शिखर सम्मेलन से भविष्य की पीढ़ियों के लिए तैयार होगा रोडमैप
दुनिया की लगभग 80 फीसदी आबादी पारंपरिक चिकित्सा जैसे हर्बल मिश्रण, एक्यूपंक्चर, योग, आयुर्वेदिक चिकित्सा और स्वदेशी चिकित्सा का उपयोग कर रही है. इस मौके पर स्वास्थ्य प्रणाली विकास विभाग, डब्ल्यूएचओ दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्रीय केंद्र के निदेशक मनोज झालानी ने कहा कि हमें पूरी उम्मीद है कि इस शिखर सम्मेलन से भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक समग्र और स्वस्थ दुनिया बनाने की दिशा में एक रोडमैप तैयार करने में मदद मिलेगी. जिससे मानव स्वास्थ्य और जनकल्याण के नये रास्ते बनेंगे.
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