवन पूरी करते हैं।

Posted in MP