जांच में शामिल होने के बाद उसे जमानत पर छोड़ दिया गया
उसकी गिरफ्तारी हिंसा के दो दिन बाद की गई थी लेकिन उसके जांच में शामिल होने के बाद उसे जमानत पर छोड़ दिया गया था. बजंरगी पर भड़काऊ भाषण देने और सार्वजनिक तौर पर हथियार लहराने का आरोप है. एएसपी ऊषा कुंडू ने अपनी शिकायत में कहा, ”मैं नलहड़ मंदिर से 300 मीटर दूर अपनी टीम के साथ ड्यूटी पर थी. हमने लगभग 20 लोगों की भीड़ को तलवारें और त्रिशूल लेकर नलहड़ मंदिर की ओर बढ़ते देखा. कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए मेरी टीम ने उनके हथियार छीने और जब्त कर लिए थे.”
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