सुलभ-इंटरनेशनल-के-संस्थापक-बिंदेश्वर-पाठक-का-निधन,-aiims-में-ली-अंतिम-सांस,-राष्ट्रपति-और-पीएम-ने-जताया-शोक
सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. उन्होंने दिल्ली के एम्स में 80 साल की उम्र में उन्होंने आखिरी सांस ली. उनके निधन की जानकारी उनके करीबी सहयोगी ने दी. इधर उनके निधन की खबर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया. स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान बिगड़ी थी तबीयत, अस्पताल में इलाज के दौरान निधन बताया जा रहा है कि बिंदेश्वर पाठक की तबीयत उनके दिल्ली स्थित ऑफिस में स्वतंत्रता दिवस समारोह मनाने के दौरान बिगड़ी. जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनका निधन हो गया. उनके एक करीबी ने बताया, सुबह उन्होंने तिरंगा फहराया. उसके बाद वे गिर गये. उसके बाद उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया. जहां दोपहर करीब 1.42 बजे डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. पीएम मोदी ने बिंदेश्वर पाठक के निधन पर जताया शोक बिंदेश्वर पाठक के निधन पर शोक जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया और लिखा, डॉ बिंदेश्वर पाठक जी का निधन हमारे देश के लिए एक गहरी क्षति है. वह एक दूरदर्शी व्यक्ति थे जिन्होंने सामाजिक प्रगति और वंचितों को सशक्त बनाने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया. बिंदेश्वर जी ने स्वच्छ भारत के निर्माण को अपना मिशन बना लिया. उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन को जबरदस्त समर्थन प्रदान किया. हमारी विभिन्न बातचीत के दौरान स्वच्छता के प्रति उनका जुनून हमेशा दिखता रहा. उनका काम कई लोगों को प्रेरणा देता रहेगा. इस कठिन समय में उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं. शांति. The passing away of Dr. Bindeshwar Pathak Ji is a profound loss for our nation. He was a visionary who worked extensively for societal progress and empowering the downtrodden. Bindeshwar Ji made it his mission to build a cleaner India. He provided monumental support to the… pic.twitter.com/z93aqoqXrc — Narendra Modi (@narendramodi) August 15, 2023 राष्ट्रपति ने जताया दुख डॉ बिंदेश्वर पाठक के निधन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दुख जताया. उन्होंने ट्वीट किया और लिखा, सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक श्री बिन्देश्वर पाठक के निधन का समाचार अत्यंत दुखदाई है. श्री पाठक ने स्वच्छता के क्षेत्र में क्रान्तिकारी पहल की थी. उन्हें पद्म-भूषण सहित अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था. उनके परिवार तथा सुलभ इंटरनेशनल के सदस्यों को मैं अपनी शोक-संवेदनाएं व्यक्त करती हूं. कौन हैं डॉ बिंदेश्वर पाठक डॉ बिंदेश्वर पाठक को पूरी दुनिया में सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक के रूप में जाना जाता है. उनका जन्म 2 अप्रैल 1943 में बिहार के रामपुर में हुआ था. उन्होंने सामाजिक विज्ञान और अंग्रेजी भाषा में एम ए की पढ़ाई की. उसके बाद पीएचडी और डीलिट किया. उनकी शिक्षा पटना विश्वविद्यालय में हुई थी. 1970 में डॉ बिंदेश्वर पाठक ने सुलभ इंटरनेशनल की स्थापना की मालूम हो डॉ बिंदेश्वर पाठक ने 1970 में सुलभ इंटरनेशनल की स्थापना की. बताया जाता है, इसके पीछे बिहार के पूर्व मंत्री शत्रुहरण शरण सिंह की सलाह थी. उन्होंने इस अभियान की शुरुआत बिहार से की थी, बाद में यह बंगाल तक पहुंचा. फिर देखते-देखते देश ही नहीं विश्वभर में यह फैल गया. 1980 में इस संस्था का नाम सुलभ इण्टरनेशनल सोशल सर्विस आर्गनाइजेशन हो गया. बड़ी बात है कि बिंदेश्वर पाठक का जन्म एक पारंपरिक ब्राह्मण परिवार में हुआ था. उसके बावजूद उन्होंने पीएचडी का अध्ययन क्षेत्र भंगी मुक्ति और स्वच्छता के लिए सर्व सुलभ संसाधन जैसे विषय को चुना और इस दिशा में गहन शोध भी किया. 1968 में श्री पाठक भंगी मुक्ति कार्यक्रम से जुड़े रहे और उन्होंने तब इस सामाजिक बुराई और इससे जुड़ी हुई पीड़ा का अनुभव किया. उसी का परिणाम है कि पाठक ने 1970 में भारत के इतिहास में एक अनोखे आंदोलन के रूप में सुलभ इंटरनेशनल का शुभारंभ किया. 1999 में पद्म भूषण से हुए सम्मानित डॉ बिंदेश्वर पाठक को साल 1999 में पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. साल 2003 में विश्व के 500 उत्कृष्ट सामाजिक कार्य करने वाले व्यक्तियों की सूची में उनका नाम प्रकाशित किया गया. इसके अलावा बिंदेश्वर पाठक एनर्जी ग्लोब समेत कई दूसरे पुरस्कारों से भी सम्मानित हुए. AIIMS‪Narendra Modi‬‬Published Date Tue, Aug 15, 2023, 5: 31 PM IST

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सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. उन्होंने दिल्ली के एम्स में 80 साल की उम्र में उन्होंने आखिरी सांस ली. उनके निधन की जानकारी उनके करीबी सहयोगी ने दी. इधर उनके निधन की खबर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया.

स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान बिगड़ी थी तबीयत, अस्पताल में इलाज के दौरान निधन

बताया जा रहा है कि बिंदेश्वर पाठक की तबीयत उनके दिल्ली स्थित ऑफिस में स्वतंत्रता दिवस समारोह मनाने के दौरान बिगड़ी. जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनका निधन हो गया. उनके एक करीबी ने बताया, सुबह उन्होंने तिरंगा फहराया. उसके बाद वे गिर गये. उसके बाद उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया. जहां दोपहर करीब 1.42 बजे डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

पीएम मोदी ने बिंदेश्वर पाठक के निधन पर जताया शोक

बिंदेश्वर पाठक के निधन पर शोक जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया और लिखा, डॉ बिंदेश्वर पाठक जी का निधन हमारे देश के लिए एक गहरी क्षति है. वह एक दूरदर्शी व्यक्ति थे जिन्होंने सामाजिक प्रगति और वंचितों को सशक्त बनाने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया. बिंदेश्वर जी ने स्वच्छ भारत के निर्माण को अपना मिशन बना लिया. उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन को जबरदस्त समर्थन प्रदान किया. हमारी विभिन्न बातचीत के दौरान स्वच्छता के प्रति उनका जुनून हमेशा दिखता रहा. उनका काम कई लोगों को प्रेरणा देता रहेगा. इस कठिन समय में उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं. शांति.

The passing away of Dr. Bindeshwar Pathak Ji is a profound loss for our nation. He was a visionary who worked extensively for societal progress and empowering the downtrodden.

Bindeshwar Ji made it his mission to build a cleaner India. He provided monumental support to the… pic.twitter.com/z93aqoqXrc

— Narendra Modi (@narendramodi) August 15, 2023 राष्ट्रपति ने जताया दुख

डॉ बिंदेश्वर पाठक के निधन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दुख जताया. उन्होंने ट्वीट किया और लिखा, सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक श्री बिन्देश्वर पाठक के निधन का समाचार अत्यंत दुखदाई है. श्री पाठक ने स्वच्छता के क्षेत्र में क्रान्तिकारी पहल की थी. उन्हें पद्म-भूषण सहित अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था. उनके परिवार तथा सुलभ इंटरनेशनल के सदस्यों को मैं अपनी शोक-संवेदनाएं व्यक्त करती हूं.

कौन हैं डॉ बिंदेश्वर पाठक

डॉ बिंदेश्वर पाठक को पूरी दुनिया में सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक के रूप में जाना जाता है. उनका जन्म 2 अप्रैल 1943 में बिहार के रामपुर में हुआ था. उन्होंने सामाजिक विज्ञान और अंग्रेजी भाषा में एम ए की पढ़ाई की. उसके बाद पीएचडी और डीलिट किया. उनकी शिक्षा पटना विश्वविद्यालय में हुई थी.

1970 में डॉ बिंदेश्वर पाठक ने सुलभ इंटरनेशनल की स्थापना की

मालूम हो डॉ बिंदेश्वर पाठक ने 1970 में सुलभ इंटरनेशनल की स्थापना की. बताया जाता है, इसके पीछे बिहार के पूर्व मंत्री शत्रुहरण शरण सिंह की सलाह थी. उन्होंने इस अभियान की शुरुआत बिहार से की थी, बाद में यह बंगाल तक पहुंचा. फिर देखते-देखते देश ही नहीं विश्वभर में यह फैल गया. 1980 में इस संस्था का नाम सुलभ इण्टरनेशनल सोशल सर्विस आर्गनाइजेशन हो गया. बड़ी बात है कि बिंदेश्वर पाठक का जन्म एक पारंपरिक ब्राह्मण परिवार में हुआ था. उसके बावजूद उन्होंने पीएचडी का अध्ययन क्षेत्र भंगी मुक्ति और स्वच्छता के लिए सर्व सुलभ संसाधन जैसे विषय को चुना और इस दिशा में गहन शोध भी किया. 1968 में श्री पाठक भंगी मुक्ति कार्यक्रम से जुड़े रहे और उन्होंने तब इस सामाजिक बुराई और इससे जुड़ी हुई पीड़ा का अनुभव किया. उसी का परिणाम है कि पाठक ने 1970 में भारत के इतिहास में एक अनोखे आंदोलन के रूप में सुलभ इंटरनेशनल का शुभारंभ किया.

1999 में पद्म भूषण से हुए सम्मानित

डॉ बिंदेश्वर पाठक को साल 1999 में पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. साल 2003 में विश्व के 500 उत्कृष्ट सामाजिक कार्य करने वाले व्यक्तियों की सूची में उनका नाम प्रकाशित किया गया. इसके अलावा बिंदेश्वर पाठक एनर्जी ग्लोब समेत कई दूसरे पुरस्कारों से भी सम्मानित हुए.

AIIMS‪Narendra Modi‬‬Published Date

Tue, Aug 15, 2023, 5: 31 PM IST