न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उज्जैन Published by: हिमांशु प्रियदर्शी Updated Sat, 28 Jan 2023 03: 41 PM IST
सार
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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म के विशेषज्ञों को बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने हमारी परंपरा, हमारे धर्म को विश्व पटल पर स्थापित कर दिया है। जो लोग कभी राम का विरोध करते थे, वे अब राम नाम जप रहे हैं, जय महाकाल का उद्घोष कर रहे हैं। इस बदलाव को लाने में सोशल मीडिया ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के युग में यदि अपने विचारों का प्रचार-प्रसार करना है तो सोशल मीडिया अपरिहार्य है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान – फोटो : Amar Ujala
विस्तार उज्जैन के विक्रम कीर्ति मंदिर में आयोजित दो दिवसीय सोशल मीडिया कॉन्क्लेव का मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। भारत नीति द्वारा आयोजित इस कॉन्क्लेव में देश के कई हिस्सों से सोशल मीडिया विशेषज्ञों भाग लिया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि पहले अखबार और टीवी प्रमुखता से मीडिया में छाए हुए थे। इनकी बड़ी भूमिका थी। इसके बाद आए सोशल मीडिया प्लेटफार्म ने अब कई भ्रान्तियां तोड़ दी हैं। टीवी दिखाए या न दिखाए, अखबार छापे या न छापे, आम जनता का प्लेटफार्म बने सोशल मीडिया ने सूचना जगत में नई क्रान्ति ला दी है। अब कोई भी बात किसी से छिपी नहीं रह सकती है।
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म के विशेषज्ञों को बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने हमारी परंपरा, हमारे धर्म को विश्व पटल पर स्थापित कर दिया है। जो लोग कभी राम का विरोध करते थे, वे अब राम नाम जप रहे हैं, जय महाकाल का उद्घोष कर रहे हैं। इस बदलाव को लाने में सोशल मीडिया ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के युग में यदि अपने विचारों का प्रचार-प्रसार करना है तो सोशल मीडिया अपरिहार्य है। सोशल मीडिया ने देश की मानसिकता बदल दी है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि मध्यप्रदेश विकास के मामले में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। आज नर्मदा जयंती है। हमने नर्मदा-शिप्रा को जोड़ने का कार्य किया है। इसे गंभीर, कालीसिंध व पार्वती तक ले जा रहे हैं। मध्य प्रदेश की सिंचाई क्षमता कभी सात लाख हेक्टेयर हुआ करती थी, जो अब 45 लाख हेक्टेयर हो गई है। वर्ष 2024 तक बढ़कर यह 65 लाख हेक्टेयर हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए अच्छा संदेश देने के लिए उनके द्वारा प्रतिदिन पेड़ लगाने की परंपरा शुरू की गई, उसे आज दो वर्ष पूरे हो चुके हैं। मुख्यमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त की कि इस पहल पर मध्य प्रदेश के लोगों ने काफी अच्छी प्रतिक्रिया देते हुए अंकुर पोर्टल पर पेड़ लगाकर लाखों फोटो अपलोड किए हैं। पौधारोपण के 75 दिन बाद के पौधों के लगभग 68 लाख फोटो अंकुर पोर्टल पर अपलोड हो चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत अत्यंत प्राचीन राष्ट्र है। पश्चिम में जब सभ्यता का उदय नहीं हुआ था तब हमारे यहां वेदों की ऋचाएं रच दी गई थी। हमारे यहां तक्षशिला और नालंदा जैसे विश्वविद्यालय कार्यशील थे। इस देश की धरती ने हर विचार का आदर किया है। वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से देश G20 की अध्यक्षता कर रहा है। हमारी परंपरा वसुधैव कुटुम्बकम की रही है और इसी के अनुरूप एक धरती, एक भविष्य और एक परिवार का सूत्र लेकर कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ तो बाद में बना, इसके पहले हमारे ऋषियों ने विश्व को वसुधैव कुटुम्बकम की अवधारणा दे दी थी। मुख्यमंत्री ने विगत 15 वर्षों की मध्य प्रदेश की विकास यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश की धरती पर पैदा होने वाली हर बेटी लखपति पैदा होती है। इस एक योजना ने स्त्री-पुरुष संख्या में बड़ा बदलाव किया है। लिंगानुपात पहले 912 हुआ करता था, जो 956 और इससे भी बढ़कर 978 हो गया है। मध्य प्रदेश में जल्द ही हवाई जहाज से तीर्थ दर्शन यात्रा शुरू होने वाली है।
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के शासकीय स्कूलों में रामायण व गीता पढ़ाई जाएगी। प्रदेश में मेडिकल व इंजीनियरिंग की पढ़ाई को हिंदी में शुरू करके एक नई शुरुआत की गई है। प्रदेश गुड गवर्नेंस के मामले में भारत में प्रथम स्थान पर है और संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस पहल को पुरस्कृत भी किया है। प्रदेश में जहां पहले सड़क नहीं गड्ढे हुआ करते थे, आज चार लाख किलो मीटर लंबी सड़कें तैयार की गई हैं। मध्य प्रदेश ने पिछले 15 वर्षों में विद्युत उत्पादन को 2,900 मेगावाट से 26 हजार मेगावाट तक पहुंचा दिया है। दिल्ली की मेट्रो रीवा के सोलर प्लांट में बन रही बिजली से चल रही है।
इससे पहले अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, मुरलीधर राव, सांसद वीडी शर्मा ने दीप प्रज्जवलित कर कॉन्क्लेव की शुरुआत की। कार्यक्रम में स्वागत भाषण देते हुए उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हमारे उज्जैन की विशेषता है कि हम अपने मंदिर की प्रतिमाओं में भी प्राण प्रतिष्ठा कर देते हैं। हमारे यहां कालभैरव मंदिर में मंत्रोच्चार से प्रतिमा मदिरापान करती है। बोरेश्वर महादेव दंगवाड़ा में शिव लिंग पर जितना भी जल चढ़ाओ, पृथ्वी के गर्भ में समा जाता है, पता नहीं लगता पानी कहां जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पांच हजार वर्ष पहले यहां पर महर्षि सांदीपनि ने गुरुकुल स्थापित किया, जहां अमीर और गरीब का भेद नहीं था। कृष्ण और सुदामा एक साथ अध्ययनरत थे। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति और यहां आयोजित होने वाले सिंहस्थ मेले के प्रचार-प्रसार में सोशल मीडिया की अहम भूमिका है।
इस अवसर पर सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक बहादुर सिंह चौहान, महापौर मुकेश टटवाल, फार्मेसी काउंसिल के अध्यक्ष ओम जैन, विवेक जोशी, बहादुर सिंह बोरमुंडला, विशाल राजौरिया, संजय अग्रवाल, सचिन सक्सेना, दिनेश जाटवा, सोशल मीडिया विशेषज्ञों में वेंकटरमना, विनीत मालवीय, विपीन पाण्डेय मौजूद रहे।
महाकालेश्वर के दर्शन कर किया पूजन-अर्चन
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान अपने उज्जैन प्रवास के दौरान भगवान महाकालेश्वर के मन्दिर में पहुंच कर भगवान महाकालेश्वर के दर्शन किये एवं पूजन-अर्चन किया। पूजा पं. प्रदीप पुजारी एवं यश पुजारी ने कराई। मुख्यमंत्री चौहान ने भगवान महाकालेश्वर से प्रदेश के सभी लोगों के लिए मंगलकामना की।
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