हिमाचल प्रदेश में बारिश का तांडव जारी है. स्वतंत्रता दिवस पर जब विनाशकारी बारिश ने कहर बरपाया, आसपास की जमीन धंसने लगी तो मेरी छह साल की बेटी ने पूछा, “पापा, क्या हम भी मर जाएंगे, क्या हमारा घर भी टूट जाएगा.” जोरदार आवाज सुनकर हमारा परिवार बाहर निकल आया. हमारे घर से बमुश्किल 100 मीटर की दूरी पर, एक नाले के पार एक पहाड़ी का किनारा खिसकने से चीख-पुकार मच गई. कुछ बहुमंजिला मकान, कुछ अस्थायी घर और एक बूचड़खाना मलबे के नीचे दब गये. जब कृष्णानगर इलाके में यह भूस्खलन हुआ तो हमारी बेटी पहले से ही परेशान थी. उसके स्कूल में नर्सरी और कक्षा दो में पढ़ने वाली दो लड़कियों की सोमवार को उस समय मौत हो गई थी, जब भूस्खलन के कारण समर हिल इलाके में एक शिव मंदिर ढह गया था.
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