सोनिया-गांधी-का-मोदी-सरकार-पर-बड़ा-वार,-बोलीं-चुप्पी-से-हल-नहीं-होगी-समस्या
Sonia Gandhi Attacks On Modi Govt: कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने एक बार फिर से केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है. एक अखबार को लिखे अपने लेख में सोनिया गांधी ने केंद्र पर आरोप लगाया कि सरकार लोकतंत्र को खत्म कर रही सरकार. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से संसद में अदाणी मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं की गई. सोनिया गांधी ने कहा कि चुप्पी से देश की कोई समस्या हल नहीं होगी. सोनिया गांधी ने केंद्र पर लगाए कई गंभीर आरोप कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, भारत के लोगों ने यह सीख लिया है कि जब आज की स्थिति को समझने की बात आती है, तो प्रधानमंत्री मोदी की हरकतें उनके शब्दों से कहीं अधिक जोर से बोलती हैं. सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर केंद्र की एजेंसियों का दुरुपयोग करने, संसद में विपक्ष की आवाज दबाने,  मीडिया पर दबाव बनाने, न्यायपालिका की विश्वसनीयता को कमजोर करने का प्रयास करने का आरोप लगाया है. उन्होंने अपने लेख में महंगाई, बेरोजगारी और किसानों से जुड़े मुद्दे को उठाया है. उन्होंने कहा, थोपी गई चुप्पी से देश की समस्याओं का हल नहीं होगा. सोनिया गांधी ने लिखा, पिछले महीनों में हमने देखा कि प्रधानमंत्री और उनकी सरकार लोकतंत्र के सभी तीन स्तंभों विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका को व्यवस्थित रूप से ध्वस्त कर रही है. उनके कामों से लोकतंत्र और लोकतांत्रिक जवाबदेही के लिए तिरस्कार का प्रदर्शन होता है. संसद में विपक्ष को मुद्दे उठाने से रोका गया अपने लेख में सोनिया गांधी ने संसद में हुईं घटनाओं का जिक्र करते हुए लिखा है, पिछले सत्र में हमने उस सरकारी रणनीति को देखा, जिसके तहत विपक्ष को बेरोजगारी, मुद्रास्फीति, सामाजिक विभाजन, बजट और अदाणी जैसे मुद्दे उठाने से रोका गया. सरकार ने विपक्ष के विरोध का सामना करने के लिए कई उपायों का सहारा लिया. इनमें भाषणों को हटाना, चर्चा को रोकना, संसद सदस्यों पर हमला करना और आखिर में कांग्रेस के एक सांसद को तेज गति से अयोग्य घोषित करार दे दिया गया. नतीजा हुआ कि लोगों के 45 लाख करोड़ का बजट बिना किसी बहस के पास कर दिया गया. यहां तक कि जब लोकसभा में वित्त विधेयक पारित किया गया तब पीएम अपने व्यापक मीडिया कवरेज वाले निर्वाचन क्षेत्र में परियोजनाओं के उद्घाटन में व्यस्त थे. जांच एजेंसियों का किया गया दुरुपयोग सोनिया गांधी ने कहा, मोदी सरकार द्वारा सीबीआई और ईडी का दुरुपयोग जाहिर है. 95 फीसदी राजनीतिक मामले सिर्फ विपक्षी नेताओं के खिलाफ दायर किए गए. वहीं, वे लोग जो बीजेपी में शामिल हो गए, उनके खिलाफ केस चमत्कारिक रूप से गायब हो गए. उन्होंने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बने कानूनों का दुरुपयोग किया जा रहा है. पत्रकारों-कार्यकर्ताओं और थिंक टैंक के खिलाफ मामले अप्रत्याशित हैं. मेहुल चौकसी और बिलकिस बानो केस का भी किया जिक्र कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लिखा, पीएम सच्चाई और न्याय को लेकर दिखावटी बयान देते हैं. यहां तक कि प्रधानमंत्री के चुने हुए व्यवसायियों पर वित्तीय धोखाधड़ी के आरोपों को भी नजरअंदाज किया जाता है. भगोड़े मेहुल चौकसी के खिलाफ इंटरपोल नोटिस वापस ले लेता है. वहीं, बिलकिस बानो के रेप के दोषियों को छोड़ दिया गया. वे बीजेपी के नेताओं के साथ मंच साझा कर रहे हैं. सोनिया गांधी ने लिखा, न्यायपालिका की विश्वसनीयता को कमजोर करने का व्यवस्थित प्रयास संकट तक पहुंच गया है. केंद्रीय मंत्री कुछ रिटायर जजों को एंटीनेशनल बता रहे हैं और उन्हें चेतावनी दे रहे हैं कि उन्हें कीमत चुकानी पड़ेगी. यह भाषा लोगों को जानबूझकर गुमराह करने, उनके जुनून को भड़काने के लिए इस्तेमाल की जा रही है, ताकि जजों को धमकाया जा सके. मीडिया की स्वतंत्रता से किया गया समझौता सोनिया गांधी ने लिखा, मीडिया की स्वतंत्रता से समझौता किया गया. सरकार ने वित्तीय शक्ति और बीजेपी के दोस्तों के साथ मिलकर राजनीतिक धमकी के जरिए ऐसा किया. चैनलों पर शाम को चलने वाले डिबेट्स स्लैंगिंग मैच की तरह हो गए हैं, जहां सरकार पर सवाल उठाने वालों को शांत कर दिया जाता है. सरकार इससे भी संतुष्ट नहीं हुई, तो सूचना प्रौद्योगिकी नियमों में संशोधन करके कानूनी तौर पर खुद को और सशस्त्र कर लिया गया. अब किसी भी ऐसी खबर को जो पसंद न हो उसे फेक न्यूज का टैग देकर हटाया जा सकता है. उन्होंने आगे लिखा, सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में स्पष्ट किया है, सरकार की आलोचना दंडात्मक कार्रवाई का आधार नहीं है. क्या सरकार सुन रही है? नहीं. BJP-RSS ने वकीलों की एक सेना तैयार कर रखी है जो महान नेता की आलोचना करने पर किसी भी मंच को परेशान करने के लिए हमेशा तैयार है. महंगाई-किसानों के मुद्दे पर केंद्र पर निशाना कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित करने वाले सरकार के कार्यों पर उठ रहे जायज सवाल पर चुप हैं. वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में बेरोजगारी या महंगाई का जिक्र नहीं किया, मानो ऐसा जैसे कि ये समस्याएं हैं ही नहीं. उनकी चुप्पी दूध, सब्जियां, अंडे, रसोई गैस, बेरोजगारी का सामना कर रहे करोड़ों लोगों के संघर्ष में मदद नहीं कर सकती. किसानों की 2022 तक आय दोगुनी करने के अपने वादे पर विफल रहने के बाद प्रधानमंत्री ने आसानी से चुप्पी साध ली है, जबकि उनकी अन्य समस्याएं जैसे बढ़ती लागत अभी भी ज्यों के त्यों हैं. सोनिया गांधी ने लिखा, प्रधानमंत्री के प्रयासों के बावजूद भारत के लोग न तो चुप रह सकते हैं और न ही रहेंगे. अगले कुछ महीने हमारे लोकतंत्र की परीक्षा के लिए एक अहम परीक्षा है. हमारा देश ऐसे चौराहे पर है, जहां नरेंद्र मोदी सरकार कई प्रमुख राज्यों में सत्ता और चुनाव का दुरुपयोग करने पर तुली है. उन्होंने लिखा, कांग्रेस पार्टी अपने संदेश को लोगों तक ले जाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी. ऐसा ही कांग्रेस ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान किया. कांग्रेस भारत के संविधान की रक्षा करने के लिए समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ हाथ मिलाएगी. हमारी लड़ाई लोगों की आवाज की रक्षा करने की है. कांग्रेस पार्टी विपक्षी दल के रूप में अपने कर्तव्यों को समझती है और सभी समान विचारधारा वाले लोगों के साथ काम करने के लिए तैयार है. Sonia Gandhinarendra modiBJP RSSPublished Date Tue, Apr 11, 2023, 10: 33 AM IST

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Sonia Gandhi Attacks On Modi Govt: कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने एक बार फिर से केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है. एक अखबार को लिखे अपने लेख में सोनिया गांधी ने केंद्र पर आरोप लगाया कि सरकार लोकतंत्र को खत्म कर रही सरकार. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से संसद में अदाणी मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं की गई. सोनिया गांधी ने कहा कि चुप्पी से देश की कोई समस्या हल नहीं होगी.

सोनिया गांधी ने केंद्र पर लगाए कई गंभीर आरोप

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, भारत के लोगों ने यह सीख लिया है कि जब आज की स्थिति को समझने की बात आती है, तो प्रधानमंत्री मोदी की हरकतें उनके शब्दों से कहीं अधिक जोर से बोलती हैं. सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर केंद्र की एजेंसियों का दुरुपयोग करने, संसद में विपक्ष की आवाज दबाने,  मीडिया पर दबाव बनाने, न्यायपालिका की विश्वसनीयता को कमजोर करने का प्रयास करने का आरोप लगाया है. उन्होंने अपने लेख में महंगाई, बेरोजगारी और किसानों से जुड़े मुद्दे को उठाया है. उन्होंने कहा, थोपी गई चुप्पी से देश की समस्याओं का हल नहीं होगा. सोनिया गांधी ने लिखा, पिछले महीनों में हमने देखा कि प्रधानमंत्री और उनकी सरकार लोकतंत्र के सभी तीन स्तंभों विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका को व्यवस्थित रूप से ध्वस्त कर रही है. उनके कामों से लोकतंत्र और लोकतांत्रिक जवाबदेही के लिए तिरस्कार का प्रदर्शन होता है.

संसद में विपक्ष को मुद्दे उठाने से रोका गया

अपने लेख में सोनिया गांधी ने संसद में हुईं घटनाओं का जिक्र करते हुए लिखा है, पिछले सत्र में हमने उस सरकारी रणनीति को देखा, जिसके तहत विपक्ष को बेरोजगारी, मुद्रास्फीति, सामाजिक विभाजन, बजट और अदाणी जैसे मुद्दे उठाने से रोका गया. सरकार ने विपक्ष के विरोध का सामना करने के लिए कई उपायों का सहारा लिया. इनमें भाषणों को हटाना, चर्चा को रोकना, संसद सदस्यों पर हमला करना और आखिर में कांग्रेस के एक सांसद को तेज गति से अयोग्य घोषित करार दे दिया गया. नतीजा हुआ कि लोगों के 45 लाख करोड़ का बजट बिना किसी बहस के पास कर दिया गया. यहां तक कि जब लोकसभा में वित्त विधेयक पारित किया गया तब पीएम अपने व्यापक मीडिया कवरेज वाले निर्वाचन क्षेत्र में परियोजनाओं के उद्घाटन में व्यस्त थे.

जांच एजेंसियों का किया गया दुरुपयोग

सोनिया गांधी ने कहा, मोदी सरकार द्वारा सीबीआई और ईडी का दुरुपयोग जाहिर है. 95 फीसदी राजनीतिक मामले सिर्फ विपक्षी नेताओं के खिलाफ दायर किए गए. वहीं, वे लोग जो बीजेपी में शामिल हो गए, उनके खिलाफ केस चमत्कारिक रूप से गायब हो गए. उन्होंने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बने कानूनों का दुरुपयोग किया जा रहा है. पत्रकारों-कार्यकर्ताओं और थिंक टैंक के खिलाफ मामले अप्रत्याशित हैं.

मेहुल चौकसी और बिलकिस बानो केस का भी किया जिक्र

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लिखा, पीएम सच्चाई और न्याय को लेकर दिखावटी बयान देते हैं. यहां तक कि प्रधानमंत्री के चुने हुए व्यवसायियों पर वित्तीय धोखाधड़ी के आरोपों को भी नजरअंदाज किया जाता है. भगोड़े मेहुल चौकसी के खिलाफ इंटरपोल नोटिस वापस ले लेता है. वहीं, बिलकिस बानो के रेप के दोषियों को छोड़ दिया गया. वे बीजेपी के नेताओं के साथ मंच साझा कर रहे हैं. सोनिया गांधी ने लिखा, न्यायपालिका की विश्वसनीयता को कमजोर करने का व्यवस्थित प्रयास संकट तक पहुंच गया है. केंद्रीय मंत्री कुछ रिटायर जजों को एंटीनेशनल बता रहे हैं और उन्हें चेतावनी दे रहे हैं कि उन्हें कीमत चुकानी पड़ेगी. यह भाषा लोगों को जानबूझकर गुमराह करने, उनके जुनून को भड़काने के लिए इस्तेमाल की जा रही है, ताकि जजों को धमकाया जा सके.

मीडिया की स्वतंत्रता से किया गया समझौता

सोनिया गांधी ने लिखा, मीडिया की स्वतंत्रता से समझौता किया गया. सरकार ने वित्तीय शक्ति और बीजेपी के दोस्तों के साथ मिलकर राजनीतिक धमकी के जरिए ऐसा किया. चैनलों पर शाम को चलने वाले डिबेट्स स्लैंगिंग मैच की तरह हो गए हैं, जहां सरकार पर सवाल उठाने वालों को शांत कर दिया जाता है. सरकार इससे भी संतुष्ट नहीं हुई, तो सूचना प्रौद्योगिकी नियमों में संशोधन करके कानूनी तौर पर खुद को और सशस्त्र कर लिया गया. अब किसी भी ऐसी खबर को जो पसंद न हो उसे फेक न्यूज का टैग देकर हटाया जा सकता है. उन्होंने आगे लिखा, सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में स्पष्ट किया है, सरकार की आलोचना दंडात्मक कार्रवाई का आधार नहीं है. क्या सरकार सुन रही है? नहीं. BJP-RSS ने वकीलों की एक सेना तैयार कर रखी है जो महान नेता की आलोचना करने पर किसी भी मंच को परेशान करने के लिए हमेशा तैयार है.

महंगाई-किसानों के मुद्दे पर केंद्र पर निशाना

कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित करने वाले सरकार के कार्यों पर उठ रहे जायज सवाल पर चुप हैं. वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में बेरोजगारी या महंगाई का जिक्र नहीं किया, मानो ऐसा जैसे कि ये समस्याएं हैं ही नहीं. उनकी चुप्पी दूध, सब्जियां, अंडे, रसोई गैस, बेरोजगारी का सामना कर रहे करोड़ों लोगों के संघर्ष में मदद नहीं कर सकती. किसानों की 2022 तक आय दोगुनी करने के अपने वादे पर विफल रहने के बाद प्रधानमंत्री ने आसानी से चुप्पी साध ली है, जबकि उनकी अन्य समस्याएं जैसे बढ़ती लागत अभी भी ज्यों के त्यों हैं.

सोनिया गांधी ने लिखा, प्रधानमंत्री के प्रयासों के बावजूद भारत के लोग न तो चुप रह सकते हैं और न ही रहेंगे. अगले कुछ महीने हमारे लोकतंत्र की परीक्षा के लिए एक अहम परीक्षा है. हमारा देश ऐसे चौराहे पर है, जहां नरेंद्र मोदी सरकार कई प्रमुख राज्यों में सत्ता और चुनाव का दुरुपयोग करने पर तुली है. उन्होंने लिखा, कांग्रेस पार्टी अपने संदेश को लोगों तक ले जाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी. ऐसा ही कांग्रेस ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान किया. कांग्रेस भारत के संविधान की रक्षा करने के लिए समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ हाथ मिलाएगी. हमारी लड़ाई लोगों की आवाज की रक्षा करने की है. कांग्रेस पार्टी विपक्षी दल के रूप में अपने कर्तव्यों को समझती है और सभी समान विचारधारा वाले लोगों के साथ काम करने के लिए तैयार है.

Sonia Gandhinarendra modiBJP RSSPublished Date

Tue, Apr 11, 2023, 10: 33 AM IST