indore-bawadi-accident:-36-दर्दनाक-मौत-का-मामला-उच्च-न्यायालय-पहुंचा,-कांग्रेस-ने-लगाई-जनहित-याचिका
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर Published by: अर्जुन रिछारिया Updated Mon, 03 Apr 2023 05: 47 PM IST सार लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें मध्यप्रदेश शासन, इंदौर कलेक्टर, नगर निगम, मंदिर ट्रस्ट तथा जांच अधिकारी के विरुद्ध याचिका इंदौर बावड़ी हादसा - फोटो : न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर विस्तार विगत दिनों रामनवमी को इंदौर के स्नेह नगर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर की बावड़ी की छत धंसने से पूजा-पाठ कर रहे 36 भक्तों की बावड़ी में गिरने से मौत हो गई। कांग्रेस अब इस मामले में हाईकोर्ट पहुंची है। कांग्रेस ने शहर के कुएं / बावड़ियों सहित कुल 609 जलाशयों पर से अवैध निर्माण हटाने और घटना की मजिस्ट्रियल जांच के स्थान पर उच्च न्यायलय के सिटिंग जज से ज्यूडिशियल जांच कराने तथा दोषियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर आज उच्च न्यायलय में जनहित याचिका दायर की है। इस पर संभवतः आगामी दो से तीन दिनों में सुनवाई हो सकती है। वहीं शासन द्वारा मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश तथा ट्रस्ट के पदाधिकारियों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया गया है। घटना का संज्ञान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लेने पर मुख्यमंत्री ने तुरंत ही घटना स्थल पर आकर मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए थे। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ भी विगत दिनों घायलों से मिले थे तथा न्यायालीन कारवाई की चेतावनी दी थी, मजिस्ट्रियल जांच के चलते नगर निगम द्वारा दिनांक 3 अप्रैल को अवैध निर्माण तोड़ने की कारवाई की गई।  निगम ने नोटिस देने के बाद भी कार्रवाई नहीं की यचिकाकर्ता पूर्व पार्षद दिलीप कौशल ने याचिका में इंदौर नगर निगम पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इसमें कहा गया है कि नगर निगम ने पूर्व में किए सर्वे में शहर सीमा में कुओं एवं बावड़ियों सहित 609 जलाशय पर अतिक्रमण एवं अवैध निर्माण पर हजारों नोटिस देने के बाद भी कार्रवाई नहीं की गई। इसमें कहा है कि इस मामले में नगर निगम के दोषी अफसरों की जांच उच्च न्यायालय के सिटिंग जज से करवाई जाए।  कौशल ने बताया की विगत दिनों हुई दर्दनाक घटना के बाद सामने आए तथ्यों ने नगर निगम एवं प्रशासन की पोल खोल कर रख दी है। सरकार एक तरह स्मार्ट सिटी की नाम पर करोड़ों रुपए के विकास कार्यों का दावा कर रही है जबकी वास्तविकता में स्मार्ट सिटी और छह बार के नंबर वन शहर इंदौर में सुरक्षा, पार्किंग और आपदा से निपटने की लिए पर्याप्त संसाधन ही नहीं हैं। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर Published by: अर्जुन रिछारिया Updated Mon, 03 Apr 2023 05: 47 PM IST

सार

लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें

मध्यप्रदेश शासन, इंदौर कलेक्टर, नगर निगम, मंदिर ट्रस्ट तथा जांच अधिकारी के विरुद्ध याचिका इंदौर बावड़ी हादसा – फोटो : न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर

विस्तार विगत दिनों रामनवमी को इंदौर के स्नेह नगर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर की बावड़ी की छत धंसने से पूजा-पाठ कर रहे 36 भक्तों की बावड़ी में गिरने से मौत हो गई। कांग्रेस अब इस मामले में हाईकोर्ट पहुंची है। कांग्रेस ने शहर के कुएं / बावड़ियों सहित कुल 609 जलाशयों पर से अवैध निर्माण हटाने और घटना की मजिस्ट्रियल जांच के स्थान पर उच्च न्यायलय के सिटिंग जज से ज्यूडिशियल जांच कराने तथा दोषियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर आज उच्च न्यायलय में जनहित याचिका दायर की है। इस पर संभवतः आगामी दो से तीन दिनों में सुनवाई हो सकती है। वहीं शासन द्वारा मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश तथा ट्रस्ट के पदाधिकारियों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया गया है। घटना का संज्ञान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लेने पर मुख्यमंत्री ने तुरंत ही घटना स्थल पर आकर मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए थे। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ भी विगत दिनों घायलों से मिले थे तथा न्यायालीन कारवाई की चेतावनी दी थी, मजिस्ट्रियल जांच के चलते नगर निगम द्वारा दिनांक 3 अप्रैल को अवैध निर्माण तोड़ने की कारवाई की गई। 

निगम ने नोटिस देने के बाद भी कार्रवाई नहीं की
यचिकाकर्ता पूर्व पार्षद दिलीप कौशल ने याचिका में इंदौर नगर निगम पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इसमें कहा गया है कि नगर निगम ने पूर्व में किए सर्वे में शहर सीमा में कुओं एवं बावड़ियों सहित 609 जलाशय पर अतिक्रमण एवं अवैध निर्माण पर हजारों नोटिस देने के बाद भी कार्रवाई नहीं की गई। इसमें कहा है कि इस मामले में नगर निगम के दोषी अफसरों की जांच उच्च न्यायालय के सिटिंग जज से करवाई जाए। 

कौशल ने बताया की विगत दिनों हुई दर्दनाक घटना के बाद सामने आए तथ्यों ने नगर निगम एवं प्रशासन की पोल खोल कर रख दी है। सरकार एक तरह स्मार्ट सिटी की नाम पर करोड़ों रुपए के विकास कार्यों का दावा कर रही है जबकी वास्तविकता में स्मार्ट सिटी और छह बार के नंबर वन शहर इंदौर में सुरक्षा, पार्किंग और आपदा से निपटने की लिए पर्याप्त संसाधन ही नहीं हैं।

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