सुन-लो-सरकार:-उमरिया-में-रोजगार-दिलाने-के-नाम-पर-युवक-की-तस्करी,-बेटे-को-छुड़ाने-के-लिए-मां-पहुंची-एसपी-के-पास
न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, उमरिया Published by: अरविंद कुमार Updated Tue, 02 Jul 2024 10: 07 PM IST पीड़िता गीता बाई बैगा ने बताया, मेरे बेटे राजकुमार बैगा को 10 महीने पहले मानपुर का ठेकेदार धर्मेन्द्र बैगा मेरठ में बेच आया है। आज एसपी के पास आए थे कि मेरे बच्चे को छुड़वा दीजिए, तो आश्वासन दिए हैं। पीड़ित परिजन - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us उमरिया जिले में मानव तस्करी का मामला सामने आया है। इसका खुलासा तब हुआ, जब पीड़िता मां जिले के एसपी के पास अपने बेटे को छुड़ाने के लिए गुहार लगाने पहुंची। दरअसल, एक राष्ट्रीय संरक्षित जनजाति के 20 वर्षीय युवक को रोजगार देने के नाम पर उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले ले जाया गया और वहां उसको किसी व्यक्ति के यहां बेच दिया गया। बता दें कि जब इसकी भनक उसके माता-पिता को लगी तो वे लोग मानपुर थाने में लिखित आवेदन 10 जनवरी 2024 को दिए कि मेरे पुत्र राजकुमार बैगा को चार महीने पहले सितंबर 2023 में मानपुर निवासी ठेकेदार धर्मेन्द्र बैगा, मिथलेश बैगा एवं बसंता बैगा के साथ ले जाकर बेच आया है। मेरे पुत्र को वापस दिलाया जाय, लेकिन मानपुर पुलिस हर बार ठेकेदार धर्मेंद्र बैगा को बुलाकर औपचारिकता निभा कर छोड़ देती है। पीड़िता मां आज जिले के पुलिस अधीक्षक के पास गुहार लगाने पहुंच गई कि मेरे इकलौते पुत्र को छुड़वा दीजिए। वहीं, पीड़िता के दामाद राजकुमार बैगा ने बताया कि मेरे साले का नाम भी राजकुमार बैगा है और लगभग 10 महीने पहले उसको मानपुर निवासी ठेकेदार धर्मेन्द्र बैगा मेरठ में गन्ना कटवाने के नाम पर ले जाकर बेच आया है। हम लोग पता लगाते रहे और जब पता लगा तो 10 जनवरी 2024 को मानपुर थाने में लिखित आवेदन भी दिए थे। लेकिन मानपुर पुलिस मात्र आश्वासन देती है, कोई कार्रवाई नहीं करती है। वहीं, ठेकेदार धर्मेन्द्र बीमार होने का बहाना बताता है। कहता है कि मेरी तबियत ठीक हो जाएगी तो मैं ला दूंगा, आज एसपी साहब के पास आए हैं कि मेरे साले को छुड़वा दिया जाय। इस मामले में उमरिया जिले के एडिशनल एसपी और प्रभारी एसपी प्रतिपाल सिंह महोबिया ने बताया कि हमारे पास मानपुर थाना क्षेत्र से एक महिला आकर लिखित आवेदन दी है कि उसके पुत्र राजकुमार बैगा को मानपुर निवासी धर्मेन्द्र बैगा काम करवाने के लिए ले जाकर मेरठ में बेच आया है। इसका परीक्षण करवा कर हम मेरठ टीम रवाना करेंगे। गौरतलब है जिले में हो रही मानव तस्करी का यह कोई पहला मामला नहीं है। कई बार पुलिस भी गश्ती के दौरान रेल्वे स्टेशन से बच्चों को रोक कर उनके परिजनों को सौंप चुकी है और दूसरे प्रदेशों से छुड़ा कर भी ला चुकी है। यदि देखा जाय तो आए दिन बालक और बालिकाओं के गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज होती है। जो कहीं न कहीं मानव तस्करी की ओर इशारा करती है। वहीं, इसको रोकने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास करने की आवश्यकता है, ताकि बचपन बचाया जा सके। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, उमरिया Published by: अरविंद कुमार Updated Tue, 02 Jul 2024 10: 07 PM IST

पीड़िता गीता बाई बैगा ने बताया, मेरे बेटे राजकुमार बैगा को 10 महीने पहले मानपुर का ठेकेदार धर्मेन्द्र बैगा मेरठ में बेच आया है। आज एसपी के पास आए थे कि मेरे बच्चे को छुड़वा दीजिए, तो आश्वासन दिए हैं। पीड़ित परिजन – फोटो : अमर उजाला

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उमरिया जिले में मानव तस्करी का मामला सामने आया है। इसका खुलासा तब हुआ, जब पीड़िता मां जिले के एसपी के पास अपने बेटे को छुड़ाने के लिए गुहार लगाने पहुंची। दरअसल, एक राष्ट्रीय संरक्षित जनजाति के 20 वर्षीय युवक को रोजगार देने के नाम पर उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले ले जाया गया और वहां उसको किसी व्यक्ति के यहां बेच दिया गया।

बता दें कि जब इसकी भनक उसके माता-पिता को लगी तो वे लोग मानपुर थाने में लिखित आवेदन 10 जनवरी 2024 को दिए कि मेरे पुत्र राजकुमार बैगा को चार महीने पहले सितंबर 2023 में मानपुर निवासी ठेकेदार धर्मेन्द्र बैगा, मिथलेश बैगा एवं बसंता बैगा के साथ ले जाकर बेच आया है। मेरे पुत्र को वापस दिलाया जाय, लेकिन मानपुर पुलिस हर बार ठेकेदार धर्मेंद्र बैगा को बुलाकर औपचारिकता निभा कर छोड़ देती है। पीड़िता मां आज जिले के पुलिस अधीक्षक के पास गुहार लगाने पहुंच गई कि मेरे इकलौते पुत्र को छुड़वा दीजिए।

वहीं, पीड़िता के दामाद राजकुमार बैगा ने बताया कि मेरे साले का नाम भी राजकुमार बैगा है और लगभग 10 महीने पहले उसको मानपुर निवासी ठेकेदार धर्मेन्द्र बैगा मेरठ में गन्ना कटवाने के नाम पर ले जाकर बेच आया है। हम लोग पता लगाते रहे और जब पता लगा तो 10 जनवरी 2024 को मानपुर थाने में लिखित आवेदन भी दिए थे। लेकिन मानपुर पुलिस मात्र आश्वासन देती है, कोई कार्रवाई नहीं करती है। वहीं, ठेकेदार धर्मेन्द्र बीमार होने का बहाना बताता है। कहता है कि मेरी तबियत ठीक हो जाएगी तो मैं ला दूंगा, आज एसपी साहब के पास आए हैं कि मेरे साले को छुड़वा दिया जाय।

इस मामले में उमरिया जिले के एडिशनल एसपी और प्रभारी एसपी प्रतिपाल सिंह महोबिया ने बताया कि हमारे पास मानपुर थाना क्षेत्र से एक महिला आकर लिखित आवेदन दी है कि उसके पुत्र राजकुमार बैगा को मानपुर निवासी धर्मेन्द्र बैगा काम करवाने के लिए ले जाकर मेरठ में बेच आया है। इसका परीक्षण करवा कर हम मेरठ टीम रवाना करेंगे।

गौरतलब है जिले में हो रही मानव तस्करी का यह कोई पहला मामला नहीं है। कई बार पुलिस भी गश्ती के दौरान रेल्वे स्टेशन से बच्चों को रोक कर उनके परिजनों को सौंप चुकी है और दूसरे प्रदेशों से छुड़ा कर भी ला चुकी है। यदि देखा जाय तो आए दिन बालक और बालिकाओं के गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज होती है। जो कहीं न कहीं मानव तस्करी की ओर इशारा करती है। वहीं, इसको रोकने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास करने की आवश्यकता है, ताकि बचपन बचाया जा सके।

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