सुन-लो-सरकार:-नीमच-में-चप्पल-सिर-पर-रख-सीएम-से-मांगी-न्याय-की-भीख,-एक-हजार-शिकायती-पेज-लेकर-लोटते-हुए-पहुंचा
शिकायती पेज लेकर लोटते हुए पहुंचा जनसुनवाई में - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ यूं तो अलग-अलग तरह के कदम उठाए जा रहे हैं। लेकिन नीमच जिले की जावद विधानसभा के ग्राम काकरिया तलाई से मुकेश प्रजापत नामक एक व्यक्ति पिछले सात साल से कलेक्टर कार्यालय के चक्कर काट रहा है। मजे की बात यह है कि जनसुनवाई में हर बार आवेदन देने के बाद उसे अधिकारियों द्वारा कार्रवाई की बजाय सिर्फ आश्वासन दिया जाता है। आश्वासन की आस में जब वह अगली जनसुनवाई में फिर पहुंचता है तो फिर मिलता है उसे एक नया आश्वासन। आखिर पीड़ित व्यक्ति जिसने भ्रष्टाचार को अपने गांव से जड़ से खत्म करने के लिए मुहिम चलाई, उसके अंतर्गत जब पानी सिर से ऊपर गुज़र गया और उसकी शिकायतों को अधिकारी हल्के में लेते हुए कभी कोई उचित कार्रवाई नहीं कर पाए और लगातार चक्कर काट कर परेशान होते हुए मुकेश प्रजापति ने मंगलवार को जनसुनवाई में एक अनोखे अंदाज में बिना शर्ट पहने 1000 पुराने शिकायती आवेदनों की माला को पहनकर लोटन करते हुए कलेक्टर कार्यालय परिसर में दाखिल हुआ, जिसे देखकर हर कोई दंग रह गया। उसके पश्चात कलेक्टर कार्यालय के बाहर बैठकर मुकेश प्रजापति ने मध्यप्रदेश के मुखिया मोहन सरकार से न्याय की भीख मांगी। यहां तक कि उन्होंने अपनी चप्पल खोलकर सिर पर रखते हुए मीडिया के सामने कहा कि मोहन यादव जी अब तो मुझे न्याय दे दो, साल साल हो चुके हैं, अब मैं खुद की चप्पल अपने सिर पर रखकर न्याय की भीख मांगता हूं। इस हालत को देखते हुए एक विचारणीय प्रश्न जरूर मन में आता है कि क्या न्याय के लिए आम आदमी को इस तरह परेशान होना पड़ेगा?

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शिकायती पेज लेकर लोटते हुए पहुंचा जनसुनवाई में – फोटो : अमर उजाला

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प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ यूं तो अलग-अलग तरह के कदम उठाए जा रहे हैं। लेकिन नीमच जिले की जावद विधानसभा के ग्राम काकरिया तलाई से मुकेश प्रजापत नामक एक व्यक्ति पिछले सात साल से कलेक्टर कार्यालय के चक्कर काट रहा है। मजे की बात यह है कि जनसुनवाई में हर बार आवेदन देने के बाद उसे अधिकारियों द्वारा कार्रवाई की बजाय सिर्फ आश्वासन दिया जाता है।

आश्वासन की आस में जब वह अगली जनसुनवाई में फिर पहुंचता है तो फिर मिलता है उसे एक नया आश्वासन। आखिर पीड़ित व्यक्ति जिसने भ्रष्टाचार को अपने गांव से जड़ से खत्म करने के लिए मुहिम चलाई, उसके अंतर्गत जब पानी सिर से ऊपर गुज़र गया और उसकी शिकायतों को अधिकारी हल्के में लेते हुए कभी कोई उचित कार्रवाई नहीं कर पाए और लगातार चक्कर काट कर परेशान होते हुए मुकेश प्रजापति ने मंगलवार को जनसुनवाई में एक अनोखे अंदाज में बिना शर्ट पहने 1000 पुराने शिकायती आवेदनों की माला को पहनकर लोटन करते हुए कलेक्टर कार्यालय परिसर में दाखिल हुआ, जिसे देखकर हर कोई दंग रह गया।

उसके पश्चात कलेक्टर कार्यालय के बाहर बैठकर मुकेश प्रजापति ने मध्यप्रदेश के मुखिया मोहन सरकार से न्याय की भीख मांगी। यहां तक कि उन्होंने अपनी चप्पल खोलकर सिर पर रखते हुए मीडिया के सामने कहा कि मोहन यादव जी अब तो मुझे न्याय दे दो, साल साल हो चुके हैं, अब मैं खुद की चप्पल अपने सिर पर रखकर न्याय की भीख मांगता हूं। इस हालत को देखते हुए एक विचारणीय प्रश्न जरूर मन में आता है कि क्या न्याय के लिए आम आदमी को इस तरह परेशान होना पड़ेगा?

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