mp-news:-उज्जैन-पुलिस-की-अनोखी-पहल,-महिलाओं-छात्राओं-के-लिए-स्कूल-में-लगाई-'बेटी-की-पेटी',-कर-सकेंगी-शिकायतें
स्कूल में लगाई 'बेटी की पेटी' - फोटो : अमर उजाला विस्तार उज्जैन जिले के खाचरौद थाना पुलिस ने एक नया प्रयोग करते हुए शहर के गर्ल्स कॉलेज, स्कूल और कोचिंग सेंटर के बाहर एक शिकायत पेटी लगाने की शुरुआत कर दी है। इस पेटी में छात्राएं और महिलाएं गोपनीय शिकायत कर सकेंगी, जिसे प्राचार्य पेटी खोलकर इन समस्याओं से पुलिस को अवगत कराएगी। उसके बाद पुलिस तत्काल एक्शन लेगी। बता दें कि इस पेटी को ‘बेटी की पेटी’ का नाम दिया गया है। एसडीओपी पुष्पा प्रजापति ने बताया कि बेटी की पेटी का मुख्य उद्देश्य बालिकाएं और महिलाएं अपने से संबंधित समस्याओं, दुर्व्यवहार को स्वजन को बताने में संकोच करती हैं। इस पेटी के माध्यम से वह निसंकोच होकर अपनी समस्याओं को बता सकेंगी। इन्हें पूरी संवेदनशीलता और सहानुभूति के साथ निराकरण कर कार्रवाई की जाएगी। इससे छात्राएं बगैर किसी दबाव में स्वतंत्र और भयमुक्त होकर पढ़ाई एवं कार्य कर सकेंगी। महिला हेल्प डेस्क का मोबाइल नंबर भी चस्पा... बेटी की पेटी प्रत्येक एक महीने के बाद खोली जाएगी। इसके बाद स्कूल के प्राचार्य द्वारा संबंधित थाने में इसकी जानकारी दी जाएगी और शिकायत का निराकरण किया जाएगा। इसके अलावा समस्या के त्वरित समाधान के लिए वरिष्ठ महिला अधिकारी और महिला हेल्प डेस्क के मोबाइल नंबर भी चस्पा किए गए हैं। इन पर फोन कर छात्राएं-महिलाएं अपनी समस्या बता सकती हैं। एप या कॉल से नहीं कर पाती हैं लड़कियां शिकायत... मामले में खाचरौद थाना पुलिस ने बताया कि पुलिस की प्राथमिकता में महिलाओं की सुरक्षा सबसे ऊपर है। उन्होंने कहा, पुलिस ने एमपीपी-कॉप एप भी बनाया था। निर्भया मोबाइल यूनिट भी बनाई। लेकिन यह देखा गया कि कुछ महिलाएं सही प्रकार से शिकायत नहीं कर पा रही हैं। कुछ लड़कियां मोबाइल फोन से भी शिकायत करने में हिचकिचाती हैं।

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स्कूल में लगाई ‘बेटी की पेटी’ – फोटो : अमर उजाला

विस्तार उज्जैन जिले के खाचरौद थाना पुलिस ने एक नया प्रयोग करते हुए शहर के गर्ल्स कॉलेज, स्कूल और कोचिंग सेंटर के बाहर एक शिकायत पेटी लगाने की शुरुआत कर दी है। इस पेटी में छात्राएं और महिलाएं गोपनीय शिकायत कर सकेंगी, जिसे प्राचार्य पेटी खोलकर इन समस्याओं से पुलिस को अवगत कराएगी। उसके बाद पुलिस तत्काल एक्शन लेगी।

बता दें कि इस पेटी को ‘बेटी की पेटी’ का नाम दिया गया है। एसडीओपी पुष्पा प्रजापति ने बताया कि बेटी की पेटी का मुख्य उद्देश्य बालिकाएं और महिलाएं अपने से संबंधित समस्याओं, दुर्व्यवहार को स्वजन को बताने में संकोच करती हैं। इस पेटी के माध्यम से वह निसंकोच होकर अपनी समस्याओं को बता सकेंगी। इन्हें पूरी संवेदनशीलता और सहानुभूति के साथ निराकरण कर कार्रवाई की जाएगी। इससे छात्राएं बगैर किसी दबाव में स्वतंत्र और भयमुक्त होकर पढ़ाई एवं कार्य कर सकेंगी।

महिला हेल्प डेस्क का मोबाइल नंबर भी चस्पा…
बेटी की पेटी प्रत्येक एक महीने के बाद खोली जाएगी। इसके बाद स्कूल के प्राचार्य द्वारा संबंधित थाने में इसकी जानकारी दी जाएगी और शिकायत का निराकरण किया जाएगा। इसके अलावा समस्या के त्वरित समाधान के लिए वरिष्ठ महिला अधिकारी और महिला हेल्प डेस्क के मोबाइल नंबर भी चस्पा किए गए हैं। इन पर फोन कर छात्राएं-महिलाएं अपनी समस्या बता सकती हैं।

एप या कॉल से नहीं कर पाती हैं लड़कियां शिकायत…
मामले में खाचरौद थाना पुलिस ने बताया कि पुलिस की प्राथमिकता में महिलाओं की सुरक्षा सबसे ऊपर है। उन्होंने कहा, पुलिस ने एमपीपी-कॉप एप भी बनाया था। निर्भया मोबाइल यूनिट भी बनाई। लेकिन यह देखा गया कि कुछ महिलाएं सही प्रकार से शिकायत नहीं कर पा रही हैं। कुछ लड़कियां मोबाइल फोन से भी शिकायत करने में हिचकिचाती हैं।

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